नमस्कार दोस्तो
आज हम बात करने जा रहे हैं धारा 437 सीआरपीसी क्या है धारा 437 सीआरपीसी एक महत्वपूर्ण जानकारी है सभी व्यक्तियों के लिए जैसे कि यह जमानत से संबंधित प्रार्थना पत्र है जब किसी अभियुक्त को न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण या सरेंडर किया जाता है तो धारा 437 सीआरपीसी का प्रार्थना पत्र न्यायालय के समक्ष अभियुक्त की ओर वकील द्वारा प्रस्तुत किया जाता है।
और न्यायालय द्वारा उस प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की जाती है कई मामलों में अभियुक्त को जमानत मिल जाती है और न्यायालय द्वारा बंद पत्र मांगा जाता है जिसमें किसी व्यक्ति की द्वारा अभियुक्त की जमानत देनी होती है । उसके साथ में न्यायालय द्वारा धारा 446 सीआरपीसी की कार्यवाही भी खोली जाती है और अभियुक्त पर जुर्माना भी लगाया जाता है देखते हैं इसका प्रारूप धारा 437 सीआरपीसी का हिंदी फॉर्मेट क्या है।
धारा 437 सीआरपीसी का हिंदी प्रारूप?
धारा 437 का प्रारूप कैसे लिखा जाता है जो निम्न प्रकार से है।
न्यायालय मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट क्रम संख्या….
जिला…..राज्य
सरकार बनाम अभियुक्त का नाम……
मुकदमा संख्या……
पुलिस थाना ………
विषय- प्रार्थना पत्र बाबत अंतर्गत धारा 437 सीआरपीसी
महोदय
प्रार्थना पत्र निम्न प्रकार प्रस्तुत है
- यह की प्रार्थी/अभियुक्त को प्रकरण में पुलिस थाना अधिकारी पुलिस थाना ………??मैं अभियुक्त को दिनांक…………….के साथ मारपीट करने के अपराध में गिरफ्तार किया है
- यह की प्रार्थी/अभियुक्त को इस प्रकरण में गलत रूप से फंसाया गया है अभियुक्त सर्वदा निर्दोष है अभियुक्त ने कभी किसी के साथ मारपीट नहीं करी है।
- यह की प्रार्थी/अभियुक्त अपने परिवार का पालन पोषण करने वाला एकमात्र व्यक्ति है अभी उसके अलावा परिवार में अन्य कोई कमाने वाला नहीं है यदि अब जेल चला गया तो अभियुक्त के परिवार वालों को पालन पोषण होना मुश्किल हो जाएगा।
- यह कि प्रार्थी/अभियुक्त से कुछ बरामद होना शेष नहीं रहा है
- यह की प्रार्थी/अभियुक्तशहर का स्थाई निवासी है भागने का कोई अंदेशा नहीं है एवं शहर में अचल संपत्ति है जिसकी कीमत करीब रुपए………. है
- यह कि प्रार्थी/अभियुक्त माननीय न्यायालय के आदेश अनुसार जमानत मुचलके प्रस्तुत करने के लिए तत्पर एवं तैयार है
अतः प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर निवेदन है कि अभियुक्त को जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किया जाकर अभियुक्त को जमानत पर रिहा करने की कृपया करें।
प्रार्थी
अभियुक्त का नाम
स्थान….
दिनांक….
जरिए अधिवक्ता
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