गिफ्ट डीड (Gift Deed) क्या होती है ये कैसे बनवायी जाती है? 1 पूरी जानकारी

नमस्कार दोस्तो

आज हम आपको बताने जा रहे है गिफ्ट डीड के बारे मे क्या होती है  के बारे में एक महत्वपूर्ण जानकारी हम आप लोगों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। गिफ्ट डीड कैसे लिखी जाती है कौन बनवा सकता है कौन गिफ्टेड कर सकता है गिफ्ट डीड करने के लिए किन-किन दस्तावेजों की आवश्यकता होती है

इन सब के बारे में आज हम आपसे विस्तार से चर्चा करने वाले हैं इसके के बारे मे विस्तार से आपको बताने जा रहे है ! इसको  उपहार पत्र भी कहा जाता है किसी व्यक्ति द्वारा अपनी चल व अचल सम्पति को किसी अन्य व्यक्ति को अंतरण करना या किसकी व्यक्ति को उपहार मे अपनी सम्पति  देना जिसे साधारण भाषा मे दान देना भी बोला  जा सकता है ।

गिफ्ट डीड क्या होती है?

गिफ्ट डीड से तात्पर्य साधारण भाषा में हम यह समझ सकते हैं किसी व्यक्ति द्वारा अपनी चल व अचल संपत्ति किसी अन्य व्यक्ति को उपहार में देना जिस व्यक्ति के द्वारा संपत्ति उपहार में दी जाती है उसे दाता कहा जाता है और दूसरे व्यक्ति जिसको दी जाती है उसे अधता कहा जाता है वह अपनी संपत्ति दान स्वेच्छा पूर्वक दया की भावना बिना किसी प्रतिफल के अंतरण करता है।

इसे  उपहार पत्र भी कहा जा सकता है। किसी भी चली या अचल संपत्ति के मालिक द्वारा अपनी इच्छा अनुसार किसी अन्य व्यक्ति को अपनी संपत्ति उपहार में दे दी जाती है उसे उपहार पत्र  कहा जाता है संपत्ति उपहार देने वाले को दाता कहा जाता  है और लेने वाले को  अदाता कहा जाता हैयह आधार या दया भाव से प्रेरित होकर दी जाती है इसमें अदाता को किसी प्रकार का कोई नगद भुगतान नही करना होता है।

गिफ्ट डीड बनवाने के उद्देश्य व फायदे?

गिफ्ट डीड बनवाने के क्या उद्देश्य है और किसके क्या फायदे है। किसी व्यक्ति के पास अगर कोई अचल संपत्ति जैसे कि मकान जमीन इत्यादि अगर उस संपत्ति का पहले से उस व्यक्ति का मालिकाना हक हो और भविष्य में यह अंदेशा हो की किसी द्वारा उसमें साझेदारी हो सकती है तो उससे पहले ही उस व्यक्ति द्वारा  उपहार पत्र बनाना सही मायने में सही है इसको बनाने का यह बहुत अच्छा फायदा है इससे भविष्य में उस संपत्ति पर कोई मालिकाना हक को लेकर विवाद खड़ा नहीं हो सकता है।

 

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गिफ्ट डीड किसके द्वारा की जाएगी सकती है?

कोई भी ऐसा व्यक्ति जिसका किसी संपत्ति पर मालिकाना हक हो या वह व्यक्ति उस संपत्ति पर अपना स्वामित्व रखता हो तो है तो वह व्यक्ति उस संपत्ति को गिफ्ट कर सकता है लेकिन वह संपत्ति उस व्यक्ति की आय अर्जित आय से खरीदी हुई होनी चाहिए ना कि उसे गिफ्ट में मिली हुई होनी चाहिए। और चल संपत्ति के लिए अगर कोई व्यक्ति किसी संपत्ति का पूर्ण रूप से मालिक नहीं है

लेकिन वह संपत्ति जैसे गहने जेवरात उस व्यक्ति के अधिकार में है तो ऐसे में उस व्यक्ति द्वारा अपने हिस्से वाली संपत्ति या भूषण या जेवर या गहने को गिफ्ट कर सकता है संपूर्ण संपत्ति को गिफ्ट करना उसका कोई अधिकार नहीं है हालांकि वह संपत्ति पूर्ण रूप से उसी व्यक्ति के अधिकार में हैं लेकिन वह उस संपत्ति को अपने हिस्से तक ही गिफ्ट कर सकता है।

गिफ्ट डीड करने का तरीका?

गिफ्ट डीड या उपहार पत्र जो भी संपत्ति गिफ्ट की जा रही हो वह बिना स्वार्थ या बिना शर्त के होनी चाहिए इसमें कोई गिफ्ट करने वाले को प्रतिफल मिलता है अगर इनमें किसी प्रकार की शर्त या नगद मांग की जाती है तो है  शून्य मानी जाएगी इसलिए बिना किसी प्रतिबल के या बिना किसी शर्त के सीधे साधारण रूप से गिफ्ट डीड ड्राफ्ट करवानी चाहिए।

गिफ्ट डीड रजिस्टर्ड होना अतिआवश्यक है?

गिफ्ट डीड करवाते समय दोनों पक्षकारों का होना अति आवश्यक है और गिफ्ट डीड तैयार करने के पश्चात रजिस्ट्रार द्वारा रजिस्टर्ड करवाना अति आवश्यक है जब ही गिफ्ट डीड वैध मानी जाएगी।

गिफ्ट डीड की भाषा कौन सी होगी?

इसकी  की भाषा हिंदी या अंग्रेजी भाषा में ड्राफ्ट करवाई जा सकती है।

गिफ्ट डीड कैसे की जा सकती है?

गिफ्ट डीड ज्यादातर देखा गया है ब्लड रिलेशन में ही करी जाती है जैसे कि माता-पिता द्वारा बेटे को कर दी जाती है भाई द्वारा बहन को कर दी जाती है इस प्रकार ज्यादातर गिफ्ट ब्लड रिलेशन वाले रिश्तो में ही किसी को की जाती है वैसे इसको  किसी को भी की जा सकती है लेकिन गिफ्ट डीड के अंतर्गत कारण अंकित करना होता है कृपया स्वरूप उपहार पत्र जिस व्यक्ति को की जा रही है।

गिफ्ट डीड ओर वसीयत मे अंतर?

गिफ्ट डीड किसी व्यक्ति द्वारा अपनी संपत्ति को किसी अन्य व्यक्ति को बिना प्रतिफल गिफ्ट देना उपहार पत्र होता है गिफ्ट डीड जिस दिन रजिस्टर्ड होती है उसी दिन लागू हो जाती है जिस व्यक्ति को गिफ्ट दिया है वह दिन से मालिकाना हक उसी व्यक्ति का हो जाता है लेकिन वसीयत में ऐसा नहीं है अगर किसी व्यक्ति द्वारा किसी के नाम संपत्ति वसीयत नामा करने वाले की मृत्यु के पश्चात उसे मालिकाना हक मिलता है इस प्रकार उपहार पत्र और वसीयत में यह एक बहुत बड़ा अंतर है।

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