पैतृक संपत्ति ( PROPERTY) पर बेटियों का अधिकार? पूरी जानकारी

नमस्कार दोस्तों

आज हम बात करने जा रहे हैं पैतृक संपत्ति(PROPERTY) के बारे में क्या होती है पत्र संपति और क्या बेटियों का अधिकार होता है पैतृक संपत्ति पर इस विषय के बारे में हम आपके साथ आज पूर्ण रूप से चर्चा करने वाले हैं या जो भी हमारा अनुभव है उसके अनुसार हम आपको आज इसलिए के माध्यम से बताने जा रहे हैं

की पैतृक संपत्ति पर बेटियों का हिस्सा कैसे होता है कितना होता है। हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 2005 में क्या संशोधन हुआ है इन सब के बारे में हम आपको एक महत्वपूर्ण जानकारी से अवगत कराने जा रहे हैं आइए देखते हैं विस्तार से इसकी चर्चा क्या कहता है हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 2005 क्या कहता है।

पैतृक संपत्ति(PROPERTY) क्या होती है इसका क्या मतलब होता है?

पैतृक संपत्ति से क्या तात्पर्य है पैतृक संपत्ति क्या क्या मतलब होता है साधारण भाषा में मैं आपको आज बताने जा रहा हूं पैतृक संपत्ति में ऊपर की तीन पीढ़ियों की संपत्ति(PROPERTY) शामिल होती है या नहीं पिता को उनके पिता यानी दादा और दादा को उनके पिता यानी परदादा से मिली संपत्ति हमारी पैतृक संपत्ति होती है पैतृक संपत्ति में पिता द्वारा अपनी कमाई से अर्जित संपत्ति शामिल नहीं होती उस पर पिता का पूरा अधिकार है कि वह अपनी अर्जित संपत्ति का बंटवारा किस प्रकार करें।

हिंदू उत्तराधिकार संशोधन कानून 2005 क्या था पुराना नियम?

हिंदू उत्तराधिकार संशोधन कानून 2005 के अनुसार पहले नियम यह था कि बेटी तभी पिता की संपत्ति (PROPERTY)में अपनी हिस्सेदारी का दावा कर सकती थी जब पिता 9 सितंबर 2005 को जिंदा रहे हो 30 तारीख से पहले पिता की मौत होने पर बैटरी का पिता की पैतृक संपत्ति पर कोई हक नहीं होता था।

हिंदू उत्तराधिकार संशोधन कानून 2005 क्या है नया नियम?

हिंदू उत्तराधिकार संशोधन कानून 2005 का नया नियम क्या कहता है अब नए नियम के हिसाब से 9 सितंबर 2005 से पहले पिता की मृत्यु होने के बावजूद बेटी का हम बारिश होने का अधिकार नहीं छीनेगा वह भाई की संपत्ति में बराबर की हकदार है उच्चतम न्यायालय ने कहा कि बेटियां 9 सितंबर 2005 से पहले भी पैतृक संपत्ति(PROPERTY) पर अपने दावे का अधिकार है दावा कर सकती है।

पैतृक संपत्ति(PROPERTY) पर बेटों के अधिकार पर इस फैसले से क्या कोई असर पड़ेगा या नहीं?

उच्चतम न्यायालय द्वारा कहा गया की किसी भी परिवार को इस फैसले से परेशान होने की आवश्यकता नहीं है सुख में उच्चतम न्यायालय की पीठ ने यह कहा कि यह फैसला सिर्फ बेटियों के अधिकारों को विस्तार देने के लिए है दूसरे रिश्तेदारों के अधिकार पर इसका कोई या किसी बेटों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।

बेटियां पैतृक संपत्ति (PROPERTY)पर कब सवाल नहीं उठा सकती?

अगर दिसंबर 20 2004 तक पिता की पैतृक संपत्ति(PROPERTY) का निपटान हो गया हो तो बेटी उस पर सवाल नहीं उठा सकती मतलब की 20 दिसंबर 2004 के बाद बच्ची पैर तक संपत्ति पर बेटी का अधिकार होगा उससे पहले संपत्ति बेच दी गई गिरवी रख दी गई या दान दे दी गई तो बैटरी उस पर सवाल नहीं उठा सकती है

बेटी की मृत्यु हो जाने पर उसके वारिसों का नाना नानी के संपत्ति(PROPERTY) से हिस्सा मांग सकते हैं या नहीं?

कानून के अनुसार बेटी जिंदा रहे या ना रहे उसके पिता की पैतृक संपत्ति(PROPERTY) पर उसका अधिकार कायम रहता है उसके बच्चे चाहे तो अपने नाना की पैतृक संपत्ति में अपना हिस्सा मांग सकते हैं।

 

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2 thoughts on “पैतृक संपत्ति ( PROPERTY) पर बेटियों का अधिकार? पूरी जानकारी”

  1. Dadi ki sampatti maan ko transfer hui, maa ne apni sampatti bech kar apne beton ko baat di jabki apni 1 mrit beti k bachho avam 1 jivit beti ko koi hissa nahi diya iske liye kuch kiya ja sakta hai kya?

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