आईपीसी की धारा 424 क्या है What is section 424 of IPC
नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं आईपीसी की धारा 424 के बारे में क्या होती है 424 धारा आईपीसी की और इसमें क्या-क्या प्रावधान दिए गए हैं इन सब विषयों के बारे में आज हम इस लेख के माध्यम से आप लोगों को कानूनी जानकारी से अवगत कराने वाले हैं हमारा हमेशा से ही प्रयास रहा है कि ज्यादा से ज्यादा कानूनी जानकारियां आप लोगों तक पहुंचाता रहूं
आईपीसी धारा 424 सम्पत्ति का बेईमानी से या कपटपूर्वक अपसारण या छिपाया जाना IPC Section 424 Dishonestly or fraudulently extortion or concealment of property
जो कोई बेईमानी या कपटपूर्वक अपनी या किसी अन्य व्यक्ति की किसी सम्पत्ति को छीपाएगा या अपसारित करेगा, या उसके छिपाए जाने में या अपसारित किए जाने में बेईमानी से या कपटपूर्वक सहायता करेगा, या बेईमानी से किसी मांग या दावे को, जिसका वह हकदार हैं, छोड़ देगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से,दंडित किया जाएगा ।
आईपीसी धारा 424 का विवरण Details of IPC Section 424
सम्पत्ति का बेईमानी से या कपटपूर्वक अपसारण या छिपाया जाना इस धारा के अधीन दंडनीय अपराध है इसके अनुसार, जो कोई बेईमानी से या कपटपूर्वक अपनी या किसी अन्य व्यक्ति की किसी सम्पत्ति को छिपाएगा या अपसारित करेगा,
या उसके छिपाए जाने में या अपसारित किए जाने में बेईमानी से या कपटपूर्वक सहायता करेगा, या बेईमानी से किसी मांग या दावे को जिसका वह हकदार हैं छोड़ देगा, वह दो वर्ष तक के सादा या कठिन कारावास से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।
इस धारा के तीन भाग है जिनमें से किसी एक की उपस्थिति दोष के लिए पर्याप्त है । पहला, अभियुक्त के द्वारा बेईमानी से या कपटपूर्वक या तो अपनी या किसी अन्य व्यक्ति की सम्पत्ति को छिपाया जाना या अपसारित किया जाना इस धारा के अधीन दंडनीय है।
दूसरा, अभियुक्त के द्वारा अपनी या किसी अन्य व्यक्ति की किसी सम्पत्ति के छिपाए जाने में या अपसारित किए जाने में बेईमानी से या कपटपूर्वक सहायता करना इस धारा के अधीन दंडनीय है तीसरा, अभियुक्त के द्वारा बेईमानी से किसी मांग या दावे को जिसका वह हकदार हैं, छोड़ देना इस धारा के अधीन दंडनीय है।
यह बात ध्यान देने योग्य है कि जबकि पहले और दूसरे भाग के अंतर्गत अभियुक्त के द्वारा किया गया कार्य या तो बेईमानी से किया गया होना चाहिए या कपटपूर्वक किया गया होना चाहिए, परन्तु तीसरे भाग के अंतर्गत उसके द्वारा किया गया कार्य केवल बेईमानी से किया गया होना चाहिए, कपटपूर्वक नहीं ।
यह भी ध्यान देने योग्य बात है कि कपटपूर्ण विलेखों और सम्पत्ति व्ययनों के विषय में सभी धाराओ, अर्थात धाराओ 421 से 424 तक, के अंतर्गत अधिकतम दंड दो वर्ष का सादा या कठिन कारावास है। इससे यह निष्कर्ष रूप से निकाला जा सकता है कि संहिता निर्माता धारा 421 से धारा 424 तक के अधीन सभी अपराधों को लगभग समान गम्भीर समझते थे ।
इस धारा के अधीन अपराध असंज्ञेय, जमानतीय और शमनीय है यदि विचारणीय न्यायालय ऐसा करने की अनुमति दे, और यह किसी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है ।
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निष्कर्ष
साथियों इसी के साथ हम अपने लेख को समाप्त करते हैं हम आशा करते हैं हमारा यह एक आपको पसंद आया होगा तथा समझने योग्य होगा अर्थात धारा 424 आईपीसी की जानकारी आप को पूर्ण रूप से हो गई होगी
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