SECTION 289 IPC IN HINDI पूरी जानकारी

आईपीसी की धारा 289 क्या है What is section 289 of IPC

नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं आईपीसी की धारा  के 289 बारे में क्या होती है 289 धारा आईपीसी की और इसमें क्या-क्या प्रावधान दिए गए हैं इन सब विषयों के बारे में आज हम इस लेख के माध्यम से आप लोगों को कानूनी जानकारी से अवगत कराने वाले हैं हमारा हमेशा से ही प्रयास रहा है कि ज्यादा से ज्यादा कानूनी जानकारियां आप लोगों तक पहुंचाता रहूं

आईपीसी धारा 289 जीव – जन्तु के सम्बंध में उपेक्षापूर्व आचरण IPC Section 289 – Negligent conduct with respect to animal 

जो कोई अपने कब्जे में के किसी जीवजन्तु के सम्बंध में ऐसी व्यवस्था करने का, जो ऐसे जीवजन्तु से मानव जीवन को किसी अधिसम्भाव्य संकट या घोर उपहति के किसी अधिसम्भाव्य संकट से बचाने के लिए पर्याप्त हो, जानते हुए या उपेक्षापूर्वक लोप करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दंडित किया जाएगा । 

आईपीसी धारा 289 का विवरण Details of IPC Section 289

 धारा 284 से लेकर  –धारा 289 तक के अंतर्गत अपराधों की प्रकृति समान है जीव – जंतु के सम्बन्ध में उपेक्षापूर्ण आचरण धारा 289 के अधीन दण्डनीय अपराध है इसके अनुसार, जो कोई अपने कब्जे में किसी जीव – जंतु के सम्बंध में ऐसी व्यवस्था करने का,

जो ऐसे जीव जंतु से मानव जीवन को किसी अधिसम्भाव्य संकट या घोर उपहति के किसी अधिसम्भाव्य संकट से बचाने के लिए पर्याप्त हो, जानते हुए या उपेक्षापूर्वक लोप करेगा, वह छह मास तक के सादा या कठिन कारावास से, या एक हजार रुपए तक के जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा । 

इस धारा के अंतर्गत अभियुक्त के कब्जे में किसी जीव – जंतु का होना आवश्यक है  उसके द्वारा ऐसे जीव – जन्तु के सम्बन्ध में ऐसी व्यवस्था करने का, जो ऐसे जीव – जन्तु से मानव जीवन को किसी अधिसम्भाव्य संकट या घोर उपहति के किसी अधिसम्भाव्य संकट से बचाने के लिए पर्याप्त हो,

जानते हुए या उपेक्षापूर्वक लोप किया जाना आवश्यक है धारा में जीव जन्तु का प्रयोग यह स्पष्ट करता है कि जीव जन्तु पालतू भी हो सकता है और हिंस्र भी । जहां एक भैस ने, जिसके बारे में यह जानकारी थीं कि वह खतरनाक है, अपने सिर पर घास का गठ्ठर ले जा रही एक स्त्री को खेत में मृत्यु कारित कर दी, तो उसके स्वामी और सेवक, जिसके नियंत्रण में वह भैस उस क्षण थी, को इस धारा के अधीन दोषसिद्ध किया गया । 

इस धारा के अधीन अपराध संज्ञेय, जमानतीय और अशमनीय है, और यह किसी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है ।

साथियों इसी के साथ हम अपने लेख को समाप्त करते हैं हम आशा करते हैं हमारा यह एक आपको पसंद आया होगा तथा समझने योग्य होगा अर्थात धारा 289 आईपीसी की जानकारी आप को पूर्ण रूप से हो गई होगी 

 कानूनी सलाह लेने के लिए अथवा पंजीकृत करने के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरूरत होती है  इन सभी सवालों से जुड़ी सारी जानकारी इस लेख के माध्यम से हम आज आप तक पहुंचाने की पूरी कोशिश किए हैं

अगर आपको इस सवाल से जुड़ी या किसी अन्य कानून व्यवस्था से जुड़ी जैसे आईपीसी, सीआरपीसी सीपीसी इत्यादि से जुड़ी किसी भी सवालों की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बेझिझक होकर कमेंट कर सकते हैं और आपके सवालों के उत्तर को हम जल्द से जल्द देने का हम पूरा प्रयास करेंगे।

अगर आप हमारे जानकारी से संतुष्ट है तो आप हमारे ब्लॉग पेज mylegaladvice.in को लाइक करिए तथा अपने दोस्तो के साथ इस आर्टिकल को शेयर करिए जिससे उन्हें भी इस धारा 289 आईपीसी  की जानकारी प्राप्त हो सके और किसी जरूरतमंद की मदद हो जायेगी

 

Leave a Comment