मार्शल लॉ (Martial Law) क्या है ये कब लागू किया जाता है 1 पूरी जानकारी

मार्शल लॉ (Martial Law)क्या है ? 

हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सब मैं आप सभी का आज के ब्लॉग में स्वागत करता हूं दोस्तों आज हम बात करेंगे एक बहुत महत्वपूर्ण और प्रचलित लॉ के बारे में जिसका नाम है ( Martial law) मार्शल लॉ क्या होता है, मार्शल लॉ की घोषणा कौन करता है,

मार्शल लॉ के तहत क्या-क्या नियम और कानून लागू होते हैं मार्शल लॉ नेशनल एमरजैंसी से अलग कैसे होता है, किन देशों में मार्शला लगाया जाता है, भारत में मार्शल लॉ कभी लगा है

या नहीं, आपके मन में उठे ऐसे कई सवालों का जवाब इस आर्टिकल के माध्यम से मैं आपको पूरी जानकारी प्रदान कराने की पूरी कोशिश करूंगा। 

दोस्तों ऐसे ही हमारे साथ अंत तक बने रहिए जिसके जरिए में आपको सरल व आसान भाषा में मार्शल लॉ के बारे में बता सकूं और आप को पूर्ण रूप से समझा सकूं। 

मार्शल लॉ क्या है

दोस्तों मार्शल लॉ के द्वारा सरकार द्वारा घोषित एक ऐसी न्याय व्यवस्था है जिसमें सैन्य बलों के द्वारा बिगड़ी हुई हालात या परिस्थिति को नियंत्रण करने का अधिकार दिया जाता है 

दोस्तों जब देश पर कभी कोई ऐसी परिस्थिति आ जाती है या कोई खतरा मडराने लगता है, या प्रदेश की न्याय व्यवस्था डगमगाने लगता है तब उस परिस्थिति में न्याय व्यवस्था को सेना ( जवान ) के हाथों में सौंपा जाता है 

दोस्तों तब उस परिस्थिति में जो नियम लागू होते हैं सैनिक द्वारा उसे ही सैनिक कानून या मार्शल लॉ ( Martial law) कहा जाता है। जब भी कोई बड़ी प्राकृतिक आपदा आती है तब मार्शल लॉ का प्रयोग किया जाता है मार्शल लॉ का आदेश उन्हें सरकार द्वारा दिया जाता है यह अधिकार सिर्फ सरकार के पास ही होता है

उदाहरण

???? जब कभी कोई युद्ध होता है उस समय इस लॉ का पूर्ण रूप से इस्तेमाल किया जाता है। 

????दोस्तों या फिर कभी किसी क्षेत्र, किसी जगह, किसी अस्थान को जीतने के बाद उस क्षेत्र में मार्शल लॉ लागू कर दिया जाता है। 

???? जब देश में तृतीय विश्वयुद्ध हुआ था उसके तुरंत बाद जर्मनी और जापान मैं इसे लागू किया गया था। 

???? अब तक के समय में पाकिस्तान में भी मार्शल लॉ का उपयोग चार बार किया जा चुका है। 

???? जब एक समय में राय तख्तापलट हुआ था उसके बाद भी मार्शल लॉ( Martial law) लगा दिया गया था। 

दोस्तों यह निश्चित नहीं है की जब यह मार्शल लॉ लागू हो तो पूरे देश में लागू हो 

यह कहीं भी कभी भी किसी भी देश के छोटे से हिस्से में लगाया जा सकता है इसलिए क्योंकि जब कहीं ऐसी परिस्थिति में देश की न्याय व्यवस्था पर संकट आ जाता है  तब उस परिस्थिति को सेना अपने हाथों में लेती है तब जो नियम प्रभावी होते हैं उन्हें मार्शल लॉ( Martial law) कहते हैं

मार्शल लॉ(Martial Law)का प्रयोग किन परिस्थितियों में किया जाता है

कुछ निम्न उदाहरण 

✍️ जब देश में नागरिक अशांति हो (तब)

✍️ या फिर देश में राष्ट्रीय परेशानी आ जाती है (तब)

✍️ या फिर युद्ध की स्थिति बन जाती है (तब)

✍️ या फिर कोई भी आपातकालीन स्थिति आ जाए (तब) इत्यादि 

दोस्तों मार्शल लॉ( Martial law) का उपयोग तब किया जाता है जब कभी घातक परिस्थिति या फिर स्टेट ऑफ वार की स्थिति या कोई नेशनल कराइसेस से आ जाए ऐसी परिस्थिति में नागरिक सरकार द्वारा निर्णय लेना अत्यंत कठिन हो जाता है इसलिए सभी निर्णय सेना के द्वारा लिए जाते हैं

इन स्थिति में आर्मी के जवानों के हाथों में परिस्थिति को काबू करने के लिए सौप दिया जाता है

दोस्तों यह जरूरी नहीं कि मार्शल लॉ जब भी लागू हो तो पूरे देश में हो यह कहीं भी – कभी भी किसी भी देश के छोटे से भाग में लगाया जा सकता है

और दोस्तों जब जिस देश में मार्शल लॉ लगता है वहां के सारी व्यवस्था आर्मी के जवान उसे टेकओवर करते हैं उस स्थिति में सरकार के जो नॉर्मल सिविलियन फंक्शन होते हैं मतलब पूर्ण रूप से आम नागरिक की व्यवस्था को हटा दिया जाता है 

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दोस्तों मार्शल लॉ कानून को लागू करने के नियम एक देश से दूसरे देश में कुछ हद तक बदले जा सकते हैं लेकिन खुद कुछ तथ्य ऐसे हैं जो बिल्कुल एक दूसरे से मिलते जुलते होते हैं इसके अंतर्गत आने वाले कर्फ्यू आदि विशेष कानून होते हैं

दोस्तों जिस क्षेत्र में यह नियम लागू रहता है वहां पर आम आदमी एक जगह से दूसरी जगह घूम नहीं सकते हैं वहां के सिविलियन कोर्ट बंद हो जाते हैं सिविल राइट खत्म हो जाती है वहां पर आर्मी लाइट चालू हो जाती है

दोस्तों माशाल्लाह का विरोध करते कोई भी पकड़ा जाए तो आर्मी उसे जेल में डाल सकती है या वहीं पर मार सकती है वहां के सिविलियन फोर्ट सस्पेंड हो जाते हैं और मिलिट्री कोर्ट हो जाते हैं मिलिट्री कोर्ट के पास यह अधिकार रहता है कि वह किसी को भी कभी भी नोटिस देकर बुला सकता है

जब भी कोई व्यक्ति सिविलियन मार्शल लॉ( Martial law) का विरोध करते हुए दिखे या लोकतंत्र की मांग करें तो उन्हें मिलिट्री पकड़कर कोर्ट में पेश कर सकती हैं उन पर मुकदमा भी दायर किया जा सकता है

मार्शल लॉ(Martial Law)के तहत सेना के अधिकार

मित्रों मार्शल लॉ के तहत सेना को निम्न अधिकार रहता है

जैसे 

✍️ मार्शल लॉ के तहत विशेष रुप से प्रभावित स्थान पर कर्फ्यू लगाया जाता है इस कानून को तोड़ने वाले को तुरंत गिरफ्तार करने का अधिकार भी रहता है

 

✍️ ऐसी स्थिति में लोगों को क्या वहां घूमने की अनुमति नहीं रहती है परंतु सामान्य समय में उन्हें वारंट इंटेंशन के लिए इतना गंभीर नहीं माना जाता है

 

✍️ सेना को बिना किसी सहारा लेने की संभावना के अनिश्चित काल तक गिरफ्तार किए हुए व्यक्ति को रखने की अनुमति होती है

 

✍️ जब यह घोषित होता है तब नागरिक स्वतंत्रता है जैसे स्वतंत्र आंदोलन का अधिकार स्वतंत्र भाषण या अनुचित खोजो से सुरक्षा आदि को सस्पेंड कर दिया जाता है

 

✍️ सेना द्वारा कोर्ट खोले जाते हैं जहां किसी भी समय अपराधी को या किसी अन्य जो अपराध किया हो उसे नोटिस द्वारा कोर्ट में पेश किया जाता है

 

✍️ या जो भी इस कानून का विरोध करने के लिए आवाज उठाता है उसे भी कोर्ट में पेश होना पड़ता है उस व्यक्ति पर भी कार्रवाई की जाती है

 

✍️ गैर कानूनी हिरासत को रोकने के लिए डिजाइन किए गए है पीएस कार्पस से संबंधित कानून को भी सस्पेंड किया जा सकता है

 

✍️ न्याय प्रणाली के तहत आमतौर पर अपराधिक और नागरिक कानून के मुद्दे को संभालती है उसे सेना ट्रिब्यूनल जैसे से न्याय प्रणाली के साथ रिप्लेस कर दिया जाता है इसमें सेना के पास यह अधिकार होता है कि वह किसी को भी जेल में डाल सकती है और उसको मार भी सकती है

 मार्शल लॉ (Martial Law) और नेशनल इमरजेंसी में अंतर

 दोस्तों मार्शल लॉ और नेशनल इमरजेंसी में कुछ अंतर होते हैं जोकि निम्न रूप से और सरल भाषा में समझाने का प्रयास किया गया है

???? दोस्तों भारत में अगर कानून की व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित हो रही हो या भंग हो रही हो तो उस वक्त मार्शल लॉक लगाया जा सकता है

???? परंतु अगर बाहर से अटैक हो रहा हो युद्ध बाहरी आक्रामकता या ससस्त्र विद्रोह हो तो आपातकाल लगाया जा सकता है

???? दोस्तों मार्शल लॉ लागू होने पर कुछ लोगों के मौलिक अधिकार ही प्रतिबंधित होते हैं जबकि राष्ट्रीय आपातकाल मौलिक अधिकारों फेडरल स्कीम बिजली वितरण आदि पर व्यापक रूप से प्रभाव पड़ता है

???? मार्शल लॉ लागू होते ही समान अदालतों को सस्पेंड कर दिया जाता है जबकि राष्ट्रीय आपातकाल में कानून की सामान्य अदालतें कार्यरत में रहती हैं

???? दोस्तों भारत में कानून व न्याय व्यवस्था टूटती है तब मार्शल लॉ का प्रयोग किया जाता है जबकि राष्ट्रीय आपातकाल युद्ध की स्थिति में देश की बाहरी आक्रामकता सहस्त्र विद्रोह के चलते लगाया जाता है परंतु दूसरे देशों में इन परिस्थितियों में भी मार्शल लॉ का प्रयोग किया जाता है

???? भारत के संविधान में यह निश्चित नहीं किया गया है की मार्शल लॉ का प्रयोग कब किया जाए परंतु राष्ट्रीय आपातकाल कब लगाया जाए इसके बारे में पूरी जानकारी दी गई है

???? मार्शल लॉ का कानून लागू करना मिलिट्री के हाथों में होता है जबकि राष्ट्रीय आपातकाल में मिलिट्री का काम होता है

???? मार्शल लॉ राष्ट्रपति द्वारा तब लगाया जाता है मंत्री मंडल द्वारा इसके लिए लिखित प्रस्ताव दिया जाता है

 

मार्शल लॉ के दौरान सत्तारूढ़ दल कई बार लोकतंत्र के बुनियादी मौलिक अधिकारों को लंबे समय तक चोट पहुंचाते हैं जिससे वहां के रहने वालों को काफी मुश्किलों और तकलीफों का सामना करना पड़ता है इसलिए वहां के लोग यह चाहते हैं कि उनके अधिकारों का दमन ना हो और लोकतंत्र रहे और देश में शांति व्यवस्था कायम रहे

कौन से देश में मार्शल लॉ(Martial Law) का उपयोग किया गया है और कब कुछ निम्न उदाहरण

????अमेरिका

दोस्तों संयुक्त राज्य अमेरिका में सुमित परिस्थितियों में माशा अल्लाह का उपयोग किया गया था जैसे न्यू ऑरलियंस की लड़ाई के दौरान जापानी हमले के बाद सन 1871 के ग्रेट शिकागो फायर और सन उन्नीस सौ छह चेन्नई भूकंप जैसी बड़ी आपदाओं को रोकने के लिए यह मार्शल लॉ लगाया गया था

????चाइना

 चाइना में यह मार्शल लॉ सन 20 मई 1989 को तियानानमेन स्क्वायर विरोध के दौरान राज्य परिषद के द्वारा लगाया गया था इस विद्रोह को 89 लोकतंत्र आंदोलन भी कहा जाता है

कनाडा

????कॉलोनियल युद्ध में 1775 व 1776 में अमेरिकी महाद्वीप कांग्रेश की सेना द्वारा कनाडा पर आक्रमण के दौरान क्यूबैक प्रांत क्षेत्र में लगाया गया था / सन 1837 और 1838 विद्रोह के दौरान लोअर कनाडा के चित्र में दो बार लगाए गया था

????बूनेई

दोस्तों 8 दिसंबर सन 1962 को यहां एक बहुत बड़ा विद्रोह हुआ था बुनेई विद्रोह कहां जाता है और तब उस समय ब्रिटिश सैनिकों ने उसे सिंगापुर से हटा दिया था तब उन्हीं में मार्शल लॉ कानून के अंडर में था। 

????इंडोनेशिया

दोस्तों इंडोनेशिया में एक सैन्य गतिविधि के दौरान 18 मई सन 2003 को राष्ट्रपति के आदेश के तहत इंडोनेशिया सेना प्रमुख ने 6 महीने की अवधि के लिए मार्शल लॉ लगाया था जिसके कारण वह ऐसेनिज अलगाववादियों को आक्रमक रूप से खत्म कर सकें

????इजराइल

दोस्तों इजराइल में जब सैन्य प्रशासनिक सरकार प्रभाव में थे तब इजराइल के कुछ भौगोलिक क्षेत्रों में जैसे नेगेव, गैलेली और ट्रायगल में सन 1949 से 1966 तक उस समय इन क्षेत्रों में निवासी मार्शल लॉ के अधीन थे

????तुर्की

सन 1923 में तुर्की गणराज्य की न्यू के बाद सेना ने 3 फुट दी अटैक का आयोजन किया और मार्शल लॉ की घोषणा की फिर सन 1978 में मार्शल लाल लगाया गया लेकिन उसे सन 2002 तक सीमित प्रांतों में आपातकालीन स्थिति में बदल दिया गया। 

????ताइवान

दोस्तों जब द्वितीय विश्व युद्ध हुआ और चीन की जीत हुई तब कई ऐसे देश उसके नियंत्रण में थे जिसमें से एक ताइवान भी था सन 1949 में युद्ध में हारे हुए कुछ देशों के साथ यहां भी मार्शल लॉ घोषित किया गया था

????सीरिया

दोस्तों सीरिया में सन 1963 के सीडीआई ग्रुप डी अटैक के बाद अभी भी मार्शल लॉ का शासन है

????यूक्रेन

दोस्तों अभी हाल ही में यूक्रेन में जहां के तटीय क्षेत्रों रूस और ट्रांसनिस्ट्रिया मैं मार्शल लॉ लगाए जाने के बारे में खबरें सामने आई थी। 

????पोलैंड

दोस्तों लोकतांत्रिक विपक्ष को रोकने के लिए पोलैंड में 13 दिसंबर 1981 को कम्युनिस्ट पोलैंड में मार्शल ला पेश किया गया था। 

????फिलिपिंस

दोस्तों फिलीपींस में 21 सितंबर 1944 को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान राष्ट्रपति के द्वारा मार्शल लॉ लगाया गया था के बाद सन 1972 से 1981 तक फर्डिनेंड मार्कोस के प्रशासन के तहत मार्शल लॉ के अधीन थे

????मॉरीशस

दोस्तों मॉरीशस में 1968 में यहां आपातकाल की स्थिति उत्पन्न हुई थी तब यहां मार्शल ला लगाया गया था। 

पाकिस्तान????

  • पाकिस्तान में सन 1958 में हुए युद्ध के दौरान पहला मार्शल लॉ लगाया गया था 
  • इसके 4 साल बाद यानी सन 1962 में संविधान का एक नया दस्तावेज लागू किया गया था किंतु अयूब खान ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने एक आम पैसा लिया उन्होंने सन 1969 में 1962 में लागू किए गए संविधान को रद्द कर दिया और वहां फिर से मार्शल लॉ घोषित कर दिया
  • फिर पाकिस्तान में तीसरी बार बांग्लादेश लिबरेशन युद्ध के बाद जुल्फिकार अली भुट्टो ने मार्शल लॉ लगाया था 
  • फिर उसके बाद 5 जुलाई सन 1977 को जनरल मोहब्बद जिला उल हक द्वारा लगाया गया था

????ईरान

दोस्तों ईरान में कॉमेडी के बेटे की मौत से कथित सरकारी भागीदारी का विरोध और सार्वजनिक प्रदर्शन हुए जिसके चलते चलते सेना के प्रमुख जनरल गुलाम अली ओवैसी को तेहरान राजधानी के सैनिक गवर्नर के रूप में नियुक्त किया और 8 सितंबर को सरकार ने कई अन्य शहरों के साथ पूरे देश में मार्शल ला को स्थापित करने की घोषणा कर दी। 

मार्शल लॉ लगने के बाद क्या प्रभाव पड़ा

दोस्तों जिन जिन देशों में माशाल्लाह को स्थापित किया गया था उस देश के लोकतंत्र पर बहुत गहरा प्रभाव पढ़ा था जिसका खामियाजा आम नागरिकों को भुगतना पड़ा क्योंकि उस समय उनके सारे अधिकारों का हनन होता रहा माशाल्लाह के अनुसार मिलिट्री कोर्ट लागू होता है

जहां सैन्य बल के अनुसार कार्रवाई होती है मार्शल लॉ के दौरान होने वाली प्रतिक्रिया से लोगों को काफी हद तक परेशानियों से जूझना पढ़ता था। 

मार्शल लॉ लगने के पश्चात देश लोकतंत्र के साथ-साथ देश में रहने वाले लोगों पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है इसलिए कभी ऐसी परिस्थिति आ जाती है जिसके दौरान सारा आर देना को सौंप दिया जाता है विदेश में शांति व्यवस्था फिर से कायम हो सके। 

निष्कर्ष

दोस्तों आज हम इस लेख के माध्यम से हम आपको मार्शल लॉ से जुड़ी सारे तथ्यों के बारे में सरल शब्दों में जानकारी प्रदान की गई है 

आपको किसी भी कानून के बारे में जानकारी चाहिए तो आप हमें कमेंट सेक्शन में कमेंट कर सकते हैं आपके सभी सवालों का जवाब अति शीघ्र व सरल भाषा में देने का हम पूरा प्रयास करेंगे। 

हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा और आप हमारी जानकारी से संतुष्ट होंगे

दोस्तों आप हमारे पेज को लाइक और अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले जिससे उन्हें भी इस मार्शल लॉ कानून के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके 

????धन्यवाद

1 thought on “मार्शल लॉ (Martial Law) क्या है ये कब लागू किया जाता है 1 पूरी जानकारी”

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