SECTION 401 IPC IN HINDI पूरी जानकारी

आईपीसी की धारा 401 क्या है What is section 401 of IPC

नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं आईपीसी की धारा 401 के बारे में क्या होती है 401 धारा आईपीसी की और इसमें क्या-क्या प्रावधान दिए गए हैं इन सब विषयों के बारे में आज हम इस लेख के माध्यम से आप लोगों को कानूनी जानकारी से अवगत कराने वाले हैं हमारा हमेशा से ही प्रयास रहा है कि ज्यादा से ज्यादा कानूनी जानकारियां आप लोगों तक पहुंचाता रहूं

आईपीसी कीधारा 401 चोरो की टोली का होने के लिए दण्ड IPC Section 401 Punishment for being a gang of thieves –

जो कोई इस अधिनियम के पारित होने के पश्चात किसी भी समय ऐसे व्यक्तियों की किसी घूमती – फिरती या अन्य टोली का होगा, जो अभ्यासत चोरी या लूट करने के प्रयोजन से सहयुक्त हो और वह टोली ठगों या डाकुओ की टोली न हो, वह कठिन कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, डण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा । 

आईपीसी धारा 401 का विवरण 

यह धारा चोरो की टोली का होने के लिए दण्ड की व्यवस्था करती है इसके अनुसार, जो कोई इस अधिनियम के पारित होने के पश्चात किसी भी समय ऐसे व्यक्तियों की किसी घूमती – फिरती या अन्य टोली  का होगा, जो अभ्यासत: चोरी या लूट करने के प्रयोजन से सहयुक्त हो, और वह टोली ठगों या डाकुओ की टोली न हो, वह सात वर्ष तक के कठिन कारावास से दंडित किया जाएगा, और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।  

धारा 400 की तरह यह धारा भी टोली के व्यक्तियों से सम्बंधित है इस धारा में पूर्ववर्ती धारा की तरह सादा कारावास की व्यवस्था नहीं है पूर्ववर्ती धारा में जबकि टोली डकैतों की  टोली है, इसलिए उसके अधीन अपराध इस धारा के अधीन अपराध से कही अधिक गम्भीर है

इस धारा के अधीन टोली चोरी या लूट करने वालों की है अभियुक्त जिस टोली का है वह टोली ऐसी होनी चाहिए जो ऐसे व्यक्तियों की कोई घूमती – फिरती या अन्य टोली हो जो अभ्यासत: चोरी या लुट करने के प्रयोजन से सहयुक्त हो ।

परन्तु ऐसी टोली ठगों या डाकुओ की नहीं होनी चाहिए । टोली सामुहिक रूप से एक होकर कार्य करती है, और टोली का होना का अर्थ मात्र टोली से जुड़े रहने से कही अधिक है अधिक अवधि तक साथ बने रहने का तथ्य होना चाहिए । अभ्यास के रूप में टोली के द्वारा चोरी या लूट की जाती रहनी चाहिए । चुराई गई सम्पत्ति का अभ्यासत: व्यापार करना इस धारा के अधीन नहीं बल्कि धारा 413 के अधीन दंडनीय है, और ऐसा व्यक्ति टोली का व्यक्ति नहीं है। 

इस धारा के अधीन अपराध संज्ञेय, अजमानतीय और अशमनीय है, और यह प्रथम वर्ग 

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साथियों इसी के साथ हम अपने लेख को समाप्त करते हैं हम आशा करते हैं हमारा यह एक आपको पसंद आया होगा तथा समझने योग्य होगा अर्थात धारा 401 आईपीसी की जानकारी आप को पूर्ण रूप से हो गई होगी 

 कानूनी सलाह लेने के लिए अथवा पंजीकृत करने के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरूरत होती है  इन सभी सवालों से जुड़ी सारी जानकारी इस लेख के माध्यम से हम आज आप तक पहुंचाने की पूरी कोशिश किए हैं

अगर आपको इस सवाल से जुड़ी या किसी अन्य कानून व्यवस्था से जुड़ी जैसे आईपीसी, सीआरपीसी सीपीसी इत्यादि से जुड़ी किसी भी सवालों की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बेझिझक होकर कमेंट कर सकते हैं और आपके सवालों के उत्तर को हम जल्द से जल्द देने का हम पूरा प्रयास करेंगे।

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