आईपीसी की धारा 277 क्या है What is section 277 of IPC
नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं आईपीसी की धारा 277 के बारे में क्या होती है 277 धारा आईपीसी की और इसमें क्या-क्या प्रावधान दिए गए हैं इन सब विषयों के बारे में आज हम इस लेख के माध्यम से आप लोगों को कानूनी जानकारी से अवगत कराने वाले हैं हमारा हमेशा से ही प्रयास रहा है कि ज्यादा से ज्यादा कानूनी जानकारियां आप लोगों तक पहुंचाता रहूं
आईपीसी धारा 277 लोक जल – स्रोत या जलाशय का जल कलुषित करना IPC Section 277 Public water – Pollution of water source or reservoir
जो कोई किसी लोक – जलस्रोत या जलाशय के जल को स्वेच्छया इस प्रकार भ्रष्ट या कलुषित करेगा कि वह उस प्रयोजन के लिए, जिसके लिए वह मामूली तौर पर उपयोग में आता हो, कम उपयोगी हो जाये, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पाँच सौ रुपये तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जायेगा ।
आईपीसी धारा 277 का विवरण
लोक जल – स्रोत या जलाशय का जल कलुषित करना इस धारा के अधीन दण्डनीय अपराध है इसके अनुसार, जो कोई किसी लोक – जलस्रोत या जलाशय के जल को स्वेच्छया इस प्रकार भ्रष्ट या कलुषित करेगा कि वह उस प्रयोजन के लिए, जिसके लिए वह मामूली तौर पर उपयोग में आता हो, कम उपयोगी हो जाए, वह तीन मास तक के सादा या कठिन कारावास से, या पाँच सौ रुपये तक के जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।
इस धारा के अंतर्गत अभियुक्त के द्वारा किसी लोक जल – स्रोत या जलाशय के जल को भ्रष्ट या कलुषित किया जाना आवश्यक है उसके द्वारा ऐसा स्वेच्छया किया जाना चाहिए । जल भ्रष्ट या कलुषित इस प्रकार होना चाहिए कि वह जिस प्रयोजन के लिए मामूली तौर पर उपयोग में आता हो उससे कम उपयोगी हो जाए ।
अभिव्यक्ति कम उपयोगी न कि अनुपयोगी का प्रयोग जानबूझकर किया गया है ऐसा भी हो सकता है कि जल पूर्णतः अनुपयोगी न हुआ हो बल्कि केवल कम उपयोगीहुआ हो, ऐसे में यह धारा लागू होगी स्वेच्छया शब्द का वही अर्थ है जो संहिता की धारा 39 में वर्णित है जल किसी लोक जल – स्रोत या जलाशय का होना चाहिए। ऐसा जल – स्रोत या जलाशय लोक जलस्रोत या जलाशय है
जिसके जल का उपयोग लोक के द्वारा किया जाता है ; यह महत्वपूर्ण नहीं है कि लोक को उस जल के उपयोग करने का वैध अधिकार है या नहीं । जल पीने के लिए भी हो सकता है, और किसी अन्य उद्देश्य के लिए भी । नदी जलस्रोत या जलाशय नहीं है किसी लोक जलस्रोत या जलाशय से किसी दलित के द्वारा जल लेने पर वह जल – स्रोत या जलाशय कम उपयोगी नहीं हो जाता, और इसलिए ऐसा करना उसे भ्रष्ट या कलुषित करना नहीं है ।
इस धारा के अधीन अपराध असंज्ञेय, जमानतीय और अशमनीय है, और वह प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है
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निष्कर्ष
साथियों इसी के साथ हम अपने लेख को समाप्त करते हैं हम आशा करते हैं हमारा यह एक आपको पसंद आया होगा तथा समझने योग्य होगा अर्थात धारा 277 आईपीसी की जानकारी आप को पूर्ण रूप से हो गई होगी
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