वकालतनामा क्या होता है ये केस भरा जाता है? 1 पूरी जानकारी

नमस्कार दोस्तों

आज हम बात करने जा रहे है वकालतनामा क्या होता है इसकी आवश्यकता क्यों पड़ती है और इसके क्या क्या फायदे हैं यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है न्यायालय की दृष्टि से देखा जाए तो या मुवकिल की दृष्टि से भी देखा जाए तो हमारे देश मे लाखो केस न्ययालययो के अन्दर विचारणीय है। जब भी कोई पक्षकार न्ययालय में किसी वाद या किसी भी आपराधिक मुकदमो के अंदर शामिल है तो उसे न्ययालय में अधिवक्ता नियुक्त करना होता है। इसका विस्तार से वर्णन हम देखते है।

वकालतनामा क्या होता है?

वकालतनामा से तात्पर्य है अधिवक्ता अधिनियम 1961 के तहत ही न्ययालय में प्रस्तुत किया जाता है। साधारण भाषा वकालतनामा एक अथॉरिटी होती है किसी मुवकिल द्वारा अपनी सहमति से हस्ताक्षर करके एक लिखित अधिकार जो अपने अधिवक्ता को दिया जाता है

न्यायालय में उसकी तरफ से पैरवी करने के लिए में इसे ही वकालतनामा कहा जाता है। वकालतनामा सिविल वर अपराधिक मुकदमा दोनों में दिया जाता है किसी मुकदमे के पश्चात पक्षकार न्यायालय में उपस्थित होकर अपने अधिवक्ता को एक लिखित अधिकार देते है

जिसको यह भी बोला जा सकता है कि एक लिखती अपनी अपनी सहमति से power दिया जाता है।उसके पश्चात ही न्यायलय अपने मुवक्किल की तरफ से power प्रस्तुत कर सकता है वकालतनामा प्रस्तुत करने के पश्चात ही अधिवक्ता न्यायालय के समक्ष अपने पक्ष कार की पैरवी कर सकता है power मुवक्किल के द्वारा देने के पश्चात ही अधिवक्ता को न्यायालय में पैरवी करने का अधिकार प्राप्त हो जाता है और वकील को इस न्याय की लड़ाई में वह अपनी संपूर्ण कोशिशों के बाद न्याय दिलाता है।

 

वकालतनामा कैसे भरा जाता है?

वकालतनामा कैसे भरा जाता है वकालतनामा को अभिभाषक पत्र भी कहा जाता है जोकि किसी पक्ष कार द्वारा न्यायालय के अंदर अपनी सहमति से अधिकार किसी वकील को सुपुर्द करता है और वह वकील उस पक्ष कार के लिए न्यायालय में पैरवी करता है । वकालतनामा किस प्रकार भरा जाता है जो निम्न है

  1. सर्वप्रथम वकालतनामा एक फॉर्म के रूप में होता है
  2. इसके  सबसे ऊपर न्यायालय का नाम अंकित करना होता है जिस न्यायालय में आपको वकालतनामा पेश करना हो न्यायालय का नाम सबसे ऊपर अंकित हो।
  3. उसके बाद न्यायालय के नाम के नीचे अनुमान लिखा जाता है यानी केस टाइटल जिस नाम से न्यायालय के अंदर केस चल रहा है जिसमें आपको power पेश करना है उस केस का नाम अंकित करना होता है।
  4. उसके पश्चात केस के नंबर लिखने होते हैं कि जिस मुकदमे में आप power पेश करना चाहते हैं उसके CRN नंबर या केस नंबर क्या है वह लिखने होते हैं।
  5. उसके पश्चात जिस पक्ष कार द्वारा न्यायालय में वकालत नामा पेश किया जा रहा हो उस पक्ष कार का पूरा नाम पता निवास स्थान आदि भरा जाता है।
  6. उसके पश्चात उस पक्ष कार की तरफ से जो वकील न्यायालय के समक्ष पैरवी करेगा या जिस वकील को नियुक्त किया गया हो उस वकील के नाम वह रजिस्ट्रेशन नंबर आदि लिखने होते हैं
  7. उसके बाद power के नीचे दाएं तरफ पक्षकार के हस्ताक्षर होते हैं जिसकी तरफ से न्यायालय में वकील को पैरवी करनी हो या जो पक्ष कार न्यायालय में power पेश कर रहा हूं उसके हस्ताक्षर होते हैं अगर एक से अधिक पक्षकार हैं तो एक ही वह कल नंबर पर सभी पक्षकारों के हस्ताक्षर कर दिए जाते हैं।
  8. और उसके पश्चात वकालतनामा के नीचे बाई तरफ वकील के हस्ताक्षर होते हैं जिस वकील द्वारा उस उस पक्ष कार की तरफ से न्यायालय में पैरवी करनी होती है उस वकील के हस्ताक्षर व रजिस्ट्रेशन नंबर अंकित किए जाते हैं।
  9. इस प्रकार न्यायालय के समक्ष वकालतनामा भरा जाता है

सिविल मामलों में वकालतनामा कैसे पेश होता है?

सिविल मामलों से तात्पर्य है दीवानी मामले यानी जमीन जमीन से या किसी प्रॉपर्टी से संबंधित मामले होते हैं इनमें वर्कल्लामा इस प्रकार दिया जाता है अगर पक्ष कार वादी है वादी मतलब जो कि न्यायालय के समक्ष कोई वाद पत्र प्रस्तुत कर रहा है उसे वादी कहा जाता है

वादी द्वारा वाद पत्र प्रस्तुत करते समय powerअपने वकील को पत्रावली के साथ संलग्न करवाना होता है जिस पर पक्ष कार में वकील के दोनों के हस्ताक्षर होते हैं जो कि एक अथॉरिटी है केस लड़ने की जो पक्ष कार द्वारा दी जाती है

वकील को और अगर पक्ष कार प्रतिवादी है तो पक्ष कार के पास अगर न्यायालय से कोई सामान आया है उसके पश्चात वह वकील से संपर्क करते हैं और अपने हिसाब से वकील नियुक्त करते हैं जो वकील नियुक्त किया जाता है उसको power दिया जाता है हस्ताक्षर करके और न्ययालय के समक्ष वकील द्वारा न्यायालय के समक्ष power प्रतिवादी पक्षकार की तरफ से पेश कर दिया जाता है इस प्रकार कुछ सिविल मामलों में power में पेश करे जाते हैं।

अपराधिक मामलों में वकालतनामा कैसे पेश किया जाता है?

अपराधिक मामलों में वकालतनामा कुछ इस प्रकार पेश किया जाता है अगर कोई पक्ष कार या कोई व्यक्ति अपराधिक मामलों में फंस जाता है और न्यायालय के समक्ष बेल की गुहार लगाता है तो उस समय उसे वकील नियुक्त करना होता है

बेल या जमानत पेश करते समय पक्षकार को या उस अभियुक्त को वकील को पावर यानी वकालतनामा हस्ताक्षर करके देना होता है ताकि वकील न्यायालय के समक्ष उस अभियुक्त की अच्छे से पैरवी कर सके

और उसे बरी करवा सके और कभी-कभी ट्रायल में अभियुक्त न्यायालय के समक्ष उपस्थित नहीं हो सकता उस समय वकील द्वारा न्यायालय के समक्ष हाजिरी माफी की एप्लीकेशन पेश की जाती है उसके पश्चात न्यायालय अभियुक्त का कारण जायज मानते हुए आगामी दिनांक दे देता है अभी उसकी बेल जंप नहीं की जाती है

और अगर किसी व्यक्ति पर अपराधिक मामला चलाना है तो भी पक्षकार को वकील को एक सहमति से वकालतनामा देना आवश्यक होता है वकालत का या किसी केस करने से पहले पहला चरण वकालतनामा देना ही होता है इस प्रकार power अपराधिक मामलों में पेश किया जाता है।

 

यह भी पढे 

वकालतनामा पेश करने के लिए कुछ जरूरी बातें?

वकालतनामा पेश करते समय कुछ जरूरी बातें होते हैं जो निम्न प्रकार से बताई गई हैं।

  1. किसी भी वाद पत्र अगर पक्ष कार द्वारा न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है तो उस समय अधिवक्ता को वाद पत्र के साथ में power संलग्न होना अति आवश्यक होता है।
  2. अगर किसी सिविल वाद में पक्षकार प्रतिवादी है तो सम्मान आने के पश्चात न्यायालय के द्वारा अंकित दिनांक के दिन वकील द्वारा वकालतनामा पेश करवाया जाता है जोकि सम बनाने के पश्चात पक्षकार की उपस्थिति दर्ज करवाता है।
  3. वकालतनामा देने से पहले यह बात बस जरूरी है कि जिस अधिवक्ता को आप ने वकालत नंबर दिया है वह रजिस्टर्ड बार काउंसलिंग में होना चाहिए।
  4. अपराधिक मामलों में वकालतनामा अभियुक्त की ओर से वकील द्वारा न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है अगर अभियुक्त मेले में आने में असमर्थ है तो वकील द्वारा उसके हाजिरी माफी न्यायालय के समक्ष पेश कर सकता है और जज कारण होने के माते न्यायालय द्वारा समय दिया जाता है।
  5. अगर पक्ष पर एक से अधिक है तो सभी पक्षकारों के हस्ताक्षर एक ही वकालतनामा  पर कर दिए जाते हैं।
  6. न्यायालय में वकालतनामा  जब तक चलता है जब तक कि के समाप्त ना हो जाए या किसी प्रकार की मृत्यु ना हो जाए उस समय तक वकालतनामा चलता है।
  7. वकालतनामा पर वकील व पक्षकारों के दोनों के हस्ताक्षर होना जरूरी है और अगर पक्षकार असाक्षर है तो अंगूठा निशानी वकालतनामा पर लेना आवश्यक है जिस व्यक्ति की या पक्ष कार के अंगूठा निशानी है उस अंगूठा निशानी के साइड में उसका नाम अंकित करना होता है।

Mylegaladvice ब्लॉग पर आने के लिए यहाँ पे ब्लॉग पढ़ने के लिए मैं आपका तह दिल से अभारी रहूंगा और आप सभी साथीयो दोस्तो का मैं बहुत बहुत धन्यवाद करता हु इस ब्लॉग के संबंध मे आपका कोई ही सवाल है जिसका जवाब जानने के आप इछुक है तो आप कमेंट बॉक्स मैं मूझसे पुछ सकते है।।

 

Leave a Comment