आईपीसी की धारा 307 क्या है What is section 307 of IPC
नमस्कार दोस्तों
आज हम अपने ब्लॉग में एक महत्वपूर्ण धारा का पूर्ण रूप से वर्णन करने जा रहे हैं भारतीय दंड संहिता की धारा 307 क्या है यह कब लगती है उसमें दंड के प्रावधान क्या है इससे बचने के लिए क्या किया जाए इत्यादि सभी का वर्णन हम इस ब्लॉग में करने वाले हैं
अगर हम IPC की बात करें तो यह भारत के पहले कानून आयोग की सिफारिश पर 1833 के चार्टर एक्ट के तहत IPC भारतीय दंड संहिता (आई.पी.सी.) 1860 में अस्तित्व में आया आईपीसी को भारतीय दण्ड संहिता भी कहा जाता है
IPC full Form Indian Penal Code
आजकल अपराध होना एक आम बात हो गई है कोई नई बात नहीं है कि अपराध हो या घटना हो यह समाज में एक बुराई है समाज में या मरे देश में कुछ ऐसे भी आसान असामाजिक तत्व होते हैं जो इन अपराधों को अंजाम देते हैं आज हम धारा 307 के बारे में आपको विस्तार से वर्णन करेंगे। चलो आओ हम देखते हैं इसका पूर्ण रूप से विवरण क्या है और इससे कैसे बचा जाए।
आईपीसी की धारा 307 का विवरण Description of section 307
धारा 307 आईपीसी के अनुसार कोई व्यक्ति जो एक ही आशय से या इरादे से किसी अन्य व्यक्ति को विभिन्न परिस्थितियों में कोई ऐसा कार्य करता है जिससे अन्य व्यक्ति को गंभीर चोट पहुंचती हो या उसकी मौत का कारण बन जाए तो वह व्यक्ति हत्या का दोषी होगा धारा 307 के अंतर्गत वह व्यक्ति हत्या का दोषी होगा जिसका कारावास 10 वर्षों तक हो सकेगा या
और भी बढ़ाया जा सकता है एवं आर्थिक दंड का भी वह उत्तरदाई होगा अथवा दोनों का कारावास व आर्थिक दंड का उत्तरदायित्व उसी का होगा।।ये धारा काफी प्रचलित धारा है।जो अधिकतर लोगों को इसके बारे मे पता नही होता है।
धारा 307 मे लागू अपराध offense under section 307
धारा 307 आई पी सी मे क्या अपराध है।इसको करने वाले को कितनी सजा का प्रावधान है।
1हत्या करने का प्रयत्न
10 वर्ष का कारावास व आर्थिक दण्ड अथवा दोनो
अपराध-गैर जमानती
किसी भी सेशन न्यायधीश द्वारा विचारनीय।
2 यदि किसी अपराध से किसी व्यक्ति को चोट या नुकसान पहुँचता है तो
10 वर्ष का कारावास व आर्थिक दण्ड अथवा दोनो
अपराध-गैर जमानती
किसी भी सेशन न्यायधीश द्वारा विचारनीय।
3 आजीवन कारावास के अपराधी द्वारा हत्या का प्रयास
म्रत्यु दण्ड या 10 वर्ष का कारावास व आर्थिक दण्ड अथवा दोनो
अपराध-गैर जमानती
किसी भी सेशन न्यायधीश द्वारा विचारनीय।
ये ऐसे मामले होते है जो समझौता करने लायक नही होते है।
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धारा 307 मे हत्या का प्रत्यन करने के लिए दण्ड Punishment for attempt to murder under section 307
हमारे समाज मे अपराध होना एक आम बात हो गई है।ये धारा भी बहुत लोगो से अपने सुनी होगी।अखबार में न्यूज हम देखते है कि काफी प्रचलित धारा है ये।भारतीय दंड संहिता की धारा 307 में किसी की हत्या करने का प्रयास करने के लिए दण्ड का प्रावधान दिया हुआ है।बहुत से लोगो को तो इसकी जानकारी भी नही होती कि ये धारा कोनसी है।इसके क्या सजा के प्रावधान है
भारतीय दंड संहिता की इस धारा 307 में किसी व्यक्ति द्वारा किसी अन्य व्यक्ति की हत्या करने का प्रयास करना वह इसी धारा के अंतर्गत आता है एवं इसमें धारा 307 में हत्या करने के प्रयास के लिए दंड के प्रावधान दिए गए हैं
यह धारा सिर्फ किसी की हत्या के प्रयास के लिए ही बनाई गई है धारा 307 मैं सजा के प्रावधान सिर्फ उसी के लिए हैं जिसने किसी व्यक्ति का हत्या करने का प्रयत्न किया हो ना की हत्या के लिये ये सिर्फ हत्या करने का प्रत्यन करने वाले पर है लागू होगी।हत्या करने पर आई पी सी की धारा 302 304 लागू होगी।
किसी व्यक्ति को आसान भाषा मे ये समझना चाहिएधारा 307 में प्रावधान ये है कि किसी व्यक्ति द्वारा किसी पर धारदार हतियार से हमला करना या किसी व्यक्ति को चोट पहुँचना ।लेकिन जिस व्यक्ति पर हमला किया है।उस व्यक्ति की हत्या नही हुई हो।तो मामला आई पी सी की धारा 307 के अंतर्गत की दायर होगा।इस प्रकार इसको सरल भाषा मे आप समझ सकते हो।
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धारा 307 मे दण्ड के प्रावधान Punishment provisions in section 307
धारा 307 में दंड के प्रावधान कुछ इस प्रकार दिए हुए हैं धारा 307 में हत्या करने के प्रथम के आधार पर मुकदमा चलाया जाता है और इसमें दंड के प्रावधान बहुत कठोर है कठोर कारावास भी है आर्थिक दंड भी है आजीवन कारावास भी है इस प्रकार कुछ दंड के प्रावधान बताए गए हैं
जैसे क्यों धर्म के लिए आप समझे किसी व्यक्ति ने किसी व्यक्ति को मारने के मंशा से या उसकी हत्या करने की मंशा से वार किया हो यह हमला किया हो लेकिन वह व्यक्ति बच गया हो तो न्यायालय द्वारा ट्रायल में हत्या का प्रयास करने वाले यह हमला करने वाले व्यक्ति को 10 वर्ष का कारावास की सजा सुना सकती है
अगर उस व्यक्ति को गंभीर चोट लगती है तो सजा में तब्दीली भी हो सकती है सजा को उम्र कैद भी किया जा सकता है एवं सजा के साथ-साथ आर्थिक दंड का भी प्रावधान है जोकि अपराधी की या अभियुक्त की हैसियत के अनुसार न्यायालय द्वारा जुर्माने से दंडित किया जाता है
भारतीय दंड संहिता की धारा 307 साथ में प्रावधानों के बाद कुछ नये तथ्य भी जोड़े गए हैं जिसमें अगर कोई ऐसा व्यक्ति किसी की हत्या करने का प्रयत्न करता है जोकि खुद किसी दूसरे अपराध में आजीवन कारावास की सजा में हो उस व्यक्ति के इस धारा के अंतर्गत मृत्यु दंड का भी प्रावधान है
किसी व्यक्ति द्वारा किसी पर हमला किया जाता है अगर उसको गंभीर चोट आती है लेकिन हमला करने वाले का ऐसे उसको हत्या करने का यह गंभीर चोट पहुंचाने का नहीं था तो मामला धारा 307 के अंतर्गत की जगह धारा 325 के भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत दायर होगा और उसी के अनुसार सजा के प्रावधान होंगे न्यायालय द्वारा सजा सुनाई जाएगी।
आईपीसी की धारा 307 न्यायालय की प्रक्रिया Court Procedure of Section 307 IPC
धारा 307 की न्यायालय के अंतर्गत पुलिस शिकायत के साथ शुरू हो जाती है आइए दखते है न्यायालयमे किस प्रकार ट्रायल प्रक्रिया है |
प्रथम सूचना रिपोर्ट?
धारा 307 आईपीसी के अंतर्गत ट्रेन चलने का सबसे महत्वपूर्ण कदम या सर्वप्रथम कदम पुलिस की शिकायत दर्ज होना ही है जिसे हम एफआईआर भी बोल सकते हैं यानी की धारा 154 सीआरपीसी के अंतर्गत पुलिस द्वारा एफ आई आर दर्ज कर ली जाती है और यही सही मामले की शुरुआत होती है।
अनुसंधान अधिकारी द्वारा मामले का अनुसंधान करना?
जब प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्द हो जाती है उसके पश्चात अनुसंधान अधिकारी द्वारा मामले की जांच की जाती है मामले में सबूत जुटाए जाते हैं और और अनुसंधान मैं जिस की भी आवश्यकता होती है वह सबूत संग्रह करके अनुसंधान अधिकारी द्वारा जांच को पूरा किया जाता है।
चार्जशीट न्यायालय के समक्ष पेश होना?
पुलिस अधिकारी द्वारा जो भी मामले का अनुसंधान अधिकारी होता है उसके द्वारा मामले की पूरी तरह जांच करने के पश्चात न्यायालय के समक्ष मामले में चालान पेश करना होता है यानी चार्जशीट फाइल करनी होती है।
चार्ज बहस?
अनुसंधान अधिकारी द्वारा अनुसंधान पूर्ण रूप से करने के पश्चात न्यायालय के अंदर चार्जशीट पेश करने के पश्चात न्यायालय द्वारा अभियुक्त की ओर से अधिवक्ता द्वारा चार्ज बहस की जाती है मेरे द्वारा अभियुक्त के अधिवक्ता द्वारा तर्कों को सुना जाता है और चार्ज फ्रेम किया जाता है
अभियोजन पक्ष द्वारा गवाह पेश करना?
अभियोजन पक्ष द्वारा गवाह पेश करना होते हैं 42 एस के पश्चात पत्रावली एविडेंस के स्टेज पर आ जाती है और अभियोजन पक्ष द्वारा गवाह को पेश करना होता है और न्यायालय द्वारा भी गवाहों को समन जारी किए जाते हैं जिसमें गवाह सूची में जिन व्यक्तियों के नाम होते हैं उनको समन द्वारा भी बुलाया जाता है।
अभियुक्त के अधिवक्ता द्वारा गवाहों से जिरह करना?
अभियोजन पक्ष द्वारा गवाह पेश करने के पश्चात अभियुक्त के वकील या अधिवक्ता द्वारा गवाहों से जी रहे करी जाती है यानी दवाओं का परीक्षण किया जाता है और गवाहों से अभियुक्त के वकील द्वारा सवाल पूछे जाते हैं जो कि उस मामले से संबंधित होते हैं।
साक्ष्य सफाई?
साक्ष्य सफाई से तात्पर्य है कि अभियुक्त द्वारा अपने बचाव संबंधित दस्तावेज या साक्ष्य पेश करने होते हैं अगर अभियुक्त के पास कोई साक्ष्य है तो न्यायालय में फ्रेश करने होते हैं जिसे डिफेंस एविडेंस भी कहा जाता है
बयान मुलजिम?
बयान मुलजिम से तात्पर्य है कि साक्षी सफाई के पश्चात अभियुक्त के बयान लिए जाते हैं अभी द्वारा मामले के संबंध में बयान लिए जाते हैं न्यायालय के समक्ष उपरोक्त अभियुक्त द्वारा अपने बयान दिए जाते हैं अब इस मामले से संबंधित जो भी अभियुक्त बोलना चाहता है उच्च न्यायालय द्वारा सुना जाता है।
बहस अंतिम?
अंत में इस मामले में न्यायालय द्वारा बहस अंतिम सुनी जाती है दोनों पक्षों को न्यायालय द्वारा सुना जाता है अभियोजन पक्ष द्वारा और अभियुक्त के अधिवक्ता द्वारा दोनों को न्यायालय द्वारा सुना जाता है मौखिक रूप से दोनों अपना-अपना पक्ष रखते हैं और न्यायालय द्वारा इस अंतिम बहस सुनने के पश्चात निर्णय दिया जाता है।
न्यायालय द्वारा निर्णय?
अंत में दोनों पक्षकारों को पूर्ण रूप से सुनने के पश्चात न्यायालय द्वारा मामले पर गवाहों और सबूतों को मध्य नजर रखते हुए न्यायालय द्वारा निर्णय दिया जाता है दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात और गवाहों को सुनने के पश्चात न्यायालय द्वारा अंतिम निर्णय दिया जाता है।
अभियुक्त को सजा?
न्यायालय द्वारा अगर अभियुक्त को दोषी ठहराया जाता है। अगर न्यायालय द्वारा अभियुक्त को दोषी ठहराया गया है तो दोषी होने पर निर्णय लेने के लिए एक सुनवाई और की जाती है।
उच्च न्यायालय में अपील?
अगर निचली अदालत द्वारा अभियुक्त को दोषी करार दिया जाता है तो अभियुक्त के पास उच्च न्यायालय जाने का अधिकार होता है यानी कि उच्च न्यायालय में वह उस आदेश को लेकर चैलेंज कर सकता है जो कि निचली अदालत ने उसे दोषी ठहराया है उच्च न्यायालय के पश्चात हुई सर्वोच्च न्यायालय में भी वह जा सकता है यह व्यक्ति के पास हुई अपील करने के अधिकार होते हैं।
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धारा 307 मे जमानत के प्रावधान Provision of bail in section 307
धारा 307 में क्या क्या प्रावधान है जमानत कैसे ली जा सकती है यह एक गैर जमानती अपराध है इसके अंदर जमानत मिलना मुश्किल हो जाता है यह एक गंभीर प्रवृत्ति का अपराध है धारा 307 के अंतर्गत हत्या के के लिए सजा का प्रावधान है
जिसमें पुलिस थाने द्वारा कोई जमानत का प्रावधान नहीं है यह एक गैर जमानती अपराध है । इसकी जमानत याचिका जिला न्यायालय में प्रथम बार लगाई जाती है अगर जिला न्यायालय द्वारा अभियुक्त की जमानत याचिका खारिज कर दी जाती है
तो उसके प्रदेश के उच्च न्यायालय में जमानत याचिका पेश की जाती है।वेसे तो ज़मानत मिलना मुश्किल होता है लेकिन उच्च न्यायलय को अगर ऐसा लगता है कि अपराध इस व्यक्ति ने नही किया अगर ऐसा प्रतित होता है तो जमानत मिलने के आसार ज्यादा हो जाते है। उच्च न्यायालय को को ऐसी की आपात स्थिति लगती है या लगता है कि ये गम्भीर अपराध इसने नही किया तो उच्च न्ययालय द्वारा जमानत याचिका मंज़ूर कर ली जाती है।
धारा 307 के अंतर्गत न्ययालय द्वारा अग्रिम जमानत लेने का प्रावधान नही है।लेकिन अगर न्ययालय में अभियुक्त द्वारा वकील के माध्यम से न्ययालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर कर दी जाती है तो उसकी याचिका तुरन्त प्रभाव से खारिज कर दी जाती है।चाहें वह किसी भी न्ययालय में अपनी अग्रीम जमानत याचिका दायर करे जिला न्यायालय हो चाहे उच्च न्यायालय हो।
आईपीसी की धारा 307 मे केसे बचा जा सकता है
धारा 307 मे बचने की बहुत काम आशा होती है यह कोई समझोत करने योग्य अपराध नहीं है हलाकी माननीय उच्चतम न्यायालय ने भी यह माना है की यह अपराध समझोंता करने लायक नहीं है इसमे अगर परिवादी यानि जिसने प्रथम सूचना रिपोर्ट (fir ) दर्ज कारवाई है उसने अगर कही न कही अपने बयानों मे न्यायालय के समक्ष हास्टाइल हो जाता है
यानि बयान कुछ आपके पक्ष मे दे दिए जाते है तो अभियुक्त के बचने की कुछ आशा की किरण जाग उठती है एसे मे या शिकायत करता अगर न्यायालय के समक्ष बयान दे की मुझे इस मुकदमे मे आगे कोई कार्यवाही नहीं करनी है तब कुछ अभियुक्त के मुकदमे से बारी होने की आशा होती है |ओर इसमे एसे ही बच सकते है क्योंकि ये यक गंभीर प्रवती का अपराध है यह कोई समझोंता करने योग्य अपराध नहीं है |
आईपीसी की धारा 307 में वकील की जरूरत क्यों होती है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 307 मैं दंड के प्रावधान कठोर है मुझे एक गैर जमानती अपराध है इसमें जमानत मिलना भी मुश्किल है इसमें अभियुक्त को 10 वर्षों का कारावास वह आर्थिक दंड अथवा दोनों तक की सजा सुनाई जा सकती है
अगर अपराध गंभीर प्रवृत्ति का किया हो यह किसी को गंभीर चोट पहुंची हो इस प्रकार के मामले में आजीवन कारावास का भी प्रावधान है ऐसी स्थिति में अभियुक्त का निर्दोष बचकर निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है अपने आप को सही साबित करना बहुत कठिन कार्य हो जाता है
ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए एक निपुण वकील या अधिवक्ता जो अपराधिक मामलों में सर्वश्रेष्ठ अधिवक्ता हो या पारंगत हो जिन्होंने अपराधिक मामलों में कई प्रकार के ऐसे मामले लड़े हो या सुलझाएं हो ऐसे वकील को आपके द्वारा नियुक्त करना आपके लिए बहुत लाभदायक होगा जोकि आपको सजा से भी मुक्ति दिलवा सकता है।
और आपको निर्दोष साबित कर सकता है न्यायालय द्वारा आपको बरी भी करवा सकता है इस प्रकार का वकील आप को ही नियुक्त करना होता है जो आपके आरोप मुक्त होने के अवसर बहुत बड़ा देता है और आपको इस मामले से बरी करवा देता है
Mylegaladvice ब्लॉग पर आने के लिए यहाँ पे ब्लॉग पढ़ने के लिए मैं आपका तह दिल से अभारी रहूंगा और आप सभी साथीयो दोस्तो का मैं बहुत बहुत धन्यवाद करता हु इस ब्लॉग के संबंध मे आपका कोई ही सवाल है जिसका जवाब जानने के आप इछुक है तो आप कमेंट बॉक्स मैं मूझसे पुछ सकते है।।
मेरा नाम दीपेन्द्र सिंह है पेशे से मे एक वकील हू| MYLEGALADVICE ब्लॉग का लेखक हू यहा से आप सभी प्रकार की कानून से संबंद रखने वाली हर जानकारी देता रहूँगा जो आपके लिए हमेशा उपयोगी रहेगी | इसी अनुभव के साथ जरूरत मंद लोगों कानूनी सलाह देने के लिए यक छोटा स प्रयास किया है आशा करता हू की मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपके लिए उपयोगी रहे |यदि आपको कोई कानूनी सलाह या जानकारी लेनी हो तो नीचे दिए गए संपर्क सूत्रों के माध्यम से हमसे संपर्क कर सकते है |
Dhara307 mei gawa na ho to kya saja hoti hai
गवाह ना होने पर मुकदमा अभियुक्त के पक्ष मे होने की उम्मीद हो जाती है
Sir ipc307 kab lagta hi
हत्या करने का प्रयत्न (Attempt to murder) par dhara 307 legti hai
अगर किसी व्यक्ति को 10 वर्ष की सजा सुनाई गई है और वह बेल पर बाहर आ गया है और सारा समय बाहर बीत गया है विपरीत पार्टी द्वारा कोई पैरवी नही किया गया हो तो क्या उसे जेल होगी या नहीं
agar sja ho gai to high court ne bail mil gai hai to file to panding he chal rhi hai court me sja saspand kar di hai apki
Sir…… Mere bhai pe jhutha case kiya h sb… Koi v sabut nhi h fir v judge bail nhi de rha h iska kya reason ho skta h… Aap bta skte h ??? Plzz Sir
konse section me fir report hui hai
Sir mere padosh me mamuli si baat pr bade bhai ko knife se mar diya but bada bhai sahi salamat aa gya or ghar me se kisi ne complaint kr or bada bhai chhote bhai ko saza nhi dilvana chahata h na karvai krna chahata police ne 307lag di h to kya kare sir reply diniyega babur problem h na samjhi me nase me mara tha chaku
kha ka mamla hai ye sand me fir copy email
Sir mera bike thana me japat hai us par mukadama dhara 143 149 323 325 332 333 307 353 283 504 506 188 lagta gya hai jisme ham nirdosh hai ham us ghatana me nahi the mera bike mera jija lekar gaya tha fir me gari number likha hai mera naam.nahi hai
aap apni gadi court se release karwa sakte hai
Sir ager Kisi beksur ko 307 lge to kyaa krna chiye
अगर 307 लगे बेकसूर पर तो उसके सबूत आपके पास होने चाइए |सम्पूर्ण जानकारी के लिए आप हमारे संपर्क सूत्र द्वारा हुमसे संपर्क कर सकते है
झूठ t360 की रिपोर्ट पर मजिस्ट्रेट द्वारा 190 में संज्ञान लेकर गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है इससे कैसे बचा जा सकता है व्यक्ति इंक्वायरी में हमारे पास निर्दोष होने के पूरे सबूत है पुलिस ने इंक्वायरी में उन्हें बाहर कर दिया है
agar apke pas saboot hai to ap court me pesh kar sakte ho police ko bhi bta sakte hai jayda jankari ke liye ap humse sampark kar saakte hai
Email-mylegaladice099@gmail.com
अपराध में मेरा नाम गलत देकर फँसाया गया है , मैं घटना स्थल पर था ही नहीं जो स्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरे से प्रमाणित हो सकता है , सीसीटीवी ही सबूत है घटना दिन 9 बजे घटी है धारा 307 मुख्य है , बेल कैसे ले ं
agar apse pas asa koi proff hai to ki aap weha nhi the to ap ko bail milne ke chance ho sakte hai
Dear sir muzpe 307 hui hai
Jhuti case hui hai jisko maine mara hai wo aaj 3 din me gharpe chalke aya hai
Aur case 307 hui hai gawah uske ma bap khud hai
Mai arest nahi hua hu abhi tak
Sir agar koi hlki si fight ho gyi bcs of using abusive language or samne wali party n 307 section lga diya h toh kya kr skte h or ab samne wali party compromise k liye bhi ready h Toh kya kr skte h sir please reply it’s very needed
case kis stage pe hai kha ka mamla hai ye jayda jankari ke liye ap humse sampark kar sakte hai mail id pe mail kre
Yadi kisi inshan ne fight nai ki ho uske frnd ne ki ho or wo uske sata gaya ho to us per dhar 307 laga di jati hai to ese me use bali hoti hai ya nai please relpy
अगर सबूत है आपके पास तो 307 का दोषी नहीं माना जायगा ओर बेल मिल सकती है |
Sir proof to uske khilaf me kuch nai hai but wo uske sata gaya hai wo camera me dikh raha hai but mar nai hai usne to kese bali karwaye nd proof hum ko kaha se milege please sir help me
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Sir mera bhi aise hi case h
Mera v same prblm hai..Plz help me..
sir plz apke contact details send ki jiye me bhut hi badi musibat me fasa hu.
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सर जी 307 केस में पुलिस ने बन्दुक बरामद नही की ओर गोली मारने वाले से पैसे खा कर उसके बयान मै लिखा है की उसने गोली नही मारी उसको झूठा फसाया गया है तो क्या अब उस अपराधी को सजा नही होगी
सर लेकिन मेरा केस अभी सुरु नही हुआ है केस डायरी ओर चार्जशीट कोर्ट मै दाखिल हो चुकी है
Pls reply me sir ????????????
आप शिकायत कर्ता हो क्या || ज्यादा जानकारी के लिए आप हमारी मेल आईडी पे संपर्क करो हमारे द्वारा आपसे जल्दी ही संपर्क किया जायगा
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Sir aapki mail se contact nhi ho pa rha pls mujhe suggestion de
सर जी मेरे ऊपर धारा 307 में मुकदमा दर्ज हुआ जिसमें पिस्टल का खोखा बरामद है और कुछ बरामद नहीं है और जो दूसरा पक्ष हे उससे हमारा फैसला हो चुका है सर पुलिस नही मान रही है कोर्ट में केस जाने वाला हे इसमें बचाव कैसे हो सकता हैं।
और ना ही किसी को गोली लगी ना ही कोई सबूत और ना ही कोई डॉक्टरी रिपोर्ट एक खरोच भी नही हे किसी को
दूसरे पक्ष से आपका राजीनामा हो चुका है क्या
Haji sir
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सर जी 307 केस में पुलिस ने बन्दुक बरामद नही की ओर गोली मारने वाले से पैसे खा कर उसके बयान मै लिखा है की उसने गोली नही मारी उसको झूठा फसाया गया है तो क्या अब उस अपराधी को सजा नही होगी
सर लेकिन मेरा केस अभी सुरु नही हुआ है केस डायरी ओर चार्जशीट कोर्ट मै दाखिल हो चुकी है
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Aapki mail Id sahi nhi hai
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Sachin babu Diss Etawah
9058789186
sir kya 307 me high cort me samjhota ho sakta hai , aur sesan Cort se 1 saal ki saja hui thi aur anya bari huye the, ab ripot karta rajinama karane ke liye teyar hai
धारा 307 का अपराध समझोंता करने योग्य अपराध नहीं है ज्यादा जानकारी के लिए आप हमारी मेल आईडी पे संपर्क करो हमारे द्वारा आपसे जल्दी ही संपर्क किया जायगा|
सर 307में सुलहनामा हो चुका है इंजुरी सिंपल है तो बेल मिल सकता है
ha bail mil sakti hai agar apke pas avidance hai to
Sir mana ki apne bcco ko bhut se log mil kr mar rhe ho or papa sat ho papa y sb dekh kr htiya r utha le or bhid m kisi ek ko cot lag jaye mamla court m phuchta hai to jamanat ho jati h fir bi wapas case lga diya jata hai ki 307 dhara lga di gyi ki half murder kiya or hume pta h ki jisko cot lgi wo bhut hlki cot hai to hume kya krna cahiy ki dubara jmanat mil jaye
avidance hai kya apke pas use chot kam legi hai
Sir, mere Bhai ko wo do baar aatack kiya jisme dono baar sr fat gya Jada hath Tor diya or bhut pita chasma Tora phone Tora . Bt hmlog case nhi kiye lekin 1 month ke baad Mera bhai USko pit diya or wo sb case kr diya jisme 307 lga hai unsb ka jaan pachan hai to jaan bujh ke or natak kr ke case kr diya Mera bhai log Upsc ka tayari krta hai self study kr ke ye Sb kaise solve hoga plz help me sir.
charge sheet file ho chuki hai kya
Sir meri wife ne jhuta kesh kiya hai jisme usne 498a,323,504,506,307, dhara lagi hai mere pas letter aaya hai sulha kendra se mene apni apni wife se bat ki to boli me sulha krna chahti hu to sir sulha kendra me samjote se sulha hone ke bad ye sari dhara apne aap hat jayegi ya nhi plz. Help me
kitna time ho gya wife ko case kiye or notice kab aaya hai sulha kendra ka
सर मै अनु.जाति का सदस्य हु .कुछ दबंगों द्वारा मेरे दरवाजे़ पर आकर बेवज़ह मारपिट किए जिसमे घर के महिला पुरूष दोनो को गंभीर रुप से घायल कर दिया गया है12,13 सर मे टाके पडे है .जिला मजिस्टेट से बेल भी दीया जा चुका है और अब वह केस सुलह करने की धमकी दे क करने की धमकी दे रहा है मै क्या करू कुछ बताए
court me apke bayan honge wo dene honge apko sai se
Sir mera naam md alam hai
Abhi 10 din pahle mere gaon me patang ko lekar jhagda hua tha jisme aik ko chot lagi un logo he case kr diya 307 lagwa diya .uska vidio bhi hai ye maloom nhi pad raha hai ki kisne maara .30 log hai video me 4 logo pr case laga ab kya karein
Sir 307 me bail mil sakti hai
Sir please reply
Sir apka number mil sakta hai pellez
EMAIL-mylegaladvice099@gmail.com
email ke madhyam se ap humse sampark kar sakte hai
9542746079
Sir agar hamara sach 307 h real chot kintu other paksh jhootha chhed chhad kesh dark jo ki gav k kuch logo k support se aur hamara gavah suddenly unke hi paksh m ho jae to is gambhir istathi m kya kare ki une saja ho sake
मेरे साथ कुछ दिन पहले एक घटी जिसमें मेरे सिर पर फरसा से मारा गया जिससे मेरा सिर फट गया और मेरे जख्म प्रतिवेदन में डा० के द्वारा गहराई कम कर दिया गया है FIR में 307 लगा है जख्म प्रतिवेदन में कैसे सुधार कराया जाए
डॉक्टर की रिपोर्ट के अनुसार गंभीर चोट बताया गया है क्या
Sir 307 me bail mil sakti hai
Sir please reply
mil sakti hai but koi prof hona chaiyr apne pas jisse sabit ho ki ap nirdosh ho
Sir mera 307 ka kaish he or mujhe jamanat mil gai thi pr ab dusri party ke bayan hue he to us me kya ho sakta he
parivadi ne bayan de diye hai kya
Sir mere mama ko jhoothe case me fasaya gya h or unn pr 307 act lga diya gya h vail kesi ho skti h plzz btaye
agar apke pas prof hai ki jutha hai case to bail court se mil sakti hai
Sir mere husband ko 307 k case me fasaya Gaya h police ne apne pass se gun rakhkar photo le Lia h aur under upper pahle se bhi case chal rha h unko bell mil jayegi
Sir mere jamin vivad me ladai huya hai jiske opposition party ke sir me chhot aur panja ka anguli tut gaya hai usne sab per 307 laga diya hai to isme bail kaise milega
….plz suggest me
file kis stage par HAI ABHI
Sir mere pariwar ke upar 307 lga he
Jisme hamari jamanat ho chuki he or samne wale se mamjhota bhi ho chuka he gawaha bhi apane paksh me gawai dene ke liye tyar he or fariyadi bhi to kya hm bari ho jayenge
ha agaar sare avidance apke paksh me hai to apka bari hone ka chance ban jata hai
Jamin vivad KO lekar huva mar pit jisme ek aadmi ko pair facture huwa or mere upar dhara 307 laga diya kya ho sakta hai
Sir jamin vivad ko lekar huyi mar pit jisme ak aadmi ka pair huwa facture jisme mere upar dhara 307 laga diya esme kya ho sakta hai or 34 din jail me rahe
Jamin vivad ko lekar huwa mar pit jisme 1st party ka pair huwa facture or 2nd party ke upar 307 dhara laga diya kya ho sakta hai
Sir mere bhai pe unki wife 498a,379,307,149,506,3/4 case
16/9/21 me karr di aur hum sab bhiyake alwaa sabhi family cjm court me snah darj kiye hai 2019 me kya hum sabhi family ko police arrest karegi
Apne jija ko mar piatayi kite isme unka pair hlka sa krack ho gya dhara kon sa lagega
Mujhe 307 me 10 saal ki saza ho rakhi hai high court me appeal ke bad bail par hu jo party hai wo chacha hai jinse property se sambandhit hai jiske case is marpit se pehle se civil court me chal rhe the or aaj bhi chal rhe hai to aaj hum log feshla karna chahe to kya High court me ab feshla ho sakta hai kya…? Or ho sakta hai to kaise or kis saction me
Help me sir
Mere papa ko 307 me jhooth muth ka fasa diya hai
To ham kese apna papa ko jel se riha karwane
Mb. No. 9304105540
kha ka mamla hai ye bail legai kyaa court me apne or charge sheet file ho chuki hai kya
SIR MERE BHAI BHABHI ME JHAGDA HUA NASTE KO LEKAR OR MERI BHABHI NE MERI BUDI MAA KO MARA CHAPPAL SE STOOL SE OR IS PR MERE BHAI NE USSE KHA KI AISA KYU KIYA TO USNE BHAI KO B THAPPAR MARA PHR BHAI KO GUSSA AGYA USNE BHI THAPPAR MAR DIYA IS PAR BHABHI ME 100 NO DIAL KR DIYA OR APNE BHAIYAON (2) KO CALL KRDIYA. PCR AAI BO SAMJHA KAR CHALI GAI PAR JAB BHABHI K BHAI AYE UNHONE AATE HI GALI GALOUCH MAR PEET SURU KAR DI MAA K SATH BHI OR BHAI K SATH BHI OR BHABHI B UNK SATH SURU HOGAI MERI MAA KO DHAKKA DE DIYA JISSE BO GIR GAI JAMEEN PR OR TENO LOG MERE BHAI PR LIPAT GAYE KNIEF SE MARNE KI DHAMKI DI MERE BHAI KO AISA PHLE B KAI BAR KIYA HAI UNLOGO NE IS PR CHENA JHAPTI ME DHOKHE SE KNIEF BHABHI K BHAI KO LGGYA PET ME IS PAR
USNE MERE BHAI PAR IPC 307 LGWA DI AB KYA SOLUTION HO SKTA HAI MUJHE APN BHAI KO BAHAR NIKALNE K LIYE PLS SUGGEST.
advocate se sampark kare or unke madhyam se court me bail legaye
Sir 4 logo pr 307 lgi h jisme se 2 ne chaku mara h 2 ne nhi, 2 ne sirf sath aake jhagda kiya, to charo ko sja hogi ya sirf 2 ko
4 logo kya role hai us adhar per sja hoti hai bari bhi ho sakte ho
Sir mere upar dusare parte 307 ya 308 lagbana chahate he or doctor se bhi juti medical report banva Lai hai paise dekar me kya karu bataye please
Mere upar pulic me 307 LGA Diya kya Kru mai
आज से करीब दो दिन पहले मेरे पापा पर एक धारदार हथियार से अटैक किया गया जिस से दोनो हाथो की कलाई पुरी कट गई और दूसरा वॉर गर्दन पे किया जो गर्दन पे ना लग कर आंख के नीचे लगा और वहां २४ टाका पड़ा। अभि मेरे पापा जिंदगी और मौत के बीच जुझ रहे है ! मैने केस एफ आई आर कर दिया है और आरोपी पकड़ा जा चुका है और आरोपी का हथियार भी पकड़ा जा चुका है धारा ३०७ पुलिस द्वारा लगाया गया है ! कुछ लोग उसके बैल कराने की कोशिश कर रहे है क्या आरोपी का बेल हो सकता है के सर प्लीज मुझे बताइए!
कॉन्टैक्ट नंबर : 9546299996
chargesheet file hone ke baad court me bayan dene jana hai apko or bail itni jadi nhi milti hai
Sir 307 ki dhara me agr aaropi samhjota Krna chahta he to kya hoga
Sir 307 ki dhara me agr aaropi samhjota Krna chahta he to kya hoga
307 ,324,34 ki dhara me aaropi samhjota kr skta he kya
dhara 307 ke antargat apradh samjhota krne yogy nhi hai
Sir 307me compermise Ho Gaya hai Kaya case closed Ho Samara hai
Sir, plz help me . Ek dusman par 307 lgi h ,or use high court se jamant mil gai h . Or vo abhi bhi gali-galoch karta h. To sir use saja hogi ya nhi ? Sir I am very poor student .plz reply sir. My con. 9509940875
court me trial chal rhi hogi apke statement ho gye kya apke
jayda jankari ke liye ap humse sampark kar sakte hai
Email-mylegaladvice099@gmail.com
दोनो पक्षो में मारपीट हूई हो औऱ चोट सिर्फ एक पक्ष के ज्यादा आयी हो तो धारा 307 में बाहर से जमानत लेनी हो तो केैसे लगे । औऱ हाई कोर्ट में केैसे बैल डालेगे ।
Sir mere wife ne fasce khane ki kosish ki or ma ghar par nahi tha or jab vo fasce laga rahi thi to mujhe video call ki or mane record kar le
Par fir bhi mere or mere ghar walo par case kar diya police ko video dikhai par hamare nahi sune or vo advocate hai or ghava bhi hai jin logo ne bachaya tha police ko baataya par fir bhi hamar nahi sune ab hum kaise bacha sakte hai 307 lagva de
Sir 5 Shak se chal rahe kaise mai ab pesi tak nhi hui hai or vakil 500rupey le leta hai or bolta hai angli pesi ki Tarik bata deta hai
Sir ynsa kb chalta rahegaa
kha ka mamla h ye