आईपीसी की धारा 456 क्या है What is section 456 of IPC
नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं आईपीसी की धारा 456 के बारे में क्या होती है 456 धारा आईपीसी की और इसमें क्या-क्या प्रावधान दिए गए हैं इन सब विषयों के बारे में आज हम इस लेख के माध्यम से आप लोगों को कानूनी जानकारी से अवगत कराने वाले हैं हमारा हमेशा से ही प्रयास रहा है कि ज्यादा से ज्यादा कानूनी जानकारियां आप लोगों तक पहुंचाता रहूं
आईपीसी धारा 456 रात्रों प्रच्छन्न गृह – अतिचार या रात्रो गृह – भेदन के लिए दण्ड –
जो कोई रात्रो प्रच्छन्न गृह- अतिचार या रात्रो गृह – भेदन करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा ।
आईपीसी धारा 456 का विवरण –
यह धारा रात्रो प्रच्छन्न गृह – अतिचार या रात्रो गृह – भेदन के लिये दंड़ की व्यवस्था करती है। इसके अनुसार, जो कोई रात्रो प्रच्छन्न गृह – अतिचार या रात्रो गृह – भेदन करेगा, वह तीन वर्ष तक के सादा या कठिन कारावास से दंडित किया जाएगा,
और जुर्माने से भी दंडनीय होगा। धारा 453 की तुलना में इस धारा में कारावास की अवधि कुछ अधिक है क्योंकि दिन के समय प्रच्छन्न गृह – अतिचार या गृह – भेदन करने से रात्रि में ऐसा करना अधिक गम्भीर समझा गया है।
जहाँ अभियुक्त ने रात्रि में एक दीवार पर चढ़कर एक मकान में प्रवेश किया और रात्रो गृह- भेदन के लिए दोषसिद्ध कर इस धारा के अधीन दंडित किया गया । इसी प्रकार, जहाँ अभियुक्त ने रात्रि में एक मकान में प्रवेश किया, और दरवाजे के पास खड़े एक व्यक्ति को गिराकर वह वहाँ से बाहर निकला, उसे इस धारा के अधीन रात्रो गृह- भेदन के लिए दंडित किया गया।
एक विवाहिता स्त्री के निमन्त्रण पर उसके साथ जारकर्म करने के आशय से रात्रि में परिवादी के मकान में प्रवेश करना इस धारा के अधीन दंडनीय ठहराया गया है । परन्तु जहाँ अभियुक्त परिवादी की विधवा पुत्र वधु से, जो एक दुष्चरित्र स्त्री थी, कदाचित उसकी सम्मति से, मिलने गया, न्यायालय ने यह धारा लागू नहीं की क्योंकि धारा 451 के अंतर्गत अपेक्षित आशय विद्यमान नहीं था, और धारा 509 के अधीन अपराध के लिए आवश्यक आशय भी विद्यमान नहीं था ।
इस धारा के अधीन अपराध संज्ञेय, अजमानतीय और अशमनीय है, और यह किसी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है ।
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निष्कर्ष
साथियों इसी के साथ हम अपने लेख को समाप्त करते हैं हम आशा करते हैं हमारा यह एक आपको पसंद आया होगा तथा समझने योग्य होगा अर्थात धारा 456 आईपीसी की जानकारी आप को पूर्ण रूप से हो गई होगी
कानूनी सलाह लेने के लिए अथवा पंजीकृत करने के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरूरत होती है इन सभी सवालों से जुड़ी सारी जानकारी इस लेख के माध्यम से हम आज आप तक पहुंचाने की पूरी कोशिश किए हैं
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