SECTION 240 IPC IN HINDI पूरी जानकारी

आईपीसी की धारा 240 क्या है What is section 216 of IPC

नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं आईपीसी की धारा  के 216 बारे में क्या होती है 216 धारा आईपीसी की और इसमें क्या-क्या प्रावधान दिए गए हैं इन सब विषयों के बारे में आज हम इस लेख के माध्यम से आप लोगों को कानूनी जानकारी से अवगत कराने वाले हैं हमारा हमेशा से ही प्रयास रहा है कि ज्यादा से ज्यादा कानूनी जानकारियां आप लोगों तक पहुंचाता रहूं

240. उस भारतीय सिक्के का परिदान जिसका कूट कृत होना कब्जे में आने के समय ज्ञात था

जो कोई अपने पास कोई, ऐसा कूट कृत सिक्का होते हुए, जो भारतीय सिक्के की कूट कृति हो और जिसे वह उस समय, जब वह है उसके कब्जे में आया था, जानता था कि वह भारतीय सिक्के की कूट कृति है, कपट पूर्वक, या इस आशय से की कपट किया जाए, उसे किसी व्यक्ति को परी दत्त करेगा या किसी व्यक्ति को उसे लेने के लिए उत्प्रेरित करने का प्रयत्न करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि 10 वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।

आईपीसी की धारा 240 का विवरण- धारा 239 जबकि ऐसे सिक्के केparidan से संबंधित है जिसका कूट कृत हो ना कब्जे में आने के समय ज्ञात था, यह धारा उस भारतीय सिक्के के परिधान को दंडित करती है जिसका कूट कृत्य हो ना कब्जे में आने के समय ज्ञात था।

इसके अनुसार, जो कोई अपने पास ऐसा कूट कृत सिक्का होते हुए, जो भारतीय सिक्के की कूट कृति हो, और जिस सिक्के का उसके कब्जे में आने के समय उसे इस बात का ज्ञान था कि वह भारतीय सिक्के की कूट कृति है, या तो कपट पूर्वक, या इस आशय से की कपट किया जाए, उसे किसी व्यक्ति को या तो परी दत्त करेगा, या किसी व्यक्ति को उसे लेने के लिए उत्प्रेरित करने का प्रयत्न करेगा, वह 10 वर्ष तक के सादा या कठिन कारावास से दंडित किया जाएगा, और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।

इस धारा के अंतर्गत अभियुक्त के कब्जे में कोई ऐसा कोर्ट कृत सिक्का होना चाहिए जो भारतीय सिक्के की कूट कृति हो। उस सिक्के का अभियुक्त के कब्जे में आने के समय उसे इस बात का ज्ञान होना चाहिए कि वह सिक्का भारतीय सिक्के की कूट कृति है। उसके द्वारा ऐसे सिक्के को या तो किसी व्यक्ति को परी दत्त किया जाना आवश्यक है,

या किसी व्यक्ति को उसे लेने के लिए उत्प्रेरित करने का प्रयत्न किया जाना आवश्यक है। ऐसा या तो कपट पूर्वक किया जाना चाहिए, याओ कपट किए जाने के आशा यह से किया जाना चाहिए। भारतीय सिक्का होने के कारण इस धारा के अधीन कठोर दंड की व्यवस्था है।

इस धारा के अधीन अपराध संज्ञेय, आजमाने और असहनीय है, और यह सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय है।

साथियों इसी के साथ हम अपने लेख को समाप्त करते हैं हम आशा करते हैं हमारा यह एक आपको पसंद आया होगा तथा समझने योग्य होगा अर्थात धारा 240 आईपीसी की जानकारी आप को पूर्ण रूप से हो गई होगी 

 कानूनी सलाह लेने के लिए अथवा पंजीकृत करने के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरूरत होती है  इन सभी सवालों से जुड़ी सारी जानकारी इस लेख के माध्यम से हम आज आप तक पहुंचाने की पूरी कोशिश किए हैं

अगर आपको इस सवाल से जुड़ी या किसी अन्य कानून व्यवस्था से जुड़ी जैसे आईपीसी, सीआरपीसी सीपीसी इत्यादि से जुड़ी किसी भी सवालों की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बेझिझक होकर कमेंट कर सकते हैं और आपके सवालों के उत्तर को हम जल्द से जल्द देने का हम पूरा प्रयास करेंगे।

अगर आप हमारे जानकारी से संतुष्ट है तो आप हमारे ब्लॉग पेज mylegaladvice.in को लाइक करिए तथा अपने दोस्तो के साथ इस आर्टिकल को शेयर करिए जिससे उन्हें भी इस धारा 240 आईपीसी  की जानकारी प्राप्त हो सके और किसी जरूरतमंद की मदद हो जायेगी

 

Leave a Comment