मॉडल किरायेदार कानून को मिली मंजूरी नया किराएदार कानून? 1 पूरी जानकारी

नमस्कार दोस्तो

आज हम बात करने जा रहे हैं नए किरायेदार कानून को सरकार से मंजूरी मिल गई है मैंने की मॉडल किरायेदार कानून कहा जाता है मकान मालिक किराएदार सरकार द्वारा मंजूर नए कानून से किस को होगा फायदा यह भी आपके साथ चर्चा करने वाले हैं देश में मकान मालिक और किराएदार के संबंधों को कानूनी रूप से परिभाषित करने के लिए मौजूदा व्यवस्था है। 

सरकार ने नया मॉडल कानून को मंजूरी दे दी है मॉडल टेनेंसी एक्ट को मंजूरी दी है अब यह मॉडल सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भेजा जाएगा ताकि नया कानून बनाकर यहां मौजूद किरायेदार कानून को उपयोग संशोधन करने के लिए अनुकूल कर सकें सरकार के अनुसार सरकार की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है

इससे सभी आए समूह के लिए किराए का मकान पर्याप्त निर्माण हो सकेगा जिसमें बेघरों की समस्या का हल किया जा सकेगा मॉडल टेनेंसी एक्ट खाली घरों को किराए की सुविधा के उद्देश्य के लिए उपलब्ध कराएगा मकानों की कमी को दूर करने के लिए एक बिजनेस मॉडल के रूप में किराए के मकानों पर निजी भागीदारी का बड़ा मिलने की उम्मीद है

अक्सर आप लोगों ने भी देखा होगा कि मकान मालिक और किराएदार के बीच विवाद की स्थिति का मामला बहुत से सालों से चलता आ रहा है नया टेनेंसी कानून इस समस्या का स्थाई समाधान करता है। 

नया किरायेदार कानून मकान मालिक को मकान पर कब्जा हो जाने के डर से आजाद करता है कानून में प्रावधान है कि यदि मकान मालिक एग्रीमेंट के मुताबिक किराएदार को पहले से नोटिस वगैरा देता है तो किराएदार को एग्रीमेंट समाप्त होने की स्थिति में जगह को खाली करना होगा ऐसा नहीं करने पर मकान मालिक अगले 2 महीने के लिए किराया 2 गुना और उसके बाद 4 गुना तक बढ़ा सकता है।

मॉडल किरायेदार कानून में क्या-क्या मंजूर हुआ है?

मकान मालिक और किराएदार के बीच सबसे बड़ी समस्या झगड़े की यह होती थी उसकी वजह सिक्योरिटी डिपाजिट है इसलिए कानून में किराएदार का भी पूरा ख्याल रखा गया है कानून में किसी प्रॉपर्टी किराए की प्रॉपर्टी को लेकर सिक्योरिटी की डिपॉजिट की सीमा तय कर दी गई है।

नए कानून में यह स्पष्ट रूप से साफ कर दिया है कि वे रिहासयी संपत्ति के लिए अधिकतम 2 माह का किराया सिक्योरिटी डिपॉजिट और गैर रिहयसी प्रॉपर्टी के लिए अधिकतम 6 महीने से को सिक्योरिटी डिपॉजिट हो सकता है।

सुंदरिया यह बात जानना सबसे जरूरी है कि सरकार का यह एक मॉडल एक्ट है इसे लागू करने का काम राज्य सरकारों का है अभी प्रधानमंत्री जी कैबिनेट ने इस कानून को मंजूर किया है अब यह राज्यों पर है कि इससे वह किस स्वरूप में लागू करेंगे फिर भी कुछ जगहों पर या कुछ राज्यों पर इसे चालू करने का काम चालू हो गया है ।

इस नए कानून के अंतर्गत किराएदार को भी एक बहुत अच्छी सुविधा दी गई है जिसमें क्या है पर घर देने के पश्चात मकान मालिक या प्रॉपर्टी मैनेजर जब मन चाहे जब किराएदार के पास नहीं जा सकते किराएदार का घर विजिट करने से 24 घंटे पहले मकान मालिक को लिखित मैसेज वगैरा या सूचना देनी होगी।

 

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नए कानून के अनुसार लागू किया गया है कि मकान मालिक की जब मर्जी हो तब किराया वह नहीं बढ़ा सकता इस पर रोक लगा दी गई है अब मकान मालिक एग्रीमेंट की अवधि के बीच किराया नहीं बढ़ा सकेंगे यदि वह ऐसा करते हैं तो इसकी जानकारी एग्रीमेंट में देनी होगी इतना ही नहीं किराया बढ़ाने से पहले मकान मालिक को 3 माह का एडवांस में किस देना होगा।

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