नमस्कार दोस्तों
आज हम बात करने जा रहे हैं आईपीसी की धारा 141 की क्या होती है आईपीसी की धारा 141 और यह कब लगाई जाती है इसका तात्पर्य क्या होता है इन सब बातों के बारे में आज हम विस्तार से चर्चा करने वाले हैं आईपीसी की धारा 141 की विधि विरुद्ध जमाव से संबंधित धारा है विधि विरुद्ध जमाव यानी Unlawful Assembly क्या होती है किसे माना गया है
विधि विरुद्ध जमाव क्यों इसे विधि विरुद्ध जमाव कहा गया है इन सब बातों को लेकर विस्तार से चर्चा करने वाले हैं विधि विरुद्ध जमाव 5 या 5 से अधिक व्यक्तियों का जमाव विधि विरुद्ध जमाव कहा जाता है। व्यक्तियों का उद्देश्य सामान्य हो जिससे वह जमा हो गठित किया हो। अब देखते हैं क्या है आईपीसी की धारा 141 के बारे में पूर्ण वर्णन करते हैं।
आईपीसी की धारा 141 से तात्पर्य?
5 या 5 से अधिक व्यक्तियों के सामान्य उद्देश्य को लेकर एकत्रित होने को विधि विरुद्ध जमाव कहा जाता है विधि विरुद्ध जमाव का आवश्यक तत्व यह होते हैं विधि विरुद्ध जमाव में कोई व्यक्ति सदस्य कब माना जाएगा तो इसके लिए धारा 142 भारतीय दंड संहिता में दो बातें कही गई है कि तथ्यों से परिचित होते हुए भी विधिविरुद्ध जमाव का कोई व्यक्ति सदस्य होता है ऐसे व्यक्ति को विधिविरुद्ध जमाव का सदस्य माना जाएगा
- 5 या 5 से अधिक व्यक्तियो का होना।
- समान्य उद्देश्य होना
- सामान्य उद्देश्य को लेकर अग्रसर होकर कोई कार्य किया जाना।
विधि विरुद्ध जमाव में 5 या 5 से अधिक व्यक्तियों को दंडित किया जाता है और उसी प्रकार कई व्यक्ति जिनका उद्देश्य सामान्य नहीं होता और वह रह जाते हैं और वह 55 से अधिक नहीं होते तो विधि विरुद्ध जमाव के दोषी नहीं होंगे।
इसी प्रकार कोई व्यक्ति अगर वीर्य विधि विरुद्ध जमाव के स्थल पर उपस्थित है और उसका कोई सामान्य आशय ऐसा नहीं है ना ही उसको पूर्णता विधि विरुद्ध जमाव के बारे में कोई जानकारी हो तो ऐसे में उस व्यक्ति को विधि विरुद्ध जमाव के दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। DHARA 141 आईपीसी में पांच व्यक्तियों या 5 से अधिक व्यक्तियों का होना अति आवश्यक है। और DHARA 141 भारतीय दंड संहिता में विधि विरुद्ध जमाव के लिए पांच उद्देश्य भी दिए गए है उन पांचों उद्देश्य को अग्रसर होने पर ही विधि विरुद्ध जमाव का दोषी ठहराया जा सकता है। विधि विरुद्ध जमाव के क्या है पांच उद्देश्य जिनकी विस्तार से हम चर्चा करने वाले हैं।
- आतंकित करना
- प्रतिरोध करना
- अपराध करना
- किसी संपत्ति का कब्जा करना
- विवश करना
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आतंकित करना?
आतंकित करने से तात्पर्य है अपराधिक बल द्वारा या प्रदर्शन द्वारा लोक सेवक राज्य सरकार या केंद्र सरकार को आतंकित करना । अपराधिक बल की परिभाषा भारतीय दंड संहिता की धारा 350 में परिभाषित किया गया है।
प्रतिरोध करना?
विधि के आदेशों की अवेल ना करना या प्रतिरोध करना या विधिक प्रक्रिया का प्रतिरोध करना किसी न्यायिक कार्य में बाधा डालना या किसी विधि के आदेशों की अवहेलना करना माना गया है।
अपराध करना?
अपराध करने से तात्पर्य है आपराधिक अतिचार करना रिषटी करना अपराधिक अतिचार की परिभाषा भारतीय दंड संहिता की धारा 441 में दी गई है और इसमें दंड के प्रावधान भारतीय दंड संहिता की धारा 447 में दिए गए हैं अपराध करना के अंतर्गत आईपीसी के लगभग अधिकतर अपराध सम्मिलित हो जाते हैं।
कब्जा करना?
किसी की संपत्ति पर कब्जा करना और इसमें किसी व्यक्ति को उसके सुख अधिकारों से वंचित करना भी माना जाता है।
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विवश करना?
किसी व्यक्ति से ऐसे कार्य करने के लिए जो कि वह करना नहीं चाहता हूं उसके लिए विवश करना इस गतिविधि में आता है या किसी व्यक्ति को ऐसा कार्य कार्य करते हुए रोकना जिसके लिए आबाद है यह भी विवश करने में ही माना जाता है।
विधि विरुद्ध जमाव विधि विरुद्ध जमाव को DHARA 141 भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत परिभाषित किया गया है धारा 142 में विधि विरुद्ध जमाव का सदस्य होने की परिभाषा दी हुई है और धारा 143 में विधि विरुद्ध जमाव के सदस्य होने के लिए दंड का प्रावधान है और यदि कोई व्यक्ति विधि विरुद्ध जमाव में घातक हथियार लेकर सम्मिलित होता है
तो उसमें धारा 144 भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत दंड का प्रावधान है। विधि विरुद्ध जमाव को अवैध सभा या अनलॉफुल असेंबली भी कहा जाता है। लोक शांति के विरुद्ध अपराध भी कहा जा सकता है इसे लोग शांति के विरुद्ध अपराधों की चर्चा भारतीय दंड संहिता के अध्याय 8 में की गई है।
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