आदेश 22 नियम 3 सीपीसी क्या है WHAT IS ORDER 22 RULE 3 CPC
आज हम बात करने जा रहे हैं आदेश 22 नियम 3 सीपीसी क्या है आदेश 22 नियम 3 सीपीसी (Order 22 Rule 3)का प्रार्थना पत्र न्यायालय में कब पेश किया जाता है छोटे शब्दों में मैं आपको बता देता हूं
कि जहां कहीं किसी वाद में वादी की मृत्यु हो जाती है और उसके कानूनी प्रतिनिधि को न्यायालय द्वारा वारिस बनाने के लिए आदेश 22 नियम 3 सीपीसी का प्रार्थना पत्र न्यायालय के अंदर प्रस्तुत करना होता है इससे संबंधित है यह आदेश 22 नियम 3 सीपीसी (Order 22 Rule 3)विस्तार से इसकी चर्चा करते हैं!
आदेश 22 नियम 3 सीपीसी क्या है Order 22 Rule 3 What is CPC?
आदेश 22 नियम 3 (Order 22 Rule 3)से तात्पर्य है जहां किसी वाद में दो या दो से अधिक वादी हूं उसमें किसी भी एक वादी की मृत्यु हो जाती है तो वाद लाने का अधिकार बच्चा नहीं रहता है
यह माना जाए कि एकमात्र उत्तरजीवी की मृत्यु हो जाती है तो वाद लाने का अधिकार बचा है न्यायालय के अंदर मृत्यु आदि के कानूनी प्रतिनिधि को पक्षकार बनाया जाता है और वाद्र को अग्रसर करना होता है!
साधारण भाषा में आपको मैं बताने जा रहा हूं कि जब किसी वादी की मृत्यु हो जाती है तो न्यायालय के अंदर उस वाद्य वारिसान द्वारा एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया जाता है जोकि आदेश 22 नियम 3(Order 22 Rule 3) के अंतर्गत प्रार्थना पत्र पेश किया जाता है
और उसमें वादी के वारिसान ओं द्वारा किया जाता है उसमें वादी की मृत्यु के पश्चात न्यायालय में उस वाद पत्र में वादी के वारिसान ओं को पक्षकार बनाने के लिए यह प्रार्थना पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया जाता है!
आदेश 22 नियम 3 का प्रार्थना पत्र किसके द्वारा प्रस्तुत किया जाता है? By whom is the application for order 22 rule 3 presented?
जब किसी वाद पत्र में वादी की मृत्यु हो जाती है तो वादी के वारिसान ओं द्वारा आदेश 22 नियम 3 सीपीसी(Order 22 Rule 3) की प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया जाता है जिसमें यह निवेदन किया जाता है कि वहां जी की मृत्यु हो चुकी है और उसके वारिसान ओं को पक्षकार उस विचाराधीन वाद पत्र में बनाया जाए यह दरखास्त वादी के वारिस अनु द्वारा ही न्यायालय के अंदर प्रस्तुत की जाती है या वादी के विधिक प्रतिनिधि द्वारा न्यायालय के लिए पक्षकार बनने के लिए आदेश 22 नियम 3 (Order 22 Rule 3)का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया जाता है!
आदेश 22 नियम 3 सीपीसी प्रार्थना पत्र का
प्रारूप?
Order 22 Rule 3 of CPC Application
Format?
सेवा में
श्री जिला न्यायधीश
जिला……….
वाद संख्या………… सन…….
तारीख पेशी………..
वादी का नाम बनाम प्रतिवादी गण का नाम
प्रार्थना पत्र अंतर्गत आदेश 22 नियम 376 धारा 151 व्यवहार प्रक्रिया संहिता
महोदय
वादी की ओर से प्रार्थना पत्र निम्न प्रकार प्रस्तुत है
1 यह की वादी श्री………………….ने प्रतिवादी के विरुद्ध उक्त वाद बाबत वसूली रुपए……….. का किया था जो विचाराधीन है!
2 यह की उक्त वाद के एकमात्र वादी श्री…………. का स्वर्गवास दिनांक…………. को शहर……….. में हो गया मृत्यु प्रमाण पत्र संलग्न है
3 यह कि मृतक वादी……………ने निम्नलिखित वारिसान एवं कायम मुकमान है जिन्हें इस वाद में अग्रिम कार्यवाही करने का अधिकार प्राप्त है और उन्हें इस वाद को चलाए जाने का हक है!
1 …………….. बेवा श्री………….. (पत्नी)
2……………… पुत्र श्री…………….(पुत्र)
3……………….पुत्र श्री…………… (पुत्र)
4……………….पुत्र श्री…………… (पुत्री)
4 यह कि मृतक वादी श्री……………….के उपरोक्त वारिसान के अलावा अन्य कोई वारिस एवं उत्तराधिकारी नहीं है!
5 यह कि मृतक वादी श्री………. की मृत्यु दिनांक……….. को शहर……….में हुई थी और यह प्रार्थना पत्र निर्धारित परिसीमा में प्रस्तुत किया जा रहा है!
प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर निवेदन है कि मृतक वादी श्री……….. के उपरोक्त वारिसान को मृतक वादी की जगह वादी बनाया जाकर वाद की अग्रिम कार्यवाही जारी रखी जाकर मृतक वादी का नाम वादी के शीर्षक से हटाया जा कर उसके वारिसान एवं उत्तराधिकारी का नाम बेहैसियत वादी प्रति स्थापित किए जाने की आज्ञा प्रदान करावे मृतक वादी श्री…………… के उपरोक्त वारिसान उत्तराधिकारी गढ़ का अधिकार पत्र वकालतनामा संलग्न प्रस्तुत है तथा मृतक वादी के पुत्र श्री……….इस प्रार्थना पत्र की तारीख में शपथ पत्र संलग्न है
वादी
दिनांक…….
स्थान……..
जरिए अधिवक्ता
साथियों इसी के साथ हम अपने लेख को समाप्त करते हैं हम आशा करते हैं हमारा यह एक आपको पसंद आया होगा तथा समझने योग्य होगा अर्थात order 22 rule 3 की जानकारी आप को पूर्ण रूप से हो गई होगी
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मेरा नाम दीपेन्द्र सिंह है पेशे से मे एक वकील हू| MYLEGALADVICE ब्लॉग का लेखक हू यहा से आप सभी प्रकार की कानून से संबंद रखने वाली हर जानकारी देता रहूँगा जो आपके लिए हमेशा उपयोगी रहेगी | इसी अनुभव के साथ जरूरत मंद लोगों कानूनी सलाह देने के लिए यक छोटा स प्रयास किया है आशा करता हू की मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपके लिए उपयोगी रहे |यदि आपको कोई कानूनी सलाह या जानकारी लेनी हो तो नीचे दिए गए संपर्क सूत्रों के माध्यम से हमसे संपर्क कर सकते है |
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बर्ष 1992.24.07को सिविल कोर्ट में बैनामा मंसूरी के वाद में दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया था कि दोनों पक्ष अपने अपने नाम 1/2,1/2आधे आधे भाग पर विचाराधीन दाखिल खारिज के वादे मे नाम दर्ज करा लेंगे लेकिन विपक्षी खरीद करती ने दूसरा नामांतरण वाद दाखिल कर सम्पूर्ण भूमि ,वादी विकृऐता की सहमति दिखाकर , अपने नाम दर्ज करा ली पिता को जीवित रहते जानकारी नही हुई आधे भाग पर हमारे पिताजी और मैं खेती करता रहा हूं पिताजी की मौत वर्ष 20,10,1998को हो चुकी है हम अपने नाम आधी भूमि दर्ज कैसे करायें
आपका हिस्सा कितना है उस संपति me
Agar kisi defandent ki death hui hoorder dismissed ho chuka ho tu kya karen