SECTION 233 IPC IN HINDI पूरी जानकारी

आईपीसी की धारा 233 क्या है What is section 233 of IPC

नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं आईपीसी की धारा 233 के बारे में क्या होती है 233 धारा आईपीसी की और इसमें क्या-क्या प्रावधान दिए गए हैं इन सब विषयों के बारे में आज हम इस लेख के माध्यम से आप लोगों को कानूनी जानकारी से अवगत कराने वाले हैं हमारा हमेशा से ही प्रयास रहा है कि ज्यादा से ज्यादा कानूनी जानकारियां आप लोगों तक पहुंचाता रहूं

आईपीसी की धारा 233 के अनुसार जो कोई  डाई या उपकरण को सिक्के के कूटकरण के लिए उपयोग में लाए जाने के प्रयोजन से, या यह जानते हुए या यह विशवास करने का कारण रखते हुए कि वह भारतीय सिक्के के कूटकरण में उपयोग में लाए जाने के लिए आशयित है

, बनाएगा या सुधारेगा, या बनाने या सुधारेन की प्रकिया के किसी भाग को करेगा अथवा खरीदेगा , बेचेगा या व्ययनित करेगा, वह दोनों में से किसी भाति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वष तक की हो सकेग, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा । 

आईपीसी की धारा 233 का विवरण Details of section 233 of IPC

सिक्के के कूटकरण के लिए उपकरण बनाना या बेचना आदि इस धारा के अधीन दण्ड़नीय अपराध है । इसके अनुसार, जो कोई किसी डाई या उपकरण को सिक्के के कूटकरण के लिए उपयोग में लाए जाने के प्रयोजन से, या यह जानते हुए, या यह विशवास करने का कारण रखते हुए कि वह सिक्के  के कूटकरण में उपयोग में लाए जाने के लिए आशयित है,

बनाएगा, या सुधारेगा, या बनाने या सुधारने की प्रक्रिया के किसी भाग को करेगा अथवा खरीदेगा, या बेचेगा, या व्ययनित करेगा, वह तीन वर्ष  के सादा या कठीन कारावास से दण्डित किया जाएगा, और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा । 

यह धारा भारतीय दंड सहिता की उन कुछ धाराओ में से एक है जिसके अन्तर्गत अपराध करने की तैयारी को भी दण्डनीय अपराध बनाया गया है । किसी डाई या उपकरण को सिक्के के कूटकरण के लिए उपयोग में लाए जाने के प्रयोजन से बनाना, या व्ययनित करना इस धारा के अधीन दण्डनीय है,

परंतु यह दायित्व केवल तभी होगा जबकि अभियुक्त यह जानता हो या यह विशवास करने का कारण रखत हो कि वह डाई या उपकरण सिक्के के कूटकरण में उपयोग में लाए जाने के लिए आशयित है, । ‘प्रकिया के किसी भाग को करेगा’ श     का प्रयोग यह र       करता है कि सम्पूर्ण प्रकिया का पूण्य होना आवश्यक नही है । यह आवश्यक नही है कि डाई या उपकरण सिक्के का सम्पूर्ण स्वरूप बनाने में सक्षम हो । 

इस धारा के अधीन अपराध संज्ञय, अजमानतीय और अशमनीय है, और यह प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है

SECTION 233 IPC IN MALAYALAM

IPC യുടെ 233-ാം വകുപ്പ് അനുസരിച്ച്, കള്ളനാണയം ഉപയോഗിക്കുന്നതിന് വേണ്ടി, അല്ലെങ്കിൽ അത് ഇന്ത്യൻ നാണയം വ്യാജമാക്കാൻ ഉദ്ദേശിച്ചുള്ളതാണെന്ന് അറിഞ്ഞോ അല്ലെങ്കിൽ വിശ്വസിക്കാൻ കാരണമോ ഉള്ളവർ

നിർമ്മാണം അല്ലെങ്കിൽ തിരുത്തൽ പ്രക്രിയയുടെ ഏതെങ്കിലും ഭാഗം ഉണ്ടാക്കുകയോ നിർമ്മിക്കുകയോ ശരിയാക്കുകയോ വാങ്ങുകയോ വിൽക്കുകയോ വിനിയോഗിക്കുകയോ ചെയ്താൽ, ഒന്നുകിൽ മൂന്ന് വർഷം വരെ നീണ്ടുനിൽക്കുന്ന ഒരു വിവരണത്തിന്റെ തടവ് ശിക്ഷിക്കപ്പെടും, കൂടാതെ പിഴയ്ക്കും ബാധ്യസ്ഥനാകും. ശിക്ഷിക്കപ്പെടും.

लागू अपराध 

अपराध सजा संज्ञेय जमानत विचारणीय
नकली सिक्के के उद्देश्य के लिए साधन बनाना, खरीदना या बेचना 3 साल + जुर्माना संज्ञेय गैर जमानतीय प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट

 

साथियों इसी के साथ हम अपने लेख को समाप्त करते हैं हम आशा करते हैं हमारा यह एक आपको पसंद आया होगा तथा समझने योग्य होगा अर्थात धारा 233 आईपीसी की जानकारी आप को पूर्ण रूप से हो गई होगी 

 कानूनी सलाह लेने के लिए अथवा पंजीकृत करने के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरूरत होती है  इन सभी सवालों से जुड़ी सारी जानकारी इस लेख के माध्यम से हम आज आप तक पहुंचाने की पूरी कोशिश किए हैं

अगर आपको इस सवाल से जुड़ी या किसी अन्य कानून व्यवस्था से जुड़ी जैसे आईपीसी, सीआरपीसी सीपीसी इत्यादि से जुड़ी किसी भी सवालों की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बेझिझक होकर कमेंट कर सकते हैं और आपके सवालों के उत्तर को हम जल्द से जल्द देने का हम पूरा प्रयास करेंगे।

अगर आप हमारे जानकारी से संतुष्ट है तो आप हमारे ब्लॉग पेज mylegaladvice.in को लाइक करिए तथा अपने दोस्तो के साथ इस आर्टिकल को शेयर करिए जिससे उन्हें भी इस धारा 233 आईपीसी  की जानकारी प्राप्त हो सके और किसी जरूरतमंद की मदद हो जायेगी।

 

Leave a Comment