SECTION 448 IPC IN HINDI पूरी जानकारी

आईपीसी की धारा 448 क्या है What is section 448 of IPC

नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं आईपीसी की धारा  के 448 बारे में क्या होती है 448 धारा आईपीसी की और इसमें क्या-क्या प्रावधान दिए गए हैं इन सब विषयों के बारे में आज हम इस लेख के माध्यम से आप लोगों को कानूनी जानकारी से अवगत कराने वाले हैं हमारा हमेशा से ही प्रयास रहा है कि ज्यादा से ज्यादा कानूनी जानकारियां आप लोगों तक पहुंचाता रहूं

आईपीसी धारा 448 गृह- अतिचार के लिए दण्ड IPC Section 448 – Punishment for house-trespass

जो कोई गृह – अतिचार करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रुपए तक का हो  सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा । 

आईपीसी धारा 448 का विवरण  Details of IPC Section 448

 यह धारा गृह  अतिचार के लिए दंड की व्यवस्था करती है इसके अनुसार, जो कोई गृह – अतिचार करेगा वह एक वर्ष तक के सादा या कठिन कारावास से,  या एक हजार रुपए तक के जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा । गृह अतिचार के लिए आपराधिक अतिचार से कुछ अधिक दंड की व्यवस्था है, और इसलिए यह अपराध उस अपराध की तुलना में कुछ कठोर है । 

किरपाल सिंह बनाम वजीत सिंह –  में दिल्ली उच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी की कि यह मामला एक अत्यधिक अपवाद स्वरूप मामलों में से एक है जिसमें असन्दिग्ध रूप से दुकान के वास्तविक स्वामी को दुकान के कब्जे और उपयोग से 37 वर्ष तक वंचित रखा गया और इस अवधि में उसे किराये या किसी भी प्रकार के प्रतिकर के रूप में एक पैसे का भुगतान भी नहीं किया गया ।

यह अवश्य ही एक ऐसी दुःखद कहानी है कि कैसे एक ईमानदार और वास्तविक स्वामी दशकों तक विधिक दांव पेंच में  उलझकर भुगतता रहता है और दुकान के कब्जे और उपयोग से वास्तविक स्वामी ( परिवादी ) को वंचित रहना पड़ता हैं ।

चाहे अभियुक्तो का दुकान में प्रवेश विधिक था तो भी उन्होंने 37 वर्षों से अधिक तक दुकान को अवैध रूप से और बेईमानी से अपने पास रखा । वे सभी इतने वर्षों तक स्पष्टतः अतिचार के लिए दोषी है और संहिता की धारा 448 के अधिन दण्डनीय है । 

इस धारा के अधिव अपराध संज्ञेय, जमानतीय और शमनीय है, और यह किसी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है । 

साथियों इसी के साथ हम अपने लेख को समाप्त करते हैं हम आशा करते हैं हमारा यह एक आपको पसंद आया होगा तथा समझने योग्य होगा अर्थात धारा 448 आईपीसी की जानकारी आप को पूर्ण रूप से हो गई होगी 

 कानूनी सलाह लेने के लिए अथवा पंजीकृत करने के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरूरत होती है  इन सभी सवालों से जुड़ी सारी जानकारी इस लेख के माध्यम से हम आज आप तक पहुंचाने की पूरी कोशिश किए हैं

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