SECTION 156 (3) CRPC IN HINDI
नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं सीआरपीसी की धारा क्या है 156 (3) धारा सीआरपीसी की और इसमें क्या-क्या प्रावधान दिए गए हैं इन सब विषयों के बारे में आज हम इस लेख के माध्यम से आप लोगों को कानूनी जानकारी से अवगत कराने वाले हैं हमारा हमेशा से ही प्रयास रहा है कि ज्यादा से ज्यादा कानूनी जानकारियां आप लोगों तक पहुंचाता रहूं
सीआरपीसी की धारा 156 (3) में प्रावधान है
धारा 156 (3) सीआरपीसी जब लागु होती है जब किसी व्यक्ति द्वारा न्ययालय में मजिस्ट्रेट के समक्ष आवेदन या परिवाद प्रस्तुत करता है आवेदन या परिवाद की जाँच करवाने का निवेदन न्ययालय में मजिस्ट्रेट के समक्ष करता है तो न्ययालय में मजिस्ट्रेट को धारा 190 के अंतर्गत अपराध का संज्ञान लेने का अधिकार होता है और मजिस्ट्रेट द्वारा पुलिस को या सक्षम अधिकारी को मामले की जाँच करने का निर्देश दिया जाता है
न्ययालय में मजिस्ट्रेट के पास ये निर्धारित करने का विवेकाधिकार होता है की जो न्ययालय के समक्ष आवेदन या परिवाद जिन तथ्यों और आधारों के साथ प्रस्तुत किया गया है वह मामला पुलिस द्वारा जाँच के योग्य है या नहीं
सीआरपीसी की धारा 156 (3) क्या है
सीआरपीसी की धारा 156 (3) में प्रावधान है, अगर पुलिस तहरीर मिलने पर केस न लिखे तो कोर्ट उसे आदेश दे सकती है। कई बार देखने को मिलता है कि हत्या तक के मामले भी कोर्ट के पास पहुंच जाते हैं, जिनमें पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं करती। अहम बात ये होती है कि कोर्ट के आदेश पर पुलिस को एफआईआर दर्ज करनी ही पड़ती है। अगर कोर्ट का आदेश नहीं माना जाता है तो यह कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट( न्यायालय की अवमानना ) की श्रेणी में आता है।
धारा 154 (3) CRPC में यह स्पष्ट किया गया है कि – किसी भी व्यक्ति की रिपोर्ट अगर पुलिस लिखने से मना करती है अथवा वह व्यक्ति पुलिस की कार्यवाही से व्यथित या असंतुष्ट है तो वह स्पीड पोस्ट के जरिये या खुद SP कार्यालय में जाकर सम्बंधित पुलिस अधीक्षक को लिखित प्रारूप में अपनी शिकायत दे/भेज सकता है।
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निष्कर्ष
साथियों इसी के साथ हम अपने लेख को समाप्त करते हैं हम आशा करते हैं हमारा यह एक आपको पसंद आया होगा तथा समझने योग्य होगा अर्थात धारा 156 (3) सीआरपीसी की जानकारी आप को पूर्ण रूप से हो गई होगी
कानूनी सलाह लेने के लिए अथवा पंजीकृत करने के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरूरत होती है इन सभी सवालों से जुड़ी सारी जानकारी इस लेख के माध्यम से हम आज आप तक पहुंचाने की पूरी कोशिश किए हैं
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मेरा नाम दीपेन्द्र सिंह है पेशे से मे एक वकील हू| MYLEGALADVICE ब्लॉग का लेखक हू यहा से आप सभी प्रकार की कानून से संबंद रखने वाली हर जानकारी देता रहूँगा जो आपके लिए हमेशा उपयोगी रहेगी | इसी अनुभव के साथ जरूरत मंद लोगों कानूनी सलाह देने के लिए यक छोटा स प्रयास किया है आशा करता हू की मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपके लिए उपयोगी रहे |यदि आपको कोई कानूनी सलाह या जानकारी लेनी हो तो नीचे दिए गए संपर्क सूत्रों के माध्यम से हमसे संपर्क कर सकते है |
Mandi samiti mein ek aadhtiya per ek lakh chauhattar 141 rupaiya 2015 ka ruka hua hai abhi Tak payment nahin kar raha payment mangne per kahta hai Meri ya Mal aaya hi nahin ab uske viruddh kaun si kaarvayi karni chahie kis Court mein jana chahie
kha ka mamla hai ye fir report krwa do under section 420,406 ipc
I had lodge a FIR in Dwarka sector 23 Police Station. FIR no. 312. dated 17/7/2022.
But no charge sheet has been filed till date.
What to do ?
court me sec 210 crpc ki application file kro