SECTION 337 IPC IN HINDI पूरी जानकारी

आईपीसी की धारा 337 क्या है What is section 337  of IPC

नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं आईपीसी की धारा 337  के बारे में क्या होती है 337 धारा आईपीसी की और इसमें क्या-क्या प्रावधान दिए गए हैं इन सब विषयों के बारे में आज हम इस लेख के माध्यम से आप लोगों को कानूनी जानकारी से अवगत कराने वाले हैं हमारा हमेशा से ही प्रयास रहा है कि ज्यादा से ज्यादा कानूनी जानकारियां आप लोगों तक पहुंचाता रहूं

 

आईपीसी धारा 337. के अनुसार  ऐसे कार्य द्वारा उपहति कारित करना, जिससे दुसरो का जीवन या वैयक्तिक  संकटापन्न हो जाए – जो कोई ऐसे उतावलेपन या उपेक्षा से कोई कार्य करने द्वारा, जिससे मानव जीवन या दूसरो का वैयक्तिक क्षेम  संकटापन्न हो जाए, किसी व्यक्ति को उपहति कारित करेगा, वह दोनों में से किसी भाति के कारावास से, जिसकी अवधि छः मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पांच सौ रुपये तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा । 

Description of IPC Section 337According to section 337 of Indian penal code, Whoever causes hurt to any person by doing any act so rashly or negligently as to endanger human life, or the personal safety of others, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to six months, or with fine which may extend to five hundred rupees, or with both.

 

आईपीसी धारा 337 का विवरण Details of IPC Section 337

यह धारा उतावलेपन या उपेक्षा से ऐसे कार्य द्वारा उपहति कारित करने को दंडित करती है जिससे दूसरों का जीवन या वैयक्तिक क्षेम संकटापन्न हो जाए। इसके अनुसार, जो कोई उतावलेपन या उपेक्षा से कोई कार्य करने द्वारा जिससे मानव जीवन या दूसरों का वैयक्तिक क्षेम संकटापन्न हो जाए किसी व्यक्ति की उपहति कारित करेगा, वह छह मास तक के सादा या कठिन कारावास से, या पांच सौ रुपये तक के जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा । 

इस धारा के अंतर्गत अभियुक्त के द्वारा उतावलेपन उपेक्षा से कार्य किया जाना चाहिए, और ऐसे  कार्य से मानव- जीवन या दूसरों का वैयक्तिक क्षेम संकटापन्न होना चाहिए, तथा किसी व्यक्ति को उपहति कारित की गई होनी चाहिए । इस धारा को धाराओ 336 और 338 के साथ पढ़ा जाना चाहिए । उतावलेपन  और उपेक्षा की संकल्पनाओ पर  धारा 304 – क कि टिप्पणी  के अंतर्गत विस्तृत चर्चा की जा चुकी है। धारा 337 में  अभियुक्त का किसी प्रकार का आशय नही होता । 

जहाँ बस चलाते हुए चालक ने अचानक ब्रेक लगाए और बस एक खम्भे से टकरा गई, उस इस धारा के अधीन दोषी नही ठहराया गया क्योंकि किसी को भी क्षति  कारित नही हुई थी । जहाँ एक हकीम ने साधारण कैची से आंख की शल्य किया कि, और घाव को साधारण सुई धोगे से सीकर बन्द कर दिया, जिसके कारण आंख लगभग स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त  हो गई, उसे इस धारा के अधीन दोषसिद्ध किया गया ।

जहाँ अभियुक्त ने अपनी लॉरी उतावलेपन या उपेक्षा से चलाई जिससे उसके और एक जीप के बीच दुघर्टना हो गई, जिसके  कारण जीप में बैठे व्यक्ति को शति कारित हुई, अभियुक्त को इस धारा के अधीन दोषसिद्ध किया गया । इसी प्रकार, जहाँ बस चालक के द्वारा उतावलेपन या उपेक्षा से बस चलाई गई और उसने समय पर बेक नही लगाए जिससे दो व्यक्तियो की मृत्यु और कुछ अन्य को क्षति  कारित हुई, उसे धाराओ 304- क और 337 के अधीन दोषी ठहराया गया । जहाँ एक पत्नी ने अपने पति के खाने के साथ वशीकरण  पेय मिला दिया

जिससे पति उसके आज्ञाधीन होगा और उससे झगड़ा नही करेगा, और वह पेय पत्नी के प्रेमी और प्रेमी के एक मित्र द्वारा धतूरे के बीज से बनाया गया था और पत्नी को इसकी अंतर्वस्तु के बारे मे कोई जानकारी नहीं थी,

जिससे पति रोगग्रस्त हो गया पर बाद में ठीक हो गया, न्यायालय ने पत्नी को धारा 337 के अधीन , उसके प्रेमी को धाराओ 307/ 109 के अधीन और प्रेमी के मित्र को धाराओ 328/ 109 के अधीन , दोषसिद्ध किया । एक कार चालक ने अपनी कार का दरवाजा अचानक खोल दिया जिससे एक साइकिल चालक चोटग्रस्त होकर गिर पड़ा और पीछे से आ रही एक लॉरी ने साइकिल चालक को कुचल दिया ।

यह अभिनिर्धारित किया गया कि लॉरी के द्वारा कुचले जाने के प्रत्यक्ष परिणाम से मृत्यु होने के कारण, केवल उसके चालक को धारा 304- क के अधीन दोषसिद्ध करना उचित होगा, जबकि कार चालक, जिसने कुछ उपेक्षापूण कार्य किया था, धारा 337 के अधीन दण्डनीय है । 

इस धारा के अधीन अपराध संज्ञाय, जमानतीय और शमनीय है यदि विचारण न्यायालय ने इसकी अनुमति दी हो, और यह किसी मजिस्ट्रेट के  कीट है द्वारा विचारणीय है । 

साथियों इसी के साथ हम अपने लेख को समाप्त करते हैं हम आशा करते हैं हमारा यह एक आपको पसंद आया होगा तथा समझने योग्य होगा अर्थात धारा 337 आईपीसी की जानकारी आप को पूर्ण रूप से हो गई होगी 

 कानूनी सलाह लेने के लिए अथवा पंजीकृत करने के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरूरत होती है  इन सभी सवालों से जुड़ी सारी जानकारी इस लेख के माध्यम से हम आज आप तक पहुंचाने की पूरी कोशिश किए हैं

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