CROSS FIR क्या होती है। 1 पूरी जानकारी

नमस्कार दोस्तों

आज हम बात करने जा रहे हैं CROSS FIR की कैसे हो यार क्या होती है उसके बारे में एक छोटी सी जानकारी इस लेख के माध्यम से आपको देने वाला हूं और मेरा हमेशा हर संभव तक यही प्रश्न रहा है

कि हर विधिक जानकारी आप लोगों तक पहुंचाता रहो मेरे अनुभव के अनुसार आप लोगों तक महत्वपूर्ण जानकारियां और चाहता रहूंगा आज जो CROSS FIR की चर्चा हम करने वाले हैं यह भी एक महत्वपूर्ण जानकारी है और देखते हैं विस्तार उसके बारे में चर्चा करते हैं।

CROSS FIR क्या होती है?

क्रॉस एफआईआरसी तात्पर्य है कि साधारण भाषा में मैं आपको बताने जा रहा हूं जब दो पक्षकारों के बीच में विवाद उत्पन्न हो जाता है और किसी एक पक्ष कार द्वारा संबंधित पुलिस थाने में एफ आई आर रिपोर्ट दर्ज करवा दी जाती है

तो उसी समय दूसरे पक्ष कार द्वारा भी उसी विवाद के संबंध में एफ आई आर रिपोर्ट दर्ज करवा दी जाती है दोनों पक्ष कार द्वारा एफ आई रिपोर्ट दर्ज हो जाती है इससे CROSS FIR कहा जाता है

इस प्रकार दोनों पक्षकारों के ऊपर एफ आई आर रिपोर्ट उस एक ही विवाद को लेकर दर्ज हो जाती है और अनुसंधान जारी हो जाता है।

CROSS FIR या FIR कैसे दर्ज करवाई जाती है?

एफ आई आर के संबंध में मैं आपको कुछ महत्वपूर्ण बातें बताने जा रहा हूं f.i.r. हो या CROSS FIR हो यह कैसे दर्ज करवाई जा सकती हैं इन सब के बारे में मैं आपको बताने जा रहा हूं।

 

  • एफ आई आर दर्ज करवाने के लिए सर्वप्रथम एक प्रार्थना पत्र साधारण कागज पर लिखना होता है जो घटना हुई उसके बारे में उस प्रार्थना पत्र में मुलाहिजा करना होता है और संबंधित थाने में प्रार्थना पत्र देना होता है
  • अगर पुलिस थाने में आपकी एफ आई आर दर्ज नहीं करी जाती है तो पुलिस उपायुक्त के समक्ष भी आप प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं और घटना की जानकारी दे सकते हैं तो आपके एफ आई आर दर्ज कराई जा सकती हैं।
  • अगर फिर भी आपके एफ आई आर दर्ज ना होती है तो आपके पास न्यायालय में जाकर इस्तगासा या परिवाद वकील के माध्यम से दायर कर सकते हैं और न्यायालय द्वारा (156) 3 के आदेश फरमा दिए जाते हैं और FIR पुलिस थाने में दर्ज कर ली जाती है
  • इस प्रकार से आप FIR हो या कोई भी CROSS FIR हो आप ऐसे दर्ज करवा सकते हैं।

FIR करवाते समय जरुरी बाते?

एफ आई आर दर्ज कराते समय घटना की पूर्ण रूप से अच्छी तरह से जानकारी दें और विवाद में अगर चोट पहुंची है तो किसी भी सरकारी अस्पताल से मेडिकल करवाएं या मान्यता प्राप्त किसी भी अस्पताल से आप मेडिकल करवा सकते हैं वह भी संलग्न करना होता है।

अगर झगड़े दो पक्षकारों के बीच में हुआ है तो सामने वाले पक्ष कारने अगर एफ आई आर रिपोर्ट पहले दर्ज करवा दी है तो आप द्वारा भी CROSS FIR दर्ज करवाई जा सकती है अगर आप लोगों को हानि या चोट पहुंची है ।

एफ आई आर दर्ज कराते समय वकील से जरूर परामर्श ले ले ताकि भविष्य में आप का केस कभी कमजोर ना पड़े इसलिए परामर्श लेकर ही FIR रिपोर्ट दर्ज करवाएं।

CROSS FIR या FIR रिपोर्ट दर्ज करवाने की समय सीमा क्या है?

FIR या CROSS FIR. रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए वैसे तो कोई समय सीमा निश्चित नहीं है लेकिन घटना होते ही तुरंत एफ आई आर दर्ज करवाने चाहिए जिसमें मेडिकल रिपोर्ट भी सम्मिलित करनी चाहिए अगर आपको चोट या हानि पहुंची है तो अगर देरी से एफ आई आर दर्ज कराने पर भी एफ आई आर दर्ज तो कर ली जाती है

लेकिन सबूत जुटाने में काफी परेशानी आती है कई बातें तो शिकायतकर्ता भूल ही चुका होता है इसलिए एफ आई आर दर्ज कराने में देरी ना करें जल्द से जल्द ही एफ आई आर दर्ज करवाएं घटना वाले दिन है कृपया दर्ज करानी चाहिए।

 

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