धारा 494 आईपीसी क्या है? पूरी जानकारी

नमस्कार दोस्तो 

आज हम आपके साथ एक महत्वपूर्ण विधिक जानकरी की चर्चा करने वाले है।मेरा उद्देश्य यही है कि लेख के माध्यम से आपको कनूनी जानकारियों से अवगत करता रहू।ओर मेरा हमेशा से यही प्रत्यन रहा है कि ज्यादा से ज्यादा कनूनी जानकारियां आप आप लोगो लेख के माध्यम से देता रहू।आज हम बात करने जा रहे धारा 494 आईपीसी की 

जोकि पति या पत्नी के जीवन काल में पुनः विवाह करने से संबंधित धारा है जो कोई पति या पत्नी के जीवित होते हुए भी विवाह करेगा जिसमें ऐसा विवाह इस कारण से शुन्य माना जाएगा इसमें दंड के प्रावधान भी दिए गए हैं आओ विस्तार से हम इसकी चर्चा करते हैं।

धारा 494 आईपीसी का विवरण?

धारा 494 आईपीसी से तात्पर्य है यह है पति या पत्नी के जीवन काल में पुनः विवाह करने से संबंधित धारा है जो कोई पति या पत्नी के जीवित होते हुए भी वित्तीय विभाग करेगा जिसमें ऐसा विवाह इस कारण से शून्य है कि वह ऐसे पति या पत्नी के जीवन काल में होता है।

साधारण भाषा में हम आपको बता देते हैं कि किसी भी व्यक्ति द्वारा अपनी पत्नी के जीवन काल में पुणे विवाह करता है तो है इस धारा के अंतर्गत बलि बाती दोषी माना जाएगा जिसमें सजा की अवधि 7 वर्ष तक की हो सकेगी एवं जुर्माने से भी दंडित किया जाता है।

यह धारा मुस्लिम पुरुषों पर लागू नहीं होती है?

महत्वपूर्ण बात यह है जिससे मैं आपको अवगत करा देता हूं यह धारा मुस्लिम पुरुषों या मुस्लिम आदमियों पर लागू नहीं होती है लेकिन  मुस्लिम महिलाओं पर लागू होती है हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 17 के आधार पर यह धारा प्रत्येक हिंदू पर लागू होती है जिसका विवाह हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के अस्तित्व में आने के बाद हुआ हो।

लागू अपराध?

इस धारा के अंतर्गत जो कोई व्यक्ति इस धारा के अंतर्गत दोषी होगा वह बलि बाती कारावास से एवं जुर्माने से दंडित होगा जिसकी अवधि 7 वर्ष तक की हो सकेगी एवं जुर्माने से भी दंडनीय होगा।

एक महत्वपूर्ण बात आपके सामने स्पष्ट कर देता हूं कि इस धारा के अधीन किसी व्यक्ति को दोषी ठहराने या अभियुक्त समझने के लिए यह साबित किया जाना अत्यधिक महत्वपूर्ण है कि उस व्यक्ति का पूर्व विवाह विधि मान्य और अस्तित्व में था साधारण भाषा में मैं आपको समझा देता हूं कि किसी भी व्यक्ति को धारा 494 का दोषी जब ही माना जाएगा जब यह साबित हो जाएगा प्रथम विवाह विद्यमान्य और अस्तित्व में है।

उत्तम न्यायालय में भी बहुत से फैसले धारा 494 के अनुसार सुनाया गए हैं जैसे कि हिंदू व्यक्ति कोई जो इस्लाम धर्म स्वीकार करने के पश्चात अपने विवाह का बगैर विच्छेद करा कर यदि दूसरे विवाह करता है तो वह धारा 494 के अधीन देवी वाक्य अपराध में दोषी होगा।

 

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धारा 494 वकील की भूमिका?

वकील की भूमिका प्रत्येक कानूनी मामलों में रहती है चाहे वह कानूनी परामर्श के लिए या कानूनी दांवपेच के लिए लेकिन वकील की भूमिका एक महत्वपूर्ण होती है अगर धारा 494 ईएफआईआर रिपोर्ट अगर किसी व्यक्ति को दर्ज होते हैं

तो उसे न्यायालय के अंदर जमात लेने के लिए वकील की आवश्यकता होती है और वकील ही एक ऐसा व्यक्ति है जो आपको ऐसे मामलों से बरी करवा सकता है वकील ऐसा ढूंढो जो कि अपराधिक मामलों में पारंगत हो और बहुत से अपराधिक मामलों में उसने लोगों को बरी कराया आप को नियुक्त करना होता है इसलिए हर केस में वकील की भूमिका बहुत अहम रहती है

 

Mylegaladvice ब्लॉग पर आने के लिए यहाँ पे ब्लॉग पढ़ने के लिए मैं आपका तह दिल से अभारी रहूंगा और आप सभी साथीयो दोस्तो का मैं बहुत बहुत धन्यवाद करता हु इस ब्लॉग के संबंध मे आपका कोई ही सवाल है जिसका जवाब जानने के आप इछुक है तो आप कमेंट बॉक्स मैं मूझसे पुछ सकते है।।

 

7 thoughts on “धारा 494 आईपीसी क्या है? पूरी जानकारी”

  1. Me Hindu dharm se hu meri shadi 2012 me hindu riti se hui thi 6 dec 2013 me ek bete ka janm hua 2016 me meri wife parivarik jhgde me mere bachhe ko uske ghar le ke chali gai 2 mahine bad mere papa mere bachhe ko leke mere ghar aa gaye uske bad Mene wife ko lane ke liye bahut pryas kiye mahila bal vikas me aavedan diya PR vo nhi aai or samajik satar court se ek notice bhi diya ki me use Lana chahta hu or lane ke liye case file karunga PR Mene case nhi kiya kyuki isse halat or bigad jayenge PR usne use pitaji ke sath milke talak ke liye 2018 me hi case laga diya, par Mene court me bhi yhi Bola me talak nhi chahta meri wife ne court me judge ke samne hi mere bachhe ko apne pas rakhne se mana kr diya or Bola ki me to talak chahti hu phir dhara 24 ka aadesh 10 January 2019 ko ho gaya phir 19 02 2019 ko usne dusri shadi kr li jabki hamara abhi talak bhi nhi hua dhara,, jiska mujhe 10 12 din bad chla Mene police complain bhi ki pr unhone kaha ki court se hi dhara 494 kaprivate case lagao phir Mene 1 sal tk sabut ke liye wait kiya kyoki me use or uske gharvalo ko saja dilvana chahta tha kyuki usne meri or mere bete ki zindagi kharab kar di thi, ab 24 February 2020 ko dusri shadi se ek ladki hui he jiska hospital se Mene praman le liya he, or ladli laxmi certificate bhi he, samgra I’d, rashan card, voter card, or gram panchayt se letterped pr bhi likha hua ye sab proof lakar Mene court me dhara 494,116 ka case 27 08 2021 ko kr diya 29 03 2022 ko notice pahuch jayega jisme Mene uske mummy, papa uske pati, saas, sasur, devar ka name likhvaya he or abhi to dhara 13ke case ki uski gavahi bhi nhi hui or us case me vo 2 salo se aa bhi nhi rhi he mere vakil bolte he ki 2 sal se jyada ki saja nhi ho sakti lekin niyam to 7 salo ka he kitne dino me case khatam ho jayega use saza to zarur hogi na pliz uchit rai dijiye mere mummy papa bhi mujhe dusri shadi krne ka preshar Dal rhe he mere bete ko bhi ma ki jarurat he pr me chahta hu ki case clear hone ke bad hi dusri shadi karu

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