SECTION 224 IPC IN HINDI पूरी जानकारी

आईपीसी की धारा 224 क्या है What is section 224 of IPC

नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं आईपीसी की धारा 224  के बारे में क्या होती है 224 धारा आईपीसी की और इसमें क्या-क्या प्रावधान दिए गए हैं इन सब विषयों के बारे में आज हम इस लेख के माध्यम से आप लोगों को कानूनी जानकारी से अवगत कराने वाले हैं हमारा हमेशा से ही प्रयास रहा है कि ज्यादा से ज्यादा कानूनी जानकारियां आप लोगों तक पहुंचाता रहूं

आईपीसी धारा 224 किसी व्यक्ति  द्वारा विधि के अनुसार अपने पकड़े जाने में  प्रतिरोध या बाधा IPC Section 224 Resistance or obstruction by any person to his arrest according to law

 जो कोई किसी ऐसे अपराध के लिए, जिसका उस पर आरोप हो, या जिसके लिए वह दोषसिद्ध किया गया हो, विधि के अनुसार अपने पकड़े जाने में साशय प्रतिरोध करेगा

या अवैध बाधा डालेगा, या किसी अभिरक्षा में, जिसमें वह किसी ऐसे अपराध के लिए विधिपूर्वक निरुद्ध हो, निकल भागेगा, या निकल भागने का प्रयत्न करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा । 

आईपीसी धारा 224 का विवरण Details of IPC Section 224   

किसी व्यक्ति द्वारा विधि के अनुसार अपने पकड़े जाने में प्रतिरोध करना या बाधा डालना इस धारा के अधीन दंडनीय अपराध है इसके अनुसार, जो कोई किसी ऐसे अपराध के लिए, जिसका उड़ पर आरोप हो या जिसके लिए वह दोषसिद्ध किया गया हो,

विधि के अनुसार अपने पकड़े जाने में  साशय प्रतिरोध करेगा, या अवैध बाधा डालेगा, या किसी अपराध के लिए विधिपूर्वक निरुद्ध किसी अभिरक्षा से निकल भागेगा, या निकल भागने का प्रयत्न करेगा,

वह दो वर्ष तक के सादा या कठिन कारावास से या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जायेगा । इस धारा के साथ एक स्पष्टीकरण भी दिया गया है जिसके अनुसार इस धारा में उपबन्धित दंड उस दंड के अतिरिक्त है जिससे वह व्यक्ति, जिसे पकड़ा जाना हो, या अभिरक्षा में निरुद्ध रखा जाना हो, उस अपराध के लिए दंडनीय था, जिसका उस पर आरोप लगाया गया था जिसके लिए वह दोषसिद्ध किया गया था । 

यह अभिनिर्धारित किया है कि शिकार करते हुए पकड़े गए व्यक्ति यदि पुलिस अभिरक्षा से निकल भागे तो उन्हें इस धारा के अधीन अभियोजित किया जा सकेगा । जहां एक कॉन्स्टेबल ने अभियुक्त, जो कि एक आदतन अपराधी था, को पकड़ रखा था,

और जिसके बारे में उसे यह संदेह था कि उसने गृह – भेदन और चोरी की थी, और उसे थाने ले जाते समय वे चाय की दुकान पर रुके, जहाँ से अभियुक्त कॉन्स्टेबल पर छुर से वार कर निकल भागा, तो उसे इस धारा के अधीन दोषसिद्ध किया गया ।

दूसरी ओर, जहाँ ग्रामीणों ने कोई अपराध करने के संदेह में अभियुक्त को निरुद्ध रखा, और थाने से एक कॉन्स्टेबल को बुलाया, जिसके साथ थाने जाते समय अभियुक्त निकल भागा, तो यह अभिनिर्धारित किया गया है कि चूंकि यह साबित नहीं किया जा सका था कि उसे विधिपूर्ण अभिरक्षा में रखा गया था, इसलिए उसे इस धारा के अधीन दोषसिद्ध नहीं किया जा सकता । 

इस धारा के अधीन अपराध संज्ञेय, जमानतीय और अशमनीय है, और यह महानगर मजिस्ट्रेट या प्रथम या द्वितीय वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है । 

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साथियों इसी के साथ हम अपने लेख को समाप्त करते हैं हम आशा करते हैं हमारा यह एक आपको पसंद आया होगा तथा समझने योग्य होगा अर्थात धारा 224 आईपीसी की जानकारी आप को पूर्ण रूप से हो गई होगी 

 कानूनी सलाह लेने के लिए अथवा पंजीकृत करने के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरूरत होती है  इन सभी सवालों से जुड़ी सारी जानकारी इस लेख के माध्यम से हम आज आप तक पहुंचाने की पूरी कोशिश किए हैं

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