SECTION 505 IPC IN HINDI पूरी जानकारी

आईपीसी की धारा 505 क्या है What is section 505 of IPC

नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं आईपीसी की धारा 505 के बारे में क्या होती है 505 धारा आईपीसी की और इसमें क्या-क्या प्रावधान दिए गए हैं इन सब विषयों के बारे में आज हम इस लेख के माध्यम से आप लोगों को कानूनी जानकारी से अवगत कराने वाले हैं हमारा हमेशा से ही प्रयास रहा है कि ज्यादा से ज्यादा कानूनी जानकारियां आप लोगों तक पहुंचाता रहूं 

आईपीसी धारा 505 लोक – रिष्टि कारक वक्तव्य 

 (1) जो कोई कथन, जनश्रुति या रिपोर्ट को – 

(क) इस आशय से कि, या जिससे यह सम्भाव्य हो कि, भारत की सेना, नोसेना या वायु सेना का कोई आफिसर, सैनिक ( नाविक या वायु  सैनिक ) विद्रोह करे या अन्यथा वह अपने उस नाते अपने कर्तव्य की अवहेलना करे या उसके पालन में असफल रहे, अथवा 

(ख) इस आशय से कि, या जिससे यह सम्भाव्य हो कि लोक के किसी भाग को ऐसा भय या सन्त्रास कारित हो जिससे कोई व्यक्ति राज्य के विरुद्ध या लोक प्रशान्ति के विरुद्ध अपराध करने के लिए उत्प्रेरित हो , अथवा 

(ग) इस आशय से कि, या जिससे यह सम्भाव्य हो कि, उससे व्यक्तियों का कोई वर्ग या समुदाय किसी दूसरे वर्ग या समुदाय के विरुद्ध अपराध करने के लिए उद्दिप्त किया जाए, 

रचेगा, प्रकाशित करेगा या परिचालित करेगा, वह कारावास से, जो तीन वर्ष तक का हो सकेगा, या जुर्माने से, या दोनों से, डण्डित किया जाएगा ।

(2) विभिन्न वर्गों में शत्रुता, घृणा या वैमनस्य पैदा या सम्प्रवर्तित करने वाले कथन –

 जो कोई जनश्रुति या सन्त्रासकारी समाचार अंतर्विष्ट करने वाले किसी कथन या रिपोर्ट को, इस आशय से कि, या जिससे यह सम्भाव्य हो कि, विभिन्न धार्मिक, मूलवंशीय, भाषाई या प्रादेशिक समूहों या जातियों या समुदायों के बीच शत्रुता, घृणा या वैमनस्य की भावनाएं, धर्म, मूलवंश, जन्म – स्थान, निवास – स्थान, भाषा, जाति या समुदाय के आधारों पर या अन्य किसी भी आधार पर पैदा या संप्रवर्तित हो, रचेगा, प्रकाशित करेगा या परिचालित करेगा, वह कारावास से, जो तीन वर्ष तक का हो सकेगा, या जुर्माने से, या दोनों से, डण्डित किया जाएगा । 

 

(3) पूजा के स्थान आदि में किया गया उपधारा ( 2 ) के अधीन अपराध –

 जो कोई उपधारा ( 2 ) में विनिर्दिष्ट अपराध किसी पूजा के स्थान में या किसी जमाव में, जो धार्मिक पूजा या धार्मिक कर्म करने में लगा हुआ हो, करेगा, वह कारावास से, जो पांच वर्ष तक का हो सकेगा, डण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा । 

 

इस धारा की उपधारा ( 1 ) के अधीन अपराध असंज्ञेय है जबकि उपधाराओं ( 2 )  ( 3 ) के अधीन अपराध संज्ञेय है । इस धारा के अधीन अपराध जमानतीय और अशमनीय है, और यह प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है । 

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साथियों इसी के साथ हम अपने लेख को समाप्त करते हैं हम आशा करते हैं हमारा यह एक आपको पसंद आया होगा तथा समझने योग्य होगा अर्थात धारा 505 आईपीसी की जानकारी आप को पूर्ण रूप से हो गई होगी 

कानूनी सलाह लेने के लिए अथवा पंजीकृत करने के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरूरत होती है  इन सभी सवालों से जुड़ी सारी जानकारी इस लेख के माध्यम से हम आज आप तक पहुंचाने की पूरी कोशिश किए हैं

अगर आपको इस सवाल से जुड़ी या किसी अन्य कानून व्यवस्था से जुड़ी जैसे आईपीसी, सीआरपीसी सीपीसी इत्यादि से जुड़ी किसी भी सवालों की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बेझिझक होकर कमेंट कर सकते हैं और आपके सवालों के उत्तर को हम जल्द से जल्द देने का हम पूरा प्रयास करेंगे।

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