SECTION 157 IPC IN HINDI पूरी जानकारी

आईपीसी की धारा 157 क्या है What is section 157 of IPC

नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं आईपीसी की धारा  के 157 बारे में क्या होती है 157 धारा आईपीसी की और इसमें क्या-क्या प्रावधान दिए गए हैं इन सब विषयों के बारे में आज हम इस लेख के माध्यम से आप लोगों को कानूनी जानकारी से अवगत कराने वाले हैं हमारा हमेशा से ही प्रयास रहा है कि ज्यादा से ज्यादा कानूनी जानकारियां आप लोगों तक पहुंचाता रहूं

आईपीसी धारा 157 विधिविरुद्ध जमाव के लिए भाड़े पर लाए गए व्यक्तियों को संश्रय देना IPC Section 157 Harboring persons hired for unlawful assembly

जो कोई अपने अधिभोग या भारसाधन, या नियंत्रण के अधीन किसी गृह या परिसर में किन्ही व्यक्तियों को, यह जानते हुए कि वे व्यक्ति विधिविरुद्ध जमाव में सम्मिलित होने या सदस्य बनने के लिए भाड़े पर लाए गए, वचनबद्ध या नियोजित किए गए हैं

या भाड़े पर लाए जाने, वचनबद्ध या नियोजित किए जाने वाले हैं, संश्रय देगा, आने देगा या सम्मिलित करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि छह माह तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा । 

SECTION 157 IPC IN ENGLISH

According to section 157 of Indian penal code, Whoever harbours, receives or assembles, in any house or premises in his occupation or charge, or under his control any persons knowing that such persons have been hired, engaged or employed, or are about to be hired, engaged or employed, to join or become members of an unlawful assembly, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to six months, or with fine, or with both.

 

आईपीसी धारा 157 का विवरण 

जबकि धारा 150 विधिविरुद्ध जमाव में सम्मिलित करने के लिए व्यक्तियों का भाड़े पर लेना या भाड़े पर लेने के प्रति मौनानुकूलता को दंडित करती है, यह धारा विधिविरुद्ध जमाव के लिए भाड़े पर लाए गए व्यक्तियो को संश्रय देने को दंडित करती है

इसके अनुसार, अपने अधिभोग या भारसाधन, या नियंत्रण के अधीन किसी गृह या परिसर में जो कोई किन्ही व्यक्तियों को यह जानते हुए संश्रय देगा, आने देगा या सम्मिलित करेगा कि वे व्यक्ति विधिविरुद्ध जमाव में सम्मिलित होने या सदस्य बनने के लिए भाड़े पर लाए गए या लाए जाने वाले हैं, वचनबद्ध किए गए हैं,

या नियोजित किए गए हैं या किए जाने वाले हैं, वह छह मास तक के कठिन या सादा कारावास से, या जुर्माने से, या दोनों से दंडित किया जाएगा इस धारा के अधीन संश्रय देंना, आने  देना या सम्मिलित करना, विधिविरुद्ध जमाव में सम्मिलित होने या उसका सदस्य बनने के लिए ही  होना आवश्यक है यदि मामला यह न हो तो यह धारा लागू नहीं होगी । 

इस धारा के अधीन अपराध संज्ञेय, जमानतीय और अशमनीय है और यह महानगर मजिस्ट्रेट या प्रथम या द्वितीय वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है । 

साथियों इसी के साथ हम अपने लेख को समाप्त करते हैं हम आशा करते हैं हमारा यह एक आपको पसंद आया होगा तथा समझने योग्य होगा अर्थात धारा 157 आईपीसी की जानकारी आप को पूर्ण रूप से हो गई होगी 

 कानूनी सलाह लेने के लिए अथवा पंजीकृत करने के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरूरत होती है  इन सभी सवालों से जुड़ी सारी जानकारी इस लेख के माध्यम से हम आज आप तक पहुंचाने की पूरी कोशिश किए हैं

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