केविएट याचिका(Caveat Petition) क्या होती है? 1 पूरी जानकारी

नमस्कार दोस्तों

आज हम बात करने जा रहे हैं केविएट याचिका के बारे में कुछ आप लोगों तक जानकारी पहुंचाने की कोशिश कर रहा हूं केविएट याचिका क्या होती है केविएट याचिका के क्या फायदे होते हैं केविएट याचिका न्यायालय के अंदर क्यों फाइल की जाती है इन सब बातों की जानकारी आज मैं इस पोस्ट में देना चाहता हूं।

केविएट याचिका  सिविल प्रोसीजर कोड के सेक्शन 148 A के अंतर्गत न्यायालय के समक्ष फाइल की जाती है। साधारण भाषा में हम समझेंगे कि केवट याचिका का तात्पर्य है सही शब्दों में क्या माना गया है इस याचिका का मतलब यह है कि आप किसी न्यायालय से अनुरोध कर रहे हैं कि अगर कोई अन्य व्यक्ति ने न्यायालय के समक्ष वाद किया है

जिसमें आपका या कोई सही रूप से आप कहीं ना कहीं शामिल है तो न्यायालय द्वारा आदेश पारित करने से पहले आपको सुनने के बाद ही न्यायालय द्वारा कोई आदेश पारित किया जाएगा इस प्रकार केवट याचिका का पूर्ण रूप से वर्णन हम आपको बताते हैं।

केविएट याचिका का विवरण?

केविएट याचिका सिविल प्रोसीजर कोड के सेक्शन 148a के अंतर्गत फाइल की जाती है साधारण भाषा में यह  का एक बचाव याचिका होती है केविएट याचिका का किसी व्यक्ति द्वारा जब फाइल की जाती है जबकि उस व्यक्ति को संदेह है होता है कि उसके खिलाफ या उससे संबंधित कोई ऐसा वाद पत्र जो न्यायालय के समक्ष पेश हो सकता है

यह कोई एक्शन लिया जा सकता है। कब उस व्यक्ति द्वारा न्यायालय के समक्ष के बेटे चिका सिविल प्रोसीजर कोड के सेक्शन 148 A है के अंतर्गत फाइल की जाती है। 

केविएट याचिका की अवधि?

केविएट याचिका की वैधता 90 दिवस या तीन माह की होती है यानी जिस दिन केविएट इस  फाइल कर देते हैं उसके 90 दिनों या तीन माह तक वह वैद्य रहती है अगर किसी व्यक्ति द्वारा 90 दिनों के अंतर्गत न्यायालय के समक्ष कोई विवाद प्रस्तुत कर दिया जाता है उसमें संबंधित या आपको न्यायालय द्वारा सूचना भिजवा कर सूचित किया जाता है।

केविएट याचिका 90 दिनों तक ही वैध रहती है उसके पश्चात केविएट याचिका दोबारा से फाइल करनी होती है अगर आपने इस  पिटिशन फाइल की है तो उसके ऊपर उस व्यक्ति का नाम अंकित होना चाहिए जो आपको लगता है कि आप के खिलाफ वह व्यक्ति एक्शन ले सकता है।

केविएट याचिका दायर करने के अधिकार?

केविएट याचिका उस प्रत्येक व्यक्ति को दायर करने का अधिकार होता है जब उस व्यक्ति को संदेह है हो कि किसी पक्ष कार द्वारा उसके विरुद्ध कोई एक्शन ले सकती है या लेने वाली है तो उसी न्यायालय के अंतर्गत केवट याचिका पायल कर सकता है ताकि उस पक्षकार जो कोई भी गतिविधि न्यायालय में होगी तो आपको न्यायालय द्वारा सूचित कर दिया जाएगा।

केविएट याचिका कौन और कब फाइल कर सकता है?

केविएट याचिका का प्रत्येक व्यक्ति फाइल कर सकता है जिसको अंदेशा हो या किसी व्यक्ति पर कोई संदेह हो कि वह उसके खिलाफ या उसके विरुद्ध न्यायालय के समक्ष कोई वाद पत्र प्रस्तुत कर सकता है ऐसे हर व्यक्ति द्वारा केवट फाइल की जा सकती है जिससे न्यायालय द्वारा नोटिस भेजकर सूचित कर दिया जाए कि उसके विरुद्ध वाद पत्र फाइल हुआ है और न्यायालय द्वारा उस व्यक्ति को सुना भी जाएगा।

 

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केविएट याचिका के लाभ?

  1. इस  याचिका के लाभ निम्न प्रकार से हैं
  2. इस  याचिका पहला लाभ यह है की अगर आपको संदेह है किसी व्यक्ति पर कि वह आपके खिलाफ कोई भी एक्शन ले सकता है तो आपके वर्ड फाइल कर सकते हैं और उस व्यक्ति द्वारा फाइल किया गया वाद पत्र या कोई वाद में आपको न्यायालय द्वारा सूचित किया जाएगा।
  3. इस  याचिका दाखिल करने से आपको इतना समय मिल जाएगा अच्छे से जिससे आप अपने दस्तावेजों को तैयार कर सकें और न्यायालय द्वारा सूचना आने पर अपने अधिवक्ता के साथ तत्पर रहें न्यायालय द्वारा आपको भी सुना जाएगा उसके पश्चात थी उस याचिका पर आदेश न्यायालय द्वारा फरमाया जाएगा।
  4. अपने मामले और तथ्यों के अनुसार आपको इतना समय मिल जाएगा कि आपको एक अच्छा या पारंगत वकील ढूंढने में समय मिल जाएगा जो कि आपके लिए फायदेमंद होगा।
  5. आपके किए हुए अधिवक्ता या वकील द्वारा केविएट फॉर्म भरा जाएगा और न्यायालय के समक्ष दाखिल कर दिया जाएगा।

 

 केविएट याचिका के लिए किन-किन दस्तावेजों की आवश्यकता होती है?

  1. अपने अधिवक्ता द्वारा हस्ताक्षरित केविएट याचिका फाइल करने के लिए फॉर्म होना अति आवश्यक है।
  2. इस   याचिका फाइल करने के लिए प्रकरण का उनवान होना अति आवश्यक है।
  3. इस  याचिका फाइल करने के लिए प्रकरण संख्या यानी केस नंबर होना अति आवश्यक है।
  4. जिस न्यायालय में यदि क्षेत्र अधिकार के न्यायालय में केवट फाइल करनी हो उस न्यायालय का नाम अंकित करना अति आवश्यक होता है।
  5. इस याचिका मैं वकालतनामा होना भी अति आवश्यक होता है।
  6. इस  याचिका में न्यायालय द्वारा प्रभावित फैसले की तारीख पेशी अंकित होना बहुत आवश्यक है।
  7. इस  याचिका में उचित न्याय शुल्क होना भी अति आवश्यक है न्याय शुल्क सिर्फ सिविल मामलों पर ही लागू होगा।

 

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