धारा 310 आईपीसी क्या है और क्या है इसमें दंड के प्रावधान? पूरी जानकारी

नमस्कार दोस्तो

आज हम बात करने जा रहे हैं दारा 310 भारतीय दंड संहिता की क्या कहती है धारा 310 भारतीय दंड संहिता इसके अंतर्गत कौन कौन से अपराध आते हैं इन विषयों पर कुछ आपके साथ आज में चर्चा करने वाला हूं।

यह लेख धारा 310 भारतीय दंड संहिता क्या है इसके बारे में हम आपके साथ जो भी हमारा अनुभव है वह साझा करने जा रहा हूं और मेरा हमेशा से ही प्रदर रहा है कि ज्यादा से ज्यादा कानूनी जानकारियां आप लोगों तक पहुंचाता रहूं करते हैं इसकी विस्तार से चर्चा करते हैं।

धारा 310 आईपीसी क्या है?

धारा 310 भारतीय दंड संहिता से तात्पर्य है यह धारा ठगी से संबंधित धारा है यह धारा यज्ञ की परिभाषा देती है और जबकि धारा 310 के अंतर्गत यज्ञ को परिभाषित किया गया है और धारा 311 भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत इसके दंड के प्रावधान बताए गए हैं।

ठग से तात्पर्य है कि जो कोई व्यक्ति किसी की हत्या या हत्या सहित लूट लिया बच्चों की चोरी करने के प्रयोजन के लिए अन्य व्यक्ति या अन्य व्यक्तियों के साथ सह्युक्त रहता है उसे ठग कहा जाता है

प्राचीन काल में ठगी का अपराध एक विस्तृत पैमाने पर किया जाता था परंतु अब यह लगभग समाप्त हो गया है इस धारा के अधीन अभी उसका अन्य व्यक्तियों के साथ संयुक्त रहना आवश्यक होता है

और इस प्रकार चाहे रहने का प्रयोजन हत्या द्वारा या लूट कार्य करता है या किसी प्रकार की बच्चों की एवं शिशुओं की चोरी करता है क्योंकि प्राचीन काल में गिरोह द्वारा ठगी की जाती थी इसलिए सह्युक्त रहना इस धारा के अंतर्गत अनिवार्य बनाया गया है।

लघु अपराध?

ठग के लिए धारा 310 भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत परिभाषित किया गया है एवं इसमें दंड के प्रावधान धारा 311 भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत किया गया है 

जो कोई ठग होगा उसके लिए अपराध लागू किया गया है एवं आजीवन कारावास से दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।

यह अपराध संज्ञेय अपराध एवं अजमानती है और किसी भी सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय है।

 

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धारा 311 आईपीसी ठगी के लिए दंड?

धारा 311 आईपीसी के अंतर्गत ठगी के लिए दंड के प्रावधान बताए गए हैं यह धारा शक होने पर उसका दंड निर्धारित करती है इसके अनुसार थक को आजीवन कारावास से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने से भी दंडनीय होगा दंड की मात्रा से यह स्पष्ट है

कि ठगों को एक गंभीर अपराध समझा गया है कानून के अनुसार प्राचीन काल में यह अपराध समाज में एक बड़े बहुत कलंक या घोतक था और इसलिए इसके लिए इतने कठोर दंड की व्यवस्था की गई है।

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3 thoughts on “धारा 310 आईपीसी क्या है और क्या है इसमें दंड के प्रावधान? पूरी जानकारी”

  1. Agar koi dhag aadmi koi frod se apne account me paisa le le to usko pakadne ka kya sahi step hai. Kaise usko pakda jaye. Bataye sir.

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