आईपीसी की धारा 476 क्या है What is section 476 of IPC
नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं आईपीसी की धारा के 476 बारे में क्या होती है 476 धारा आईपीसी की और इसमें क्या-क्या प्रावधान दिए गए हैं इन सब विषयों के बारे में आज हम इस लेख के माध्यम से आप लोगों को कानूनी जानकारी से अवगत कराने वाले हैं हमारा हमेशा से ही प्रयास रहा है कि ज्यादा से ज्यादा कानूनी जानकारियां आप लोगों तक पहुंचाता रहूं
476. धारा 467 में वर्णित दस्तावेजों से भिन्न दस्तावेजों अधिप्रमाणीकरण के लिए उपयोग में लाई जाने वाली अभी लक्षणा या चिन्ह की कूटकृति बनाना या कूटकृत चिन्ह युक्त पदार्थ को कब्जे में रखना 476. Counterfeiting a sign or mark now used for authentication of documents other than those mentioned in section 467, or having possession of a substance containing counterfeit marks.
जो कोई किसी पदार्थ के ऊपर, या उसके उपादान में, किसी ऐसी अभीलक्षणा या चिन्ह, को जिसे इस संहिता की धारा 467 में वर्णित दस्तावेजों से भिन्न किसी दस्तावेज [या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख] के अधिप्रमाणीकरण के प्रयोजन के लिए उपयोग में लाया जाता हो, कूटकृति यह आशय रखते हुए बनाएगा
कि वह ऐसी अभिलक्षणा या ऐसे चिन्ह को, जो ऐसे पदार्थ पर उस समय कूट रचित की जा रही या उसके पश्चात कूट रचित की जाने वाली किसी दस्तावेज [या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख] को अधि प्रमाणीकृत का आभास प्रदान करने के प्रयोजन से उपयोग में लाया जाएगा या जो ऐसे आशय से कोई ऐसा पदार्थ अपने कब्जे में रखेगा जिस पर या जिसके उपादान में ऐसी अभिलक्षणा या ऐसे चिन्ह की कूट कृति बनाई गई हो, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि 7 वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।
आईपीसी की धारा 467 का विवरण Details of section 467 of IPC
धारा 467 में वर्णित दस्तावेजों से भिन्न दस्तावेजों के अधि प्रमाणीकरण के लिए उपयोग में लाई जाने वाली अभिलक्षणा या चिन्ह को कूट कृत बनाना या कूट कृत चिन्ह युक्त पदार्थ को कब्जे में रखना इस धारा के अधीन दंडनीय अपराध है।
इसके अनुसार, जो कोई किसी पदार्थ के ऊपर, या उसके उपादान में, किसी ऐसी अभिलक्षण आया चिह्न की, जिसे इस संहिता की धारा 467 में वर्णित दस्तावेजों से भिन्न किसी दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख के अधिप्रमाणीकरण के प्रयोजन के उपयोग में लाया जाता हो,
कूट कृति यह आशय रखते हुए बनाएगा कि वह ऐसी अभिलक्षणा या ऐसे चिह्न को जो ऐसे पदार्थ पर उस समय कूट रचित की जा रही या उसके पश्चात कूट रचित की जाने वाली किसी दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख को अधिक प्रमाणिक कृत कब्जे में का आवास प्रदान करने के प्रयोजन से उपयोग में लाया जाएगा,
या जो ऐसे आशय से कोई ऐसा पदार्थ अपने कब्जे में रखेगा जिस पर, या जिसके उपादान में, ऐसी अभिलक्षणा या ऐसे चिन्ह की कूट कृति बनाई गई हो, वह 7 वर्ष तक के सादा या कठिन कारावास से दंडित किया जाएगा, और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।
इस धारा के अंतर्गत अपराधी के द्वारा किसी पदार्थ के ऊपर, या उसके उपादान में, धारा 467 में वर्णित दस्तावेजों से भिन्न किसी दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख के अधिप्रमाणीकरण के प्रयोजन के लिए उपयोग में लाए जाने वाले किसी अभिलक्षणा या चिन्ह की कूट कृति बनाई जानी चाहिए।
ऐसा करने में उसका आशय ऐसे पदार्थ पर उस समय कूट रचित की जाने वाली या उसके पश्चात कूट रचित की जाने वाली किसी दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख को ऐसी अभिलक्षण आया ऐसे चिन्ह को अधि प्रमाणीकृत का आभास प्रदान करने के प्रयोजन से उपयोग में लाना होना चाहिए
या उक्त आशय से उसके द्वारा कोई ऐसा पदार्थ अपने कब्जे में रखा जाना चाहिए जिस पर या जिस पर, या जिसके उपादान में, ऐसी अभिलक्षणा की या ऐसे चिन्ह की कूट कृति बनाई गई हो।
इस प्रकार, अपराध करने की तैयारी को इस धारा के पृष्ठ भाग के अधीन अपराध बनाया गया है। धाराएं 475 और 476 सिवाय इस बात के समान है कि जब की धारा 475 में “धारा 467 में वर्णित किसी दस्तावेज़ के” शब्दों का प्रयोग किया गया है, धारा 476 में “धारा 476 में वर्णित दस्तावेजों से भिन्न किसी दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख के” शब्द प्रयोग किए गए हैं।
धारा 476 की तुलना में धारा 475 के अधीन अपराध कहीं अधिक गंभीर है जैसा कि दोनों धाराओं में उल्लेखित कारावास की अवधि से स्पष्ट है।
धारा 476 के अधीन अपराध असज्ञेय, अजमानतीय और अशमनीय है, और यह प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
साथियों इसी के साथ हम अपने लेख को समाप्त करते हैं हम आशा करते हैं हमारा यह एक आपको पसंद आया होगा तथा समझने योग्य होगा अर्थात धारा 476 आईपीसी की जानकारी आप को पूर्ण रूप से हो गई होगी
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