SECTION 451 IPC IN HINDI पूरी जानकारी

आईपीसी की धारा 451 क्या है What is section 451 of IPC

नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं आईपीसी की धारा  के 451 बारे में क्या होती है 451 धारा आईपीसी की और इसमें क्या-क्या प्रावधान दिए गए हैं इन सब विषयों के बारे में आज हम इस लेख के माध्यम से आप लोगों को कानूनी जानकारी से अवगत कराने वाले हैं हमारा हमेशा से ही प्रयास रहा है कि ज्यादा से ज्यादा कानूनी जानकारियां आप लोगों तक पहुंचाता रहूं

आईपीसी की धारा 451  कारावास से दंडित अपराध को करने के लिए ग्रह अतिचार Section 451 IPC – Planetary trespass to commit offense punishable with imprisonment

आईपीसी की धारा 451 के अनुसार जो कोई कारावास से दंडनीय कोई अपराध करने के लिए गृह अतिचार करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि 2 वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा, और जुर्माने से भी दंडनीय होगा, तथा यदि वह अपराध जिसका किया जाना आशयित हो, चोरी हो, तो कारावास की अवधि 7 वर्ष तक की हो सकेगी।

SECTION 451 IPC IN ENGLISH

According to section 451 of Indian penal code, Whoever commits house-trespass in order to the committing of any offence punishable with imprisonment, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to two years, and shall also be liable to fine; and if the offence intended to be committed is theft, the term of the imprisonment may be extended to seven years.

 

आईपीसी की धारा 451 का विवरण 

कारावास के दंडनीय अपराध को करने के लिए गृह अतिचार करना इस धारा के अधीन दंडनीय अपराध है । इसके अनुसार, जो कोई कारावास के दंडनीय कोई अपराध करने के लिए गृह अतिचार करेगा, वह 2 वर्ष तक के सादा या कठिन कारावास से दंडित किया जाएगा, और जुर्माने से भी दंडनीय होगा,

और यदि अभियुक्त का आशय चोरी का अपराध करना हो तो कारावास की अवधि 7 वर्ष तक की हो सकेगी। यह धारा पूर्ववर्ती दो धाराओं 449 और 450 के समान है, पर इसके अधीन अपराध उन दो धाराओं के अधीन अपराधो से कम गंभीर है। चोरी करने के आशय से गृह अतिचार करने पर कारावास की अवधि अधिक है। जहाँ एक भू- स्वामी मकान के उस भाग मे, जिस पर किरायेदार का कब्जा था,

बकाया किराया लेने के लिए गया, और उसने उसकी मांग की, ये धारा लागू नही होगी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यह अभिनिर्धारीत किया है कि इस धारा का पृष्ठ भाग तब लागू होगा जब चोरी करने के आशय से गृह अतिचार किया गया हो, और वास्तव मे चोरी भी की गई हो।

सम्मान के साथ, यह उचित प्रतीत नही होता। इस धारा के अधीन अपराध संघेय, अजमानतीय और अश्मणीय है, और यदि चोरी कारित की जाये तो यह किसी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। पर यदि कारावास से दंडनीय कोई अन्य अपराध कारित किया जाये तब यह संघेय, जमानतीय और क्षमनिय है जब विचारणीय न्यायालय ऐसा करने की अनुमति दे, और यह किसी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

साथियों इसी के साथ हम अपने लेख को समाप्त करते हैं हम आशा करते हैं हमारा यह एक आपको पसंद आया होगा तथा समझने योग्य होगा अर्थात धारा 451 आईपीसी की जानकारी आप को पूर्ण रूप से हो गई होगी 

 कानूनी सलाह लेने के लिए अथवा पंजीकृत करने के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरूरत होती है  इन सभी सवालों से जुड़ी सारी जानकारी इस लेख के माध्यम से हम आज आप तक पहुंचाने की पूरी कोशिश किए हैं

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