Section 436 in HINDI पूरी जानकारी

नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं आईपीसी की धारा 436 क्या है धारा 436 आईपीसी में दंड के क्या प्रावधान है इन सब विषयों पे आज हम आपको कुछ महत्वपूर्ण कानूनी जानकारियों से अवगत कराने जा रहा हूं

हमारा प्रयास हमेशा से यही रहा है कि ज्यादा से ज्यादा महत्वपूर्ण कानूनी जानकारियां इसलिए के माध्यम से आप लोगों तक पहुंचाता रहू आईपीसी की धारा 436 किसी ग्रह आदि को नष्ट करने के आशय से अग्नि या विस्फोटक पदार्थ द्वारा रिस्टी करना इस धारा के अंतर्गत दंडनीय अपराध है देखते हैं इसके विस्तार से विवरण क्या है

आईपीसी की धारा  436  Section 436 in HINDI

आईपीसी की धारा 436 से तात्पर्य है की घर आदि को नष्ट करने के इरादे से आग या विस्फोटक पदार्थ द्वारा शरारत—जो कोई आग या किसी विस्फोटक पदार्थ से शरारत करता है, कारित करने का इरादा रखता है

, या यह जानते हुए कि वह इस तरह से किसी भी इमारत को नष्ट कर देगा, जो है आम तौर पर पूजा के स्थान के रूप में या मानव निवास के रूप में या संपत्ति की हिरासत के लिए एक जगह के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, उसे 1 [आजीवन कारावास], या किसी एक अवधि के लिए कारावास जो दस साल तक बढ़ाया जा सकता है, के साथ दंडित किया जाएगा, और जुर्माना के लिए भी उत्तरदायी होगा।

धारा 436 भारतीय दंड संहिता के अधीन ग्रह आदि को नष्ट करने के आशय से अग्नि या विस्फोटक पदार्थ द्वारा रिस्टी कार्य करना इस धारा के अधीन दंडनीय अपराध है

इसके अनुसार जो कोई मामूली तौर पर उपासना स्थान के रूप में या मानव निवास के रूप में या संपत्ति की अभिरक्षा के स्थान के रूप में उपयोग में आने वाले किसी निर्माण को ना शिकायत करने के आशय से या यह संभावना जानते हुए कि वह तब द्वारा उसका नाश कार्य करेगा अग्नि यह विस्फोटक पदार्थ सृष्टि करेगा वह आजीवन कारावास से या 10 वर्ष तक के शारदा या कठिन कारावास से दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा

धारा 436 आईपीसी के अंतर्गत अभियुक्त के द्वारा अग्निया विस्फोटक पदार्थ द्वारा रिस्टिक आरिफ की जानी चाहिए लिस्ट ऐसे स्थान की कार्य की जानी चाहिए जो मामूली तौर पर उपासना स्थान मानव निवास स्थान दिया संपत्ति की अभी रक्षा के स्थान के रूप में उपयोग में आता हूं अभियुक्त का आशय उक्त स्थान का नाश कार्य करना होना चाहिए या उसे इस संभावना का ज्ञान होना चाहिए कि वह तब द्वारा उसका ना शिकायत करेगा।

धारा 436 आईपीसी के अंतर्गत दण्ड के प्रावधान Provision for punishment under section 436 IPC

गॄह आदि को नष्ट करने के आशय से अग्नि या विस्फोटक पदार्थ द्वारा कुचेष्टा।
सजा – आजीवन कारावास या दस वर्ष कारावास और आर्थिक दण्ड।
यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है।

यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

section 436 ipc Mischief by fire or explosive substance with intent to destroy house, etc.—Whoever commits mischief by fire or any explosive substance, intending to cause, or knowing it to be likely that he will thereby cause, the destruction of any build­ing which is ordinarily used as a place of worship or as a human dwelling or as a place for the custody of property, shall be punished with 1[imprisonment for life], or with imprisonment of either description for a term which may extend to ten years, and shall also be liable to fine.

आईपीसी की धारा 436 के अंतर्गत जमानत के प्रावधान Provision of bail under section 436 of IPC

आईपीसी की धारा 436 के अंतर्गत अपराध अजमानतीय  है इसमे जमानत के आसार बहुत काम होते है अगर आपको आशंका है की पुलिस द्वारा आपको गिरफ्तार किया जा सकता है तो आप जिला कोर्ट मे दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 438 के अनुसार  अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र भी प्रस्तुत कर सकते हो 

गिरफ्तारी के पश्चात अगर अभियुक्त को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया जाता है उसके पश्चात धारा 439 दण्ड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत न्यायालय के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया जाता है और जमानत के लिए वकील द्वारा न्यायालय के समक्ष आपके पक्ष के तथ्य मौखिक और लिखित रूप से प्रस्तुत किए जाते हैं

जमानत के लिए जो भी आधार है वह वकील द्वारा न्यायालय के समक्ष मौखिक रूप से बताया जाता है जमानत लेना न्यायालय का विवेकाधिकार है अगर न्यायालय को लगता है कि जमानत देना इस परिस्थिति में सही है तो न्यायालय द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार कर लिया जाता है और किन परिस्थितियों न्यायालय द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र तहसील कार्य कर दिया जाता है तो उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय जाने का अभियुक्त का अधिकार होता है

 

 

साथियों इसी के साथ हम अपने लेख को समाप्त करते हैं हम आशा करते हैं हमारा यह एक आपको पसंद आया होगा तथा समझने योग्य होगा अर्थात धारा 436 आईपीसी की जानकारी आप को पूर्ण रूप से हो गई होगी 

 कानूनी सलाह लेने के लिए अथवा पंजीकृत करने के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरूरत होती है  इन सभी सवालों से जुड़ी सारी जानकारी इस लेख के माध्यम से हम आज आप तक पहुंचाने की पूरी कोशिश किए हैं

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