आईपीसी की धारा 366 क्या है पूरी जानकारी

SECTION 366 IPC IN HINDI

नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं आईपीसी की धारा 366 क्या है और इसमें क्या-क्या प्रावधान दिए गए हैं इन सब विषयों के बारे में आज हम इस लेख के माध्यम से आप लोगों को कानूनी जानकारी से अवगत कराने वाले हैं हमारा हमेशा से ही प्रयास रहा है कि ज्यादा से ज्यादा कानूनी जानकारियां आप लोगों तक पहुंचाता रहूं

आईपीसी की धारा 366 क्या है

भारतीय दंड संहिता की धारा 366 के अनुसार,जो कोई किसी स्त्री का उसकी इच्छा के विरुद्ध किसी व्यक्ति से विवाह करने के लिए उस स्त्री को विवश करने के आशय से या वह विवश की जाएगी यह सम्भाव्य जानते हुए अथवा अवैध संभोग करने के लिए उस स्त्री को विवश करना या बहकाना या वह स्त्री अवैध संभोग के लिए विवश या बहक जाएगी

यह संभाव्य जानते हुए व्यपहरण या अपहरण करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और साथ ही आर्थिक दंड से दंडित किया जाएगा;

और जो कोई इस संहिता या प्राधिकरण के दुरुपयोग या मजबूर कर किसी भी विधि में परिभाषित आपराधिक धमकियों के माध्यम से किसी स्त्री को किसी अन्य व्यक्ति से अवैध संभोग करने के लिए विवश करने या बहकाने के आशय से या वह स्त्री विवश या बहक जाएगी यह संभाव्य जानते हुए उस स्त्री को किसी स्थान से जाने के लिए उत्प्रेरित करेगा, उसे भी उपरोक्त प्रकार से दण्डित किया जाएगा।

लागू अपराध
किसी स्त्री को विवाह के लिए विवश करने, अपवित्र करने के लिए व्यपहृत करना, अपहृत करना या उत्प्रेरित करना आदि।
सजा – दस वर्ष कारावास + आर्थिक दंड।

यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है।यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

भारतीय दंड संहिता की धारा 366 क्या होती है 

भारतीय दंड संहिता की धारा 366 की धारा किसी स्त्री की इच्छा के बिना ही उसे शादी के लिए विवश करना या उससे विवाह करने के लिए उस स्त्री का अपहरण करने से सम्बंधित होती है,

इस धारा के प्रावधानों के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी भी स्त्री का उसकी इच्छा के विरुद्ध उससे या उसके आलावा किसी व्यक्ति से विवाह करने के लिए उस स्त्री को विवश करने के आशय से या वह स्त्री यह विवाह करने के लिए विवश की जाएगी यह सम्भाव्य जानते हुए अथवा अवैध संभोग करने के लिए उस स्त्री को विवश करना या उसे बहकाना या वह स्त्री अवैध संभोग के लिए विवश या बहक जाएगी

यह संभाव्य जानते हुए भी उस स्त्री का व्यपहरण या अपहरण करना, आदि अपराध के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 366 में उचित सजा का प्रावधान दिया गया है, और ऐसे अपराधी को उचित दंड भी दिया जाता है।

इस धारा के प्रावधानों में अन्य बातों के साथ – साथ यह भी है कि जो कोई भी व्यक्ति इस संहिता या प्राधिकरण का दुरुपयोग कर किसी भी विधि में परिभाषित आपराधिक धमकियों के माध्यम से किसी भी स्त्री को किसी अन्य व्यक्ति से अवैध संभोग करने के लिए विवश करने या उसे बहकाने के आशय से या कोई ऐसा कृत्य करना जिससे वह स्त्री विवश या बहक जाएगी यह संभाव्य जानते हुए उस स्त्री को किसी स्थान से जाने के लिए उत्प्रेरित करेगा, उसे भी उपरोक्त प्रकार से उचित रूप से दण्डित किया जाएगा।

भारतीय दंड संहिता की धारा 366 के आवश्यक तत्व

यह धारा किसी स्त्री या महिला कि इच्छा के बिना ही उसे शादी करने के अपराध से सम्बंधित होती है, किन्तु इस धारा के आवश्यक तत्वों में और भी बहुत कुछ देखा जा सकता है। जैसे कि यदि कोई व्यक्ति किसी भी स्त्री को सम्भोग करने के लिए विवश करता है,

या कोई ऐसा कृत्य करता है, जिसके परिणामस्वरूप वह स्त्री वाहक सकती है या सम्भोग करने के लिए तैयार हो सकती है, तो ऐसा कृत्य करना भी इस धारा के प्रावधानों के तहत दंडनीय माना जाता है,

और यदि वह व्यक्ति उस स्त्री को उस व्यक्ति या किसी अन्य व्यक्ति से विवाह करने के लिए उत्प्रेरित करता है, या विवश करता है, या विवाह के लिए उस स्त्री का अपहरण करता है तो ऐसा व्यक्ति भारतीय दंड संहिता की धारा 366 के प्रावधानों के तहत सजा का भागीदार होता है, और ऐसे व्यक्ति को न्यायालय द्वारा उचित दंड भी दिया जाता है।

भारतीय दंड संहिता की धारा 366 के लिए सजा का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता की धारा 366 के प्रावधानों में किसी महिला को उसकी इच्छा के विरुद्ध विवाह करने के लिए उसे विवश करने या विवाह करने के लिए उस महिला का अपहरण करने के अपराध के लिए एक अपराधी को उचित दंड देने की व्यवस्था की गयी है।

उस व्यक्ति को जिसने भारतीय दंड संहिता की धारा 366 के तहत अपराध किया है, उसे इस संहिता के अंतर्गत कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है, जिसकी समय सीमा को 10 बर्षों तक बढ़ाया जा सकता है, और इस अपराध में आर्थिक दंड का प्रावधान किया गया है, जो कि न्यायालय आरोप की गंभीरता और आरोपी के इतिहास के अनुसार निर्धारित करता है।

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साथियों इसी के साथ हम अपने लेख को समाप्त करते हैं हम आशा करते हैं हमारा यह एक आपको पसंद आया होगा तथा समझने योग्य होगा अर्थात धारा 366 आईपीसी की जानकारी आप को पूर्ण रूप से हो गई होगी 

कानूनी सलाह लेने के लिए अथवा पंजीकृत करने के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरूरत होती है  इन सभी सवालों से जुड़ी सारी जानकारी इस लेख के माध्यम से हम आज आप तक पहुंचाने की पूरी कोशिश किए हैं

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