नमस्कार दोस्तो
आज मैं आपके साथ में पूर्ण जानकारी साझा करने जा रहा हूं आज तक हमारे द्वारा आपको जो जानकारी दी गई है वह एक मेरा अनुभव है और मेरा जो अनुभव है मैं ज्यादा से ज्यादा लोगों के पास जानकारी पहुंचाने का हमेशा प्रयत्न करता रहूंगा आज हम इस लेख के माध्यम से आपको एक महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं जिसमें PROTEST पिटिशन के बारे में चर्चा करने वाले हैं
हालांकि छोटे शब्दों में मैं आपको समझाता हूं इसके बारे में विस्तार से बाद में चर्चा करते हैं छोटे शब्दों में जब किसी व्यक्ति द्वारा किसी घटना की FIR रिपोर्ट दर्ज करवाई जाती है तो उस मामले में अनुसंधान अधिकारी द्वारा जांच की जाती है और जांच में अगर ऐसा प्रतीत होता है
कि कोई भी अपराधिक मुकदमा नहीं बनता है तो उसके पश्चात अनुसंधान अधिकारी द्वारा संबंधित न्यायालय में फाइनल रिपोर्ट या एफआर जिसे क्लोजर रिपोर्ट भी कहा जाता है पेश कर दी जाती है ऐसे में अभियुक्त बरी हो जाता है और परिवादी या शिकायतकर्ता जिसे हम बोलते हैं उसके पास क्या विकल्प मौजूद रह जाते हैं आइए इसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं।
PROTEST पिटीशन या नारजी याचिका क्या है?
PROTEST पिटिशन से तात्पर्य यह है कि मैं आपको साधारण भाषा में हम आपको बताते जब किसी परिवादी किया शिकायतकर्ता द्वारा पुलिस द्वारा किए गए अनुसंधान के पश्चात फाइनल रिपोर्ट न्यायालय के अंतर्गत दाखिल कर दी जाती है उस जांच से संतुष्ट ना हो या ऐसा लगे शिकायतकर्ता को कि इस मामले में जांच सही नहीं हुई है
तो शिकायतकर्ता के पास जो मौजूद विकल्प होता है कि पुलिस द्वारा न्यायालय के समक्ष फाइनल रिपोर्ट पेश की गई है उस फाइनल रिपोर्ट के खिलाफ परिवादी या शिकायतकर्ता न्यायालय के समक्ष एक याचिका पेश कर सकता है जिसे PROTEST पिटिशन कहते हैं या नाराजी याचिका भी कहते हैं।
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PROTEST पिटिशन या नाराजी याचिका की प्रक्रिया?
पुलिस द्वारा न्यायालय के समक्ष पेश की गई फाइनल रिपोर्ट के खिलाफ परिवादी या शिकायतकर्ता द्वारा एक याचिका प्रस्तुत कर सकता है जिसमें PROTEST पिटिशन या नाराज याचिका लिखित रूप से न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करनी होती है और न्यायालय में समक्ष शिकायतकर्ता या परिवादी के बयान लिए जाते हैं
और उसके पश्चात अगर न्यायालय द्वारा ऐसा प्रतीत होता है कि बयानों या दस्तावेजों के आधार पर तो न्यायालय द्वारा उस याचिका को स्वीकार कर लिया जाता है और अनुसंधान अधिकारी को पुनः अनुसंधान उस पत्रावली का करने के लिए आदेश प्रदान कर दी जाते हैं।
कानून क्या कहता है प्रोटेस्ट या नाराजगी याचिका को लेकर?
PROTEST के संबंध में कानून क्या कहता है भारतीय कानून में इस PROTEST पिटिशन के संबंध में दंड प्रक्रिया संहिता 1973 भारतीय दंड संहिता 1807 या भारतीय साक्ष्य अधिनियम अट्ठारह सौ बहत्तर या किसी भी अन्य अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं दिया गया है
लेकिन भारत में आजादी से पहले ही यह न्याय प्रणाली का हिस्सा रही है प्रोटेस्ट पिटिशन पर उच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय द्वारा कई अच्छे फैसले भी सुनाए गए हैं जिनके आधार पर यह प्रैक्टिस में स्थापित हो गई है
PROTEST पिटिशन दंड प्रक्रिया संहिता के द्वारा 190 के अंतर्गत न्यायालय के समक्ष कंप्लेंट माना जाता है
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