आईपीसी की धारा 418 क्या है What is section 418 of IPC
नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं आईपीसी की धारा 418 के बारे में क्या होती है 418 धारा आईपीसी की और इसमें क्या-क्या प्रावधान दिए गए हैं इन सब विषयों के बारे में आज हम इस लेख के माध्यम से आप लोगों को कानूनी जानकारी से अवगत कराने वाले हैं हमारा हमेशा से ही प्रयास रहा है कि ज्यादा से ज्यादा कानूनी जानकारियां आप लोगों तक पहुंचाता रहूं
आईपीसी धारा 418 इस ज्ञान के साथ छल करना कि उस व्यक्ति को सदोष हानि हो सकती है जिसका हित संरक्षित रखने के लिए अपराधी आबद्ध है –
जो कोई इस ज्ञान के साथ छल करेगा कि यह सम्भाव्य है कि वह तदद्वारा उस व्यक्ति को सदोष हानि पहुचाए, जिसका हित उस संव्यवहार में जिससे वह छल सम्बन्धित है, संरक्षित रखने के लिए वह या तो विधि द्वारा, या वैध संविदा द्वारा, आबद्ध था, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से दण्डित किया जाएगा ।
आईपीसी धारा 418 का विवरण –
इस ज्ञान के साथ छल करना कि उस व्यक्ति को सदोष हानि हो सकती है जिसका हित संरक्षित रखने के लिए अपराधी आबद्ध है, इस धारा के अधीन दंडनीय अपराध है। इसके अनुसार, जो कोई इस ज्ञान के साथ छल करेगा कि इस बात की सम्भावना है
कि वह तदद्वारा उस व्यक्ति को सदोष हानि पहुँचाए जिसका हित उस संव्यवहार से जिससे वह छल सम्बन्धित है संरक्षित रखने के लिए वह या तो विधि द्वारा, या वैध संविदा द्वारा, आबद्ध था, वह तीन वर्ष तक के सादा या कठिन कारावास से, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।
इस धारा के अधीन यह साबित किया जाना चाहिए कि अभियुक्त ने छल किया है। छल करते समय उसे इस बात का ज्ञान होना चाहिए कि इस बात की संभावना है कि तदद्वारा उस व्यक्ति को सदोष हानि पहुँचे,
छल से सम्बंधित जिस संव्यवहार में जिस व्यक्ति का हित संरक्षित रखने के लिए वह या तो विधि द्वारा या वैध संविदा द्वारा आबद्ध था। इस धारा के अधीन ऐसे छल के लिए सामान्य छल से अधिक दंड की व्यवस्था है। इस उपबंध के अंतर्गत अधिकतर संरक्षक, सालिसिटर, अभिकर्ता या न्यासी आदि के द्वारा कारित छल के मामले आते हैं ।
जहाँ एक बैक, जो कि एक मकान को किराये पर लेना चाहती थी, की इच्छानुसार भू- स्वामी ने मकान में मरम्मत का कार्य करवाया, परन्तु अंततः बैक ने भू- स्वामी को सूचित किया कि उनके नियंत्रण के बाहर के कारणों से बैक वह मकान किराये पर नहीं ले सकेगी, यह अभिनिर्धारित किया गया कि यह धारा लागू नहीं होगी और भू- स्वामी यदि चाहे तो सिविल कार्यवाही की जा सकती है।
इस धारा के अधीन अपराध असंज्ञेय, जमानतीय और शमनीय है, जब विचारणीय न्यायालय इस बात की अनुमति दे, और यह किसी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
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निष्कर्ष
साथियों इसी के साथ हम अपने लेख को समाप्त करते हैं हम आशा करते हैं हमारा यह एक आपको पसंद आया होगा तथा समझने योग्य होगा अर्थात धारा 418 आईपीसी की जानकारी आप को पूर्ण रूप से हो गई होगी
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