SECTION 419 IPC IN HINDI पूरी जानकारी

आईपीसी की धारा 419 क्या है  What is section 419 of IPC

नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं आईपीसी की धारा  के 419 बारे में क्या होती है 419 धारा आईपीसी की और इसमें क्या-क्या प्रावधान दिए गए हैं इन सब विषयों के बारे में आज हम इस लेख के माध्यम से आप लोगों को कानूनी जानकारी से अवगत कराने वाले हैं हमारा हमेशा से ही प्रयास रहा है कि ज्यादा से ज्यादा कानूनी जानकारियां आप लोगों तक पहुंचाता रहूं

आईपीसी धारा 419 प्रतिरूपण द्वारा छल के लिए दण्ड

आईपीसी की धारा 419 के अनुसार जो कोई प्रतिरूपण द्वारा छल करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा । 

SECTION 419 IPC IN ENGLISH

According to section 419 of Indian penal code, Whoever cheats by personation shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to three years, or with fine, or with both.

 

आईपीसी धारा 419 का विवरण –

यह धारा प्रतिरूपण द्वारा छल, जिस धारा 416 में परिभाषित किया गया है, के दंड की व्यवस्था करती है इसके अनुसार, जो कोई प्रतिरूपण द्वारा छल करेगा, वह तीन वर्ष तक के सादा या कठिन कारावास से या जुर्माने से, या दोनों से दंडित किया जाएगा । धारा 417 के अधीन सामान्य छल के अपराध के दंड से इस धारा के अधीन दंड अधिक कठोर है जिसका तात्पर्य यह है कि प्रतिरूपण द्वारा छल को सामान्य छल से अधिक गम्भीर समझा जाएगा । 

उच्चतम न्यायालय ने यह अभिनिर्धारित किया है कि जहां आरोप की विषय वस्तु स्पष्टत यह कहती है कि किसी आपराधिक षडयंत्र का उद्देश्य प्रतिरूपण द्वारा छल करना था,

और अन्य आरोपो के साथ अभियुक्त को धारा 419 के अधीन भी आरोपित किया गया था, इससे कोई अंतर नहीं पड़ता यदि आरोप की विषय वस्तु विनिर्दिष्टत प्रतिरूपण द्वारा छल का उल्लेख न करे, और इसका अर्थ यह नही होगा कि उसके विरुद्ध सर्वथा छल का आरोप लगाया गया है । 

इस धारा के अधीन अपराध संज्ञेय, जमानतीय और शमनीय है जब विचारणीय न्यायालय इसकी अनुमति देता है, और यह किसी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। 

साथियों इसी के साथ हम अपने लेख को समाप्त करते हैं हम आशा करते हैं हमारा यह एक आपको पसंद आया होगा तथा समझने योग्य होगा अर्थात धारा 419 आईपीसी की जानकारी आप को पूर्ण रूप से हो गई होगी 

 कानूनी सलाह लेने के लिए अथवा पंजीकृत करने के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरूरत होती है  इन सभी सवालों से जुड़ी सारी जानकारी इस लेख के माध्यम से हम आज आप तक पहुंचाने की पूरी कोशिश किए हैं

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