SECTION 175 IPC IN HINDI पूरी जानकारी

आईपीसी की धारा 175 क्या है What is section 175 of IPC

नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं आईपीसी की धारा 175 के बारे में क्या होती है 175 धारा आईपीसी की और इसमें क्या-क्या प्रावधान दिए गए हैं इन सब विषयों के बारे में आज हम इस लेख के माध्यम से आप लोगों को कानूनी जानकारी से अवगत कराने वाले हैं हमारा हमेशा से ही प्रयास रहा है कि ज्यादा से ज्यादा कानूनी जानकारियां आप लोगों तक पहुंचाता रहूं

आईपीसी धारा 175 दस्तावेज ( या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख ) पेश करने के लिए वैध रूप से आबद्ध व्यक्ति का लोक सेवक को दस्तावेज ( या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख ) पेश करने का लोप 

जो कोई किसी लोक सेवक को, ऐसे लोक सेवक के नाते किसी दस्तावेज ( या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख ) पेश करने या परिदत करने के लिए वैध रूप से आबद्ध होते हुए, उसको इस प्रकार पेश करने या परिदत करने का साशय लोप करेगा, वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि एक मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पांच सौ रुपये तक का हो सकेगा, या दोनों से, 

अथवा यदि वह दस्तावेज ( या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख ) किसी न्यायालय में पेश या परिदत की जानी हो, तो वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रुपये तक, हो सकेगा, या दोनों से, दंडित किया जाएगा । 

आईपीसी धारा 175 का विवरण Details of IPC Section 175

 यदि कोई व्यक्ति किसी दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख को पेश या परिदत करने के लिए वैध रूप से आबद्ध नहीं हो, तो यह धारा लागू नहीं होगी ।

दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख के पेश या परिदत किए जाने का लोप साशय किया जाना चाहिए दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख को किसी न्यायालय में पेश या परिदत किए जाने की अवस्था में दंड की अवधि में व्रद्धि की गई हैं अभियोजन पक्ष द्वारा यह साबित किया जाना आवश्यक है कि दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख अभियुक्त के कब्जे में था ।

यदि इस बारे में संदेह हो कि दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख अभियुक्त के कब्जे में था या नहीं, तो न्यायालय यह अभिनिर्धारित करने के लिए आबद्ध है कि दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख उसके कब्जे में नहीं था । इस धारा के अधीन कठिन कारावास की व्यवस्था नहीं है । 

इस धारा के अधीन दंड प्रक्रिया संहिता के अध्याय 9 के अध्यधीन अपराध असंज्ञेय, जमानतीय और अशमनीय हैं, और यह उस न्यायालय द्वारा विचारणीय है जिसमें इस कारित किया गया है, और यदि  न्यायालय में इसे कारित नहीं किया गया है तो यह किसी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है

साथियों इसी के साथ हम अपने लेख को समाप्त करते हैं हम आशा करते हैं हमारा यह एक आपको पसंद आया होगा तथा समझने योग्य होगा अर्थात धारा 175 आईपीसी की जानकारी आप को पूर्ण रूप से हो गई होगी 

 कानूनी सलाह लेने के लिए अथवा पंजीकृत करने के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरूरत होती है  इन सभी सवालों से जुड़ी सारी जानकारी इस लेख के माध्यम से हम आज आप तक पहुंचाने की पूरी कोशिश किए हैं

अगर आपको इस सवाल से जुड़ी या किसी अन्य कानून व्यवस्था से जुड़ी जैसे आईपीसी, सीआरपीसी सीपीसी इत्यादि से जुड़ी किसी भी सवालों की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बेझिझक होकर कमेंट कर सकते हैं और आपके सवालों के उत्तर को हम जल्द से जल्द देने का हम पूरा प्रयास करेंगे।

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