SECTION 317 IPC IN HINDI पूरी जानकारी

आईपीसी की धारा 317 क्या है What is section 317 of IPC

नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं आईपीसी की धारा  के 317 बारे में क्या होती है 317 धारा आईपीसी की और इसमें क्या-क्या प्रावधान दिए गए हैं इन सब विषयों के बारे में आज हम इस लेख के माध्यम से आप लोगों को कानूनी जानकारी से अवगत कराने वाले हैं हमारा हमेशा से ही प्रयास रहा है कि ज्यादा से ज्यादा कानूनी जानकारियां आप लोगों तक पहुंचाता रहूं

आईपीसी धारा 317 शिशु के पिता या माता या उसकी देखरेख रखने वाले व्यक्ति द्वारा बारह वर्ष से कम आयु के शिशु का अर्शित डाल दिया जाना और परित्याग 

 जो कोई बाहर वर्ष से कम आयु के शिशु का पिता या माता होते हुए, या ऐसे शिशु की देखरेख का भार रखते हुए, ऐसे शिशु का पूर्णतः परित्याग करने के आशय से उस शिशु को किसी स्थान में  आरक्षित डाल देगा या छोड़ देगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा । 

आईपीसी धारा 317 का विवरण –  

शिशु के पिता या माता या उसकी देखरेख रखने वाले व्यक्ति द्वारा बारह वर्ष से कम आयु के शिशु का आरक्षित डाल दिया जाना और परित्याग इस धारा के अधीन दंडनीय अपराध है । इसके अनुसार, जो कोई बारह वर्ष से कम आयु के शिशु का पिता या माता होते हुए, ऐसे शिशु की देखरेख का भार रखते हुए, ऐसे शिशु का पूर्णतः परित्याग करने के आशय से उस शिशु को किसी स्थान में आरक्षित डाल देगा या छोड़ देगा,

वह सात वर्ष तक के सादा या कठिन कारावास से, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा इस धारा के साथ दिए गए स्पष्टीकरण के द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि यदि शिशु को आरक्षित डाल दिए जाने के परिणामस्वरूप उसकी मृत्यु हो जाए, तो यथास्थिति हत्या या आपराधिक मानव वध के लिए अपराधी का विचारण किया जाएगा,

और ऐसे विचारण को निवारित करना इस धारा में आशयित नहीं है इस धारा के लागू होने के लिए शिशु की आयु बारह वर्ष से कम होना आवश्यक है, और यह धारा ऐसे शिशु के पिता या माता या उसकी देखरेख रखने वाले व्यक्ति के दायित्व से सम्बंधित है ।

इस धारा के अंतर्गत ऐसे शिशु की देखरेख का भार रखते हुए, माता – पिता या ऐसे व्यक्ति का आशय शिशु का पूर्णतः परित्याग करना होना चाहिए, और उसके द्वारा ऐसे आशय से उस शिशु को किसी स्थान में या तो आरक्षित डाल दिया गया होना या छोड़ दिया गया होना आवश्यक है यदि ऐसे आरक्षित डाल दिए या छोड़ दिए जाने के कारण उस शिशु की मृत्यु हो जाए तो यह धारा  यथास्थिति हत्या या आपराधिक मानव वध के लिए उस व्यक्ति के विचारण में बाधक नहीं  । 

शिशु वैध है या अवैध इससे पिता या माता के दायित्व पर कोई अन्तर नहीं पड़ता । अतः यह महत्वपूर्ण नहीं है कि शिशु का जन्म उसके माता – पिता के बीच विवाहित सम्बन्ध के दौरान हुआ है या उसके बाहर आरक्षित डाल देगा का अर्थ उसे शारीरिक रूप से बाहर रख देना है और ऐसे रख देने से शिशु की शारीरिक खतरा भी है छोड़ देगा का अर्थ शिशु को किसी की सुरक्षा के अंतर्गत नहीं रखना है और उसे किसी अन्य से सहायता न मिलने की स्थिति में रखना है उपयुर्क्त दोनों में से प्रत्येक परिस्थिति में अभियुक्त का आशय शिशु का पूर्णतः परित्याग करना होना चाहिए । 

 

साथियों इसी के साथ हम अपने लेख को समाप्त करते हैं हम आशा करते हैं हमारा यह एक आपको पसंद आया होगा तथा समझने योग्य होगा अर्थात धारा 317 आईपीसी की जानकारी आप को पूर्ण रूप से हो गई होगी 

 कानूनी सलाह लेने के लिए अथवा पंजीकृत करने के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरूरत होती है  इन सभी सवालों से जुड़ी सारी जानकारी इस लेख के माध्यम से हम आज आप तक पहुंचाने की पूरी कोशिश किए हैं

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इस धारा के अधीन अपराध संज्ञेय, जमानतीय और अशमनीय है, और यह सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय है ।

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