SECTION 69 IPC IN HINDI पूरी जानकारी

आईपीसी की धारा 69 क्या है What is section 69 of IPC

नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं आईपीसी की धारा  के 69 बारे में क्या होती है 69 धारा आईपीसी की और इसमें क्या-क्या प्रावधान दिए गए हैं इन सब विषयों के बारे में आज हम इस लेख के माध्यम से आप लोगों को कानूनी जानकारी से अवगत कराने वाले हैं हमारा हमेशा से ही प्रयास रहा है कि ज्यादा से ज्यादा कानूनी जानकारियां आप लोगों तक पहुंचाता रहूं

आईपीसी धारा 69 जुर्माने के आनुपातिक भाग के दिए जाने की दशा में कारावास का पर्यवसान IPC Section 69 Termination of imprisonment in case of payment of proportionate part of fine

यदि जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने की दशा के लिए नियत की गई कारावास की अवधि का अवसान होने से पूर्व जुर्माने का ऐसा अनुपात चुका दिया या उद्ग्रहीत कर लिया जाए कि देने में व्यतिक्रम होने पर कारावास की जो अवधि भोगी जा चुकी हो, वह जुर्माने के तब तक न चुकाए गए भाग के आनुपातिक से कम न हो तो कारावास पर्यवसित हो जाएगा । 

क एक सौ रुपये के जुर्माने और उसके देने में  व्यतिक्रम होने की दशा के लिए चार मास के कारावास से दण्डादिष्ट किया गया है, यहाँ, यदि कारावास के एक मास के अवसान से पूर्व जुर्माने का पचहत्तर रुपये चुका दिए जाए या उद्ग्रहीत कर लिए जाए तो प्रथम मास का अवसान होते ही क उन्मुक्त कर दिया जाएगा ।

यदि पचहतर रुपय प्रथम मास के अवसान पर या किसी भी पश्चातवर्ती समय पर, जबकि क कारावास में है, चुका दिए या उद्ग्रहीत कर लिए जाए, तो क तुरंत उन्मुक्त कर दिया जाएगा ।

यदि कारावास के दो मास के अवसान से पूर्व जुर्माने के पचास रुपए चुका दिए जाए  या उद्ग्रहीत कर लिए जाए, तो क दो मास के पूरे होते ही उन्मुक्त कर दिया जाएगा । यदि पचास रुपए उन दो मास के अवसान पर या किसी भी पश्चातवर्ती समय पर, जब कि क कारावास में है, चुका दिए जाए या उद्ग्रहीत कर लिए जाए, तो क तुरंत उन्मुक्त कर दिया जाए । 

आईपीसी धारा 69 का विवरण Details of IPC Section 69

जब अपराधी जुर्माना न देने के कारण कारावास का दण्ड भुगत रहा है तो उसके कारावास की अवधि उसी समय समाप्त हो जाएगी जैसे ही वह जुर्माना दे देता है या उसे उद्ग्रहीत कर लिया जाए यदि जुर्माने की सम्पूर्ण राशि के स्थान पर कुछ राशि दी जाए तो उस अनुपात में उसके कारावास की अवधि कम हो जाएगी । साधारण खण्ड अधिनियम, 1897 की धारा 25 में  संहिता की धाराओ 67 से 70 के संदर्भ है । 

साथियों इसी के साथ हम अपने लेख को समाप्त करते हैं हम आशा करते हैं हमारा यह एक आपको पसंद आया होगा तथा समझने योग्य होगा अर्थात धारा 69 आईपीसी की जानकारी आप को पूर्ण रूप से हो गई होगी 

 कानूनी सलाह लेने के लिए अथवा पंजीकृत करने के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरूरत होती है  इन सभी सवालों से जुड़ी सारी जानकारी इस लेख के माध्यम से हम आज आप तक पहुंचाने की पूरी कोशिश किए हैं

अगर आपको इस सवाल से जुड़ी या किसी अन्य कानून व्यवस्था से जुड़ी जैसे आईपीसी, सीआरपीसी सीपीसी इत्यादि से जुड़ी किसी भी सवालों की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बेझिझक होकर कमेंट कर सकते हैं और आपके सवालों के उत्तर को हम जल्द से जल्द देने का हम पूरा प्रयास करेंगे।

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