हाजिरी माफी क्या होती है क्रिमिनल मुकदमे में hajri mafi कैसे लिखें? धारा 205 crpc मे प्रावधान बताए है पूरी जानकारी

नमस्कार दोस्तो

आज हम आपको एक महत्वपूर्ण जानकारी से रूबरू कराने जा रहे हैं जो अधिकतर न्यायालय में अभियुक्तों के लिए और न्यायालय में जो नए वकील वकालत में आए हैं उनके लिए महत्वपूर्ण जानकारी है इसमें हम आपको बताएंगे कि हाजिरी माफी क्या होती है 

 

यह कैसे लिखी जाती है और किस धारा के अंतर्गत यह प्रावधान बताए गए हैं की HAJRI MAFI लिखी जाए HAJRI MAFI अधिकतर अपराधिक मुकदमे में ही दी जाती है क्योंकि सिविल मुकदमों में किसी प्रकार का कोई अपराध नहीं होता है। 

सिविल मुकदमे में  वादी या प्रतिवादी अगर अनुपस्थित है तो साधारण प्रार्थना पत्र न्यायालय में अनुपस्थिति के कारण बताते हुए पेश करना होता है सिविल मुकदमा किसी प्रकार का कोई अपराधिक मुकदमा नहीं होता है

और क्रिमिनल मुकदमों में अगर कोई अभियुक्त न्यायालय में आने में असमर्थ है या कोई ऐसा कारण है जिस कारण वह न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सकता तो  HAJRI MAFI जरिए अधिवक्ता न्यायालय में दी जाती है आइए देखते हैं इसकी संपूर्ण जानकारी क्या है।

 

हाजिरी माफी क्या है और यह किस धारा के अंतर्गत प्रावधान बताए गए हैं?

किसी अभियुक्त के पास अगर न्यायालय द्वारा कोई समन जारी किया जाता है या अभियुक्त का कोई अपराधिक मुकदमा न्यायालय के अंदर विचाराधीन है और अभियुक्त न्यायालय में उपस्थित होने में असमर्थ है तो अभियुक्त द्वारा हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र जरिए अधिवक्ता धारा 205 दंड प्रक्रिया संहिता 1973 के अंतर्गत प्रावधान है

अभियुक्त जरिए अधिवक्ता अपनी हाजिरी माफी न्यायालय के समक्ष पेश करता है और न्यायालय को अगर उचित कारण लगता है तो न्यायालय द्वारा हाजिरी माफी स्वीकार कर ली जाती है।

अगर अभियुक्त द्वारा बार-बार न्यायालय में उपस्थित होने में असमर्थ है और न्यायालय को लगता है कि बार-बार HAJRI MAFI ही अभी द्वारा पेश की जाती है तो न्यायालय हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र को अस्वीकार भी कर सकता है।

हाजिरी माफी कैसे लिखें?

HAJRI MAFI लिखते समय बहुत सी बातें ध्यान में रखने योग्य होती हैं जैसे हाजिरी माफी साधारण पाई पेपर पर लिखी जाती है जिसमें ऊपर न्यायालय का नाम अंकित होता है जिस न्यायालय अभियुक्त का अपराधिक मुकदमा विचाराधीन है उच्च न्यायालय का नाम अंकित किया जाता है

उसके पश्चात नीचे मुकदमे का उनवान लिखा जाता है उनवान मानी केस टाइटल जिस नाम से केस चल रहा है उसके पश्चात किस धारा में चल रहा है  FIR नंबर पुलिस थाने का नाम और फिर विषय लिखना होता है। इसका विस्तार से नीचे हम फॉर्मेट आपको बताने जा रहे हैं कि किस प्रकार से लिखी जा सकती है।

 

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हाजिरी माफी लिखते समय कुछ आवश्यक बातें हैं जो निम्न प्रकार से है?

  1.  हाजिरी माफी साधारण पाई पेपर पर लिखी जाती है।
  2. हाजिरी माफी पर उचित न्याय शुल्क होना चाहिए।
  3. हाजिरी माफी के ऊपर न्यायालय का नाम अंकित होना चाहिए जिस न्यायालय में अभियुक्त का मुकदमा विचारधीन हो।
  4. हाजिरी माफी लिखते समय न्यायालय के नाम के नीचे मुकदमे का उनवान लिखना होता है अर्थात जिस नाम से केस या मुकदमा न्यायालय के अंदर चल रहा हो
  5. हाजिरी माफी में मुकदमे के उनवान के नीचे दाएं तरफ एफ आई आर नंबर जिस धारा के अंतर्गत मुकदमा चल रहा है वह धारा पुलिस खाने का नाम अंकित होना चाहिए।
  6. इसके पश्चात इन सबके बाद विषय लिखना चाहिए जिसके अंदर लिखना होता है प्रार्थना पत्र बाबत HAJRI MAFIऔर अंडरलाइन करना होता है।

हाजिरी माफी क्रिमिनल मुकदमों में कैसे लिखें जिस का प्रारूप निम्न प्रकार से है।

 

                                 न्यायालय महानगर मजिस्ट्रेट क्रम संख्या 5 जिला ….

 

                                 सरकार               बनाम           अभियुक्त का नाम

 

                                                                                                                       वाद संख्या……

                                                                                                                       एफआईआर न……

                                                                                                                      अंतर्गत धारा……

                                                                                                                       पुलिस थाना……

 

   विषय- प्रार्थना-पत्र बाबत हाजिरी माफी

      महोदय,

               प्रार्थना पत्र निम्न प्रकार प्रस्तुत है

  1.                यह की उक्त उनवनी प्रकरण मैं प्रार्थी/अभियुक्त की तारीख पेशी नियत है।
  2.                यह की उक्त उनवनी प्रकरण में प्रार्थी अभियुक्त बीमार होने के कारण न्यायालय में गैर हाजिर है।
  3.                 यह कि उक्त उनवनी प्रकरण में प्रार्थी/अभियुक्त की हाजिरी माफी कारणवश है ना कि  इरादतन है

                   अतः प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर निवेदन है कि प्रार्थी अभियुक्त की हाजिरी माफी स्वीकार करने की कृपा करें एवं                                                     वकालतन पैरवी करने के आदेश प्रदान करने की कृपा करें।

 

                दिनांक………                                                                                                                                                                                                                                                                                                      प्रार्थी/अभियुक्त

 

                                                                                                                      (अभियुक्त का नाम)

 

                               जरिए अधिवक्ता

                      (अधिवक्ता का नाम व हस्ताक्षर)

                   मोबाइल न• अधिवक्ता के मोबाइल नंबर

 

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6 thoughts on “हाजिरी माफी क्या होती है क्रिमिनल मुकदमे में hajri mafi कैसे लिखें? धारा 205 crpc मे प्रावधान बताए है पूरी जानकारी”

  1. Bahut achchhi knowledge dete hai aap , mai aap se judna chahta hui aap ko Bahut bahut dhanyawad
    Adv. Narendra Pratap Singh yadav

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