नमस्कार दोस्तों
आज हम आपके साथ कुछ महत्वपूर्ण सूचना एवं महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने जा रहे हैं जो भी मेरा अनुभव है आज तक का वह मैं आपके साथ साझा करता रहूंगा कोशिश यही करता हूं की अच्छी से अच्छी जानकारी आप लोगों तक लेख के द्वारा पहुंचाता रहो आपके साथ BIMA कंपनियों से जुड़े कानून के बारे में बात करने जा रहा हूं और बीमा कंपनियों के खिलाफ शिकायत कैसे करें केस कैसे करें कंजूमर कोर्ट में कैसे जाएं उपभोक्ता की क्या अधिकार होते हैं इन चर्चाओं के बारे में आपके साथ विस्तार से वर्णन करने वाला हूं।
BIMA कंपनी के खिलाफ शिकायत के लिए कौन कौन से कदम आप उठा सकते है?
अगर कोई व्यक्ति किसी भी बात को लेकर अपनी BIMA कंपनी से पूर्ण रूप से संतुष्ट नही है सर्वप्रथम अपनी BIMA कंपनी शाखा में संपर्क करे नही तो (GRO) Grievance Redressal Officer में लिखित शिकायत दें एवं साथ में संबंधित दस्तावेजों को लेकर शिकायत के साथ संलग्न करें जिस पर दिनांक भी अंकित होनी चाहिए और आपके हस्ताक्षर भी अंकित होने चाहिए उसके साथ में शिकायत देते समय आपको रिसिविंग भी लेनी होती है जो बहुत जरूरी है इस पर कार्यवाही बीमा कंपनी द्वारा 14 दिवस की समय सीमा के अंदर कार्यवाही करनी होती है।
अगर बीमा कंपनी 14 दिवस के अंदर कार्यवाही ना करें तो क्या करें?
अब घर बीमा कंपनी द्वारा 14 दिवस के अंदर भी आपकी शिकायत पर ना कोई ध्यान दिया जाता है ना कोई सुनवाई की जाती है तो आपके पास और भी विकल्प मौजूद होते हैं
- आप उपभोक्ता मामले विभाग में शिकायत निवारण प्रकोष्ठ में संपर्क कर सकते हैं और भी आपके पास बहुत से विकल्प मौजूद होते हैं।
- E-MAIL ई-मेल द्वारा भी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं COMPLAINTS@IRDAI.GOV.IN के माध्यम से शिकायत दर्ज करवा सकते हैं
- फुल फ्री नंबर द्वारा भी आप शिकायत दर्ज करवा सकते हैं जिसमें आपको शिकायत नंबर भी दिए जाते हैं 155255 या 18004254732 अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं
- अपनी शिकायत की स्थिति या दर्द करने के लिए आप IGMS के माध्यम से भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं
- आप डाक विभाग द्वारा भी अपनी भौतिक रूप से अपनी लिखित शिकायत डाक द्वारा भी भेज सकते हैं
भारत सरकार द्वारा लोकपाल स्कीम?
भारत सरकार द्वारा BIMA पॉलिसी धारकों की शिकायत न्यायिक प्रणाली से बाहर निपटाने के लिए BIMA लोकपाल स्कीम लागू की गई है भारत में अलग-अलग जगहों पर 17 BIMA लोकपाल हैं जिस BIMA कंपनी से आपको शिकायत है उसके कार्यालय के क्षेत्र अधिकार संबंधित क्षेत्र वाले लोकपाल में के समक्ष शिकायत दर्ज करवा सकते हैं और यह ध्यान में रखने वाली बात है कि 30 लाख तक के दावे ही लोकपाल के समक्ष दायर किए जा सकते हैं।
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उपभोक्ता न्यायालय या सिविल न्यायालय?
बीमा पॉलिसी धारकों के लिए दावे के लिए मूल्य एवं सिविल न्यायालय जाने का भी अधिकार होता है और उपभोक्ता न्यायालय जाने का भी अधिकार होता है के दोनों विकल्प बीमा पॉलिसी धारकों के पास मौजूद होता है और बीमा एग्रीमेंट में भी एक आर्बिट्रेशन क्लॉज होता है जिससे वह अपने विवाद को निपटाने के लिए आर्बिट्रेशन में भी जा सकते हैं।
किसी भी बीमा एग्रीमेंट पर साइन करने से पहले उसे अच्छे से पढ़ ले यह एक बहुत आवश्यक बात है जहां अवसर लगे वहां महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपने वकील से परामर्श अवश्य लें।
Mylegaladvice ब्लॉग पर आने के लिए यहाँ पे ब्लॉग पढ़ने के लिए मैं आपका तह दिल से अभारी रहूंगा और आप सभी साथीयो दोस्तो का मैं बहुत बहुत धन्यवाद करता हु इस ब्लॉग के संबंध मे आपका कोई ही सवाल है जिसका जवाब जानने के आप इछुक है तो आप कमेंट बॉक्स मैं मूझसे पुछ सकते है।।
मेरा नाम दीपेन्द्र सिंह है पेशे से मे एक वकील हू| MYLEGALADVICE ब्लॉग का लेखक हू यहा से आप सभी प्रकार की कानून से संबंद रखने वाली हर जानकारी देता रहूँगा जो आपके लिए हमेशा उपयोगी रहेगी | इसी अनुभव के साथ जरूरत मंद लोगों कानूनी सलाह देने के लिए यक छोटा स प्रयास किया है आशा करता हू की मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपके लिए उपयोगी रहे |यदि आपको कोई कानूनी सलाह या जानकारी लेनी हो तो नीचे दिए गए संपर्क सूत्रों के माध्यम से हमसे संपर्क कर सकते है |