नमस्कार दोस्तो
आज हम आपसे बात करने वाले है।धारा 138 NI Act जिसे हिंदी भाषा मे परक्राम्य लिखित अधिनियम भी कहते है। इस अधिनियम के महत्वपूर्ण आधार ऋण ओर दायित्व को लेकर ही बनाया गया है। आओ हम देखते हैं इसका विस्तार से वर्णन और क्या-क्या अपराध इसमें लागू हैं
धारा 138 NI Act (Negotiable instruments act) का विवरण
जब किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी बैंक में संधारित अपने खाते में से या अपने किसी किसी ऋण अथवा अपने दायित्व को ध्यान में रखते हुए किसी व्यक्ति को उन्मोचित होने के लिए चेक दे दिया गया हो और वह चेक खाते में इंसफिशिएंट फंड यानी की अपर्याप्त राशि होने के कारण बिना भुगतान लुटा दिया हो
या पहले से उस खाते में किसी अन्य व्यक्तियों द्वारा संदाय करने का करार कर दिए जाने के कारण बैंक द्वारा बिना भुगतान किए वापस लौटा दिया जाता है उस स्थिति में ऐसा समझा जाएगा की उस उस व्यक्ति ने अपराध किया है जिसकी सजा चैक राशि जो है उसे दुगुनी तक हो सकेगी व 2 वर्ष का साधारण कारावास से न्ययालय द्वारा दण्डनीय है। यह भी पढे
धारा 138 Ni act चेक बाउंस की प्रक्रिया
धारा 138 NI Act चेक बाउंस करवाने से पहले धयान रखने योग्य बात यही है कि चेक दिनाक से चेक की अवधि 3 महीने की होती है पहले यह 6 महीने की हुआ करती थी उसके पश्चात दिल में परिवर्तन कर दिया गया है जो 3 महीने की होती है चेक दिनांक को ध्यान में रखते हुए चेक को बैंक में लगाना चाहिए
और अगर चेक अनादररित हो जाता है बैंक द्वारा उसके पश्चात बैंक से एक रिटर्न मीमो प्राप्त होता है जिसमें चेक अनादरित होने का स्पष्ट रूप से कारण लिखा होता है
चैक बाउंस होने के पश्चात धारा 138 ni act की प्रक्रिया कुछ इस प्रकार है। चेक बाउंस होने के बाद पहला काम ये होता है कि एक अच्छा वकील आपको नियुक्त करना होता है।वकील के माध्यम से आप एक लिखित विधिक नोटिस देना होता है जिसने आपको अपने खाते का चैक जारी किया हैं।जिसमे 15 दिवस का समय दिया जाता है।पेसो के भुगतान के लिए।
अगर 15 दिवस के अंदर आपको उसके द्वारा कोई संतोषजनक जवाब ना मिले या आपको आपकी धनराशि का भुगतान ना हो उसके पश्चात आप वकील के माध्यम से न्ययालय के अंतर्गत 15 दिन के बाद अपने बैंक के क्षेत्र अधिकार के अनुसार न्ययालय के समक्ष पेश की जाती है।न्ययालय द्वारा फ़ाइल का अवलोकन करने के पश्चात न्ययालय द्वारा प्रश्नज्ञान ले लिया जाता है
और चैक जारीकर्ता के अभियुक्त व्यक्ति के समन जारी कर दिए जाते है। अगर समन की तमिल हो जाने के पश्चात न्ययालय में अभियुक्त पेश नहीं होता है।तो न्ययालय द्वारा जमानती वारंट निकाल दिया जाता है। उसके पश्चात अगर अभियुक्त न्यायालय में हाजिर नही होता है तो न्ययालय द्वारा अरेस्ट वारन्ट निकाल दिया जाता है।
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चेक बाउंस मामले में कौन कौन से दस्तावेज जरूरी हैं
धारा 138 NI Act चेक बाउंस मामले को न्यायालय समक्ष पेश करने के लिए कोन कोंन से दस्तावेजो कि आवश्यकता होती है या कोन कोन से दस्तावेज जरूरी होते है।मामले को न्ययालय के समक्ष पेश करने के लिये।
धारा 138 NI Act चेक बाउंस के मामले में दस्तावेज निम्न प्रकार से है।
- 1मूल चेक
- 2मूल रिटर्न मिमो बैंक द्वारा दिया गया।
- 3विधिक नोटिस की कॉपी जो आपने वकील के माध्यम से चेक जारीकर्ता को दिया हो।
- 4डाक की रसीद जिससे विधिक नोटिस भेजा हो।
- 5ट्रैकिंग रिपोर्ट ट्रैकिंग रिपोर्ट वो होती है।जिससे अपने द्वारा डाक से भेजा गया नोटिस की लोकेशन ट्रैक होती है कि नोटिस उस व्यक्ति को मिला या नही।
- 6ओर अगर अतिरिक्त कोई चेक राशि को लेकर या उस चेक के संबंध में कोई दोनो पक्षकारों के मध्य कोई इकरारनामा हुआ हो तो।
- इस प्रकार इन सब दस्तावेजों की न्ययालय मे चेक बाउंस मामले को पेश करने के लिए अति आवश्यक होते है।
धारा 138 NI Act चेक बाउंस मामले में सजा के क्या प्रावधान हैं
चेक बाउंस मामला Negotiable instrumentsकी धारा 138 के अंतर्गत प्रावधान बताए गए हैं यह एक स्पेशल एक्ट बनाया गया है Negotiable instruments एक्ट 1881 के अनुसार किसी व्यक्ति का चेक बाउंस हो जाना अपराधी श्रेणी अपराधी जोकि अपराधिक न्यायालय द्वारा विचार नहीं होता है जिसका विचारण किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा किया जा सकता है
चेक बाउंस मामले के अंतर्गत मजिस्ट्रेट द्वारा चेक राशि का दुगुना जुर्माना किया जा सकता है और 2 वर्ष तक का कारावास का प्रावधान है अथवा दोनों भी किए जा सकते हैं यह एक क्रिमिनल ऑफेंस है इसके अंतर्गत कई मामलों में तो ऐसा भी देखा गया है न्यायालय द्वारा अभियुक्त को सजा कर दी जाती है निचली अदालत से अगर अभियुक्त को सजा कर दी जाती है उसके पश्चात अभियुक्त के पास अपील करने का अधिकार होता है जो कि जिला न्यायाधीश के समक्ष 30 दिन के समय के भीतर अभियुक्त वकील के माध्यम से अपील कर सकता है
चेक बाउंस मामले में जमानत कैसे ली जाती है और जमानत के क्या प्रावधान है
धारा 138 एन आई एक्ट जोकि चेक बाउंस के मामले उसके अंतर्गत आते हैं इसके अंदर गर्ल जमानत कुछ इस प्रकार ली जाए अगर न्यायालय द्वारा आप को समन जारी किया जाता है प्रथम बार अगर किसी कारणवश आप संबंध में न्यायालय में उपस्थित होने में असमर्थ रहे उसके पश्चात न्यायालय द्वारा आप जमानती वारंट जारी किया जाता है
जमानती वारंट के अंतर्गत न्यायालय में आपको एक वकील नियुक्त करना होता है और न्यायालय के समक्ष हाजिर होना होता है। आपके वकील द्वारा आपकी पैरवी करते समय तर्क दिए जाते हैं और न्यायालय जमानती वारंट में जमानत मंजूर कर लेती है उसके पश्चात आपको जमानत मुचलके न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने होते हैं और न्यायालय के आदेशानुसार जो भी जितनी भी जमानत न्यायालय ने आदेश में लिखी हो उतनी राशि का जमानती के दस्तावेज लगाने होते हैं जो कि आप की जमानत लेता है।
चेक बाउंस मामले में अरेस्ट वारंट में जमानत कैसे ली जाती है
धारा 138 एन आई एक्ट चेक बाउंस मामले में अरेस्ट वारंट में जमानत के प्रावधान कुछ इस प्रकार बताए गए हैं न्यायालय द्वारा जब जमानती वारंट अभियुक्त का जारी किया जाता है उसके पश्चात भी वारंट अभियुक्त को हो जाता है इसका मतलब यह है कि वारंट की सर्विस होना अगर अभियुक्त को सूचना मिल गई हो कि न्यायालय द्वारा अमित के नाम का वारंट जारी किया गया है
फिर भी वह न्यायालय में उपस्थित नहीं होता है तो न्यायालय द्वारा अरेस्ट वारंट जारी किया जाता है जोखिम संबंधित पुलिस थाने में जाता है और पुलिस द्वारा अभियुक्त को लाया जाता है और न्यायालय में 24 घंटे के अंदर पेश किया जाता है इस प्रावधान में भी आपको एक अपराधिक निपुण वकील करना होता है जो कि अनुभवी हो और अपराधिक मामलों में पारंगत हो ऐसा वकील आपको नियुक्त करना होता है
उसके द्वारा आप की बेल अरगुमेंट की जाती है और न्यायालय द्वारा जमानत मंजूर कर ली जाती है सभी मामलों में जमानत मंजूर नहीं की जाती है लेकिन न्यायालय द्वारा अरेस्ट वारंट में भी जमानत मंजूर कर ली जाती है और धारा 446 सीआरपीसी के अंतर्गत जुर्माना भी लगाया जाता है और न्यायालय के समक्ष अभियुक्त को जमानत मुचलके पेश करने होते हैं और न्यायालय द्वारा जमानत की राशि जो भी मांगी गई है जमानती के दस्तावेज पेश करने होते हैं इस प्रकार अरेस्ट वारंट में अभियुक्त को जमानत मिलती है
चेक बाउंस मामले में क्या-क्या नियम आवश्यक हैं
चेक बाउंस मामले में हम देखते हैं कि हमारे द्वारा कुछ नियमों को ध्यान में रखना अति आवश्यक होता है चेक बाउंस होने के पश्चात हमें जो भी प्रक्रिया पूरी करनी होती है उसके कुछ नियम निम्न प्रकार है।
- धारा 138 NI Act 1881 के चेक बाउंस होने के पश्चात चेक के साथ संलग्न रिटर्न मेमो जो कि बैंक द्वारा दिया जाता है जिसके अंतर्गत चेक बाउंस होने का कारण लिखा हुआ होता है चेक बाउंस होने के पश्चात जारीकर्ता व्यक्ति को विधिक नोटिस वकील के माध्यम से 15 दिवस का जिसमें समय होता है वह भिजवा ना आवश्यक है
- यदि वकील के माध्यम से विधिक नोटिस भिजवाने के पश्चात भी 15 दिवस के अंतर्गत चेक जारी करता या अभियुक्त का कोई जवाब नहीं आता है तो 15 दिवस के पश्चात परिवादी द्वारा या उस व्यक्ति द्वारा जिसने चेक लगाया हो न्यायालय के समक्ष परिवाद दायर कर सकता है
- न्यायालय के अंतर्गतधारा 138 NI Act चेक बाउंस मामले कॉल लगाने के लिए आवश्यक दस्तावेज मूल चेक मूल, रिटर्न मिमो, विधिक नोटिस, डाक विभाग की रसीद ट्रैकिंग रिपोर्ट इत्यादि संलग्न करना फाइल में या परिवाद में अति आवश्यक है
- चेक बाउंस मामले में न्यायालय के समक्ष अगर किसी व्यक्ति ने ऋण के लिए चेक दिया हो या किसी उपहार के लिए दिया हो तो मुकदमा चलाया जा सकता है कानून की नजर में डिफाल्टर के खिलाफ मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है।
चेक बाउंस से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां एवम सवाल
चेक बाउंस से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों ओर सवालों से आपको अवगत कराना चाहते है।कि कोन कोन सी ऐसी महत्वपूर्ण जानकारियां है।जो निम्न प्रकार से है।
ब्लेंक चेक देने पर चेक बाउंस का केस बनता है
हमारे भारत देश के उच्चतम न्यायालय ने बहुत बार अपने कई आदेशो में इस बात को साफ कर दिया है कि अगर कोई व्यक्ति देनदारी के लिए चेक पर केवल हस्ताक्षर करके किसी को दिया है।तो चेक लेने वाला पक्षकार उस देनदारी के हिसाब से उक्त चेक को भर सकता है।ओर चेक बाउंस का केस कर सकता है।इसी वर्ष में उच्चतम न्यायालय के एक केस में अपना फैसला सुनाते हुए इस मुद्दे की स्थिति को साफ कर दिया है।M/S Kalamani tex vs Balasubramanian on 10th february 2021 में फैसला सुनाया गया है।
खाता बंद और हस्ताक्षर भिन्न होने पर भी होता है चेक बाउंस केस
आज कल आमतौर पर लोगो को ये लगता है कि बैंक खाते में पैसा ना होने पर है चेक बाउंस कक केस होता है।और कुछ लोग बैंक खाता बंद करवा देते है लेकिन में आपको स्पष्ट कर देता हूं कि बैंक अकाउंट क्लोज होने पर भी चेक बाउंस का केस बनता है।
ओर हस्ताक्षर भिन्न होने पर भी बनता है चेक बाउंस का केस जो कि उच्चतम न्यायालय द्वारा 27 नवम्बर 2012 में एक मुद्दे में फैसला सुनाया था।।Laxmi dyechem vs State of gujrat ये केस का टाइटल है।
यदि किसी व्यक्ति द्वारा गारंटर बंद कर चेक दिया जाता है तो उस व्यक्ति के खिलाफ चेक बाउंस का केस बनता है
गारंटर बनकर अगर चेक दिया जाता है तो भी चेक बाउंस का केस बनता है किसी भी व्यक्ति की तरफ से जिम्मेदारी ली जाती है और उस जिम्मेदारी के तहत आप द्वारा कोई चेक आपके नाम का जारी किए किया जाता है तो उसी स्थिति में भी आप के खिलाफ चेक बाउंस का केस चल सकता है जोकि उच्चतम न्यायालय ने सन 2002 में स्पष्ट रूप से कही थी।
धारा 138 एन आई एक्ट चेक बाउंस मामले नये प्रावधान क्या है
धारा 138 एन आई एक्ट में कुछ नए प्रावधान किए गए हैं चेक की विश्वसनीयता को बढ़ाने के लिए इसी उद्देश्य से संसद में एन आई एक्ट में संशोधन अधिनियम 2018 में किया गया जिसमें किया गया कि चेक बाउंस के नियमों थोड़ा वक्त किया गया जब कोई चेक बाउंस होता है तो चेक प्राप्त करता अदालत का दरवाजा खटखटा ता है तो एन आई एक्ट अट्ठारह सौ 1881 की धारा 143 A के तहत कोर्ट में चेक प्राप्त करता को चेक जारी करने वाले के द्वारा राहत के तौर पर चेक राशि का 20 प्रतिशत तक का भुगतान करने का आदेश कर सकता है
चेक बाउंस होने पर कुछ अन्य कानूनी रास्ते भी हैं जो निम्न प्रकार है
चेक बाउंस होने पर यह जरूरी नहीं है कि आप नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट अट्ठारह सौ इक्यासी के अंतर्गत ही जाएं आपके पास एक अधिकार और होता है जिस व्यक्ति का चेक बाउंस हो गया है उस व्यक्ति के खिलाफ आप सिविल न्यायालय में भी जा सकते हैं सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 37 के तहत सिविल न्यायालय में एक सिविल मुकदमा भी दायर कर सकते हैं परंतु इसमें आपको चेक राशि के हिसाब से न्याय शुल्क देना होता है।
और जिस व्यक्ति का चेक बाउंस हो गया है उस व्यक्ति के खिलाफ आवाज धारा 420 आईपीसी के तहत की अपराधिक न्यायालय में मुकदमा दायर करवा सकते हैं
धारा 138 एन आई एक्ट चेक बाउंस मामले में वकील की जरूरत क्यों होती है
आमजन में आपने सुना होगा वैसे तो प्रत्येक मुकदमे में वकील की जरूरत होती है लेकिन चेक बाउंस मामले में अगर आप अभियुक्त हैं तो आपकी बेल करवाने या जमानत करवाने में और केस की पैरवी करने में वकील की आवश्यकता होती है अगर आप परिवादी हैं
परिवादी मतलब केस करने वाले व्यक्ति हैं तो भी आप को न्यायालय के समक्ष जाकर केस करने के लिए एक अधिवक्ता या वकील की आवश्यकता होती है वह आपके केस की पैरवी करता है और आप को न्याय दिलाने में सक्षम होता है
वकील ऐसा ही नियुक्त करें जो कि अपराधिक मामलों में निपुण एवं सकुशल हो जो कि अपराधिक मामलों में पारंगत हो जिसमें न्यायालय के समक्ष आपको न्याय दिलाने में सक्षम हो इस प्रकार का वकील आप को नियुक्त करना होता है इसलिए इस मामले में वकील की आवश्यकता होती है
आवश्यक सलाह
नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट सेक्टर 18 सो 81 के तहत चेक बाउंस का केस लड़ना ही आपके लिए सही होता है जिसके अंतर्गत खर्चा और समय दोनों कम लगता है परंतु कानूनी परामर्श लेकर ही आपको चेक बाउंस का केस करना चाहिए जो भी करें कानूनी परामर्श के साथ काम करें।
Mylegaladvice ब्लॉग पर आने के लिए यहाँ पे ब्लॉग पढ़ने के लिए मैं आपका तह दिल से अभारी रहूंगा और आप सभी साथीयो दोस्तो का मैं बहुत बहुत धन्यवाद करता हु इस ब्लॉग के संबंध मे आपका कोई ही सवाल है जिसका जवाब जानने के आप इछुक है तो आप कमेंट बॉक्स मैं मूझसे पुछ सकते है।।
मेरा नाम दीपेन्द्र सिंह है पेशे से मे एक वकील हू| MYLEGALADVICE ब्लॉग का लेखक हू यहा से आप सभी प्रकार की कानून से संबंद रखने वाली हर जानकारी देता रहूँगा जो आपके लिए हमेशा उपयोगी रहेगी | इसी अनुभव के साथ जरूरत मंद लोगों कानूनी सलाह देने के लिए यक छोटा स प्रयास किया है आशा करता हू की मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपके लिए उपयोगी रहे |यदि आपको कोई कानूनी सलाह या जानकारी लेनी हो तो नीचे दिए गए संपर्क सूत्रों के माध्यम से हमसे संपर्क कर सकते है |
I Like you post and suggestion sir you are very great advocate . It’s very helpful for me…..
Thank you again sir….
सर यदि अनावेदक का चैक बाउंस हो गया है और प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन हैं और आरोप पत्र के पश्चात् आवेदक/अधिवक्ता द्वारा
न्यायालय में अनावेदक से चैक में वर्णित राशि का 20 प्रतिशत राशि जमा करने हेतू दिये गये आवेदन पत्र धारा 143/(1) पराक्रम लिखत अधिनियम में परिवाद के इस प्रक्रम में किन आधारों/स्थितियों में अनावेदक को राहत मिल सकती है!
आप चेक बाउंस केस मे अभियुक्त हो आपने 20% राशि जमा भी करवा दी राहत या तो दोनों पक्षकारों मे राजीनामा हो या पूरी चेक राशि का डी डी आप कोर्ट मे पेश करे तब हो सकता है
दीपेन्द्र जी नमस्कार आपकी सलाह देने के लिए धन्यवाद आपकी बात से संतुष्ट हूं परंतु मैं ये जानना चाहता हूं की चाहता हूं कि (अनावेदक के रूप में) न्यायालय में चार्ज लगने के बाद आवेदक द्वारा कोर्ट में दिए गए आवेदन बाउंस हुए चैक की राशि के 20 प्रतिशत राशि जमा करने को कहां जाता है, यदि वर्तमान समय कोविड,के कारण आय के सभी साधन बंद, बीमारी, किसी अन्य, समस्या के कारण किसी आधार पर छूट का कोई उपचार, वर्तमान में उक्त राशि न जमा कर सक पाने की स्थिति में होने से ( कोई छूट ) मामले के आगे विचाराधीन रहने अथवा मामले की कार्यवाही में सहयोग करेंगा कोई भी बहाना या अनियमितता नहीं करेगा।
jayda jankari ke liye ap humse sampark kar skate hai
Hello sir,
Mein ek company me 2% ki directorship hold karta tha mere kariye kal me jo unsecured loan liye the unki payment time par hoti thi phir mene us company se directorship se resign de kar kahi aur kaam karne lag Gaya, baad me pata chala ki mere resign karne ke 4 month ke baad company ne loan default kar diye hai…. jub company ne np kare loan tub me na toh director tha na hi company me working tha kya tub bhi mujh par ni act 138 ka case chalega….
And joint bank account nahi tha and jo dusre director the jinke pass 98% holding thi company ki woh main signatory the.
Kya phir bhi mere par case banega ni act 138 ka. Kyuki mere pass court ka sammons aaye hain. Ab mujhe kya karna chaiye kirpaya kar ke uchit paramarsh de….
Thank you
8882323681
kha ka mamla hai ye
Delhi
ni 138 ke matter me sammons aaye hue hai kis date pe court me apko bulaya hai
Any suggestion sir
humare dwara apse sampark kar liya jayga
सर मेरे चाचा के लड़के ने मेरा चेक बाउंस करवा कर मुझ पर फर्जी केस कर दिया ही जो की 3 साल से चल रहा है। मेरा उस अकाउंट में सिर्फ स्कॉलरशिप का पैसा आता था।
अभी मेरे ऊपर 138 का केस चालू है।
उस चेक में सिग्नेचर मेरे ही है लेकिन जो अमाउंट राशि और हाथ का लिखा हुआ मेरा नही है। इसके लिए कुछ मदत कर सकते हो सर आप मेरी इससे फ्री होने का कोई रास्ता बताए।
यह केस पूरा का पूरा फ्रायड है मेरे साथ फ्रायड किया गया है लेकिन इसका मेरे पास कोई एविडेंस नहीं ही अपने आप को सही साबित करने का।।
kha ka mamla hai ye
अगर chque का stoppayment किया हुआ और वो भी तीन साल पहले बैंक castmercare मे chque गुम होने पर ऑनलाइन फोन करके फिर
chque bounce ka case chal rha hai kya apke uper
सर मेरे चाचा जी का चेक बाउंस हो गया उसको लगभग 3:30 बरस से ज्यादा का समय हो चुका है और अगले सेकंड पार्टी ने अब केस किया है ऐसे में क्या हो सकता है
cheqe pe date dal ke di thi ya with date he apnwe cheqe diya tha
सर अभी 1 जून के लिए नोटिस आया हुआ है सिविल न्यायाधीश मजिस्ट्रेट का
aap email ke madhmyam se humse sampark kar sakte hai notice usi pe sand kr dijiyega humari team ki or se jo bhi achi legal advice apko di jaygi
20% dene ke baad me bacha hua payesha awor anya kharch kab tak mil pata hoga eshake liye kya karna chahiye kripya ye bataiye
file kis stage pe chal rhi hai
Hello sir,
मेरा चेक bounce हो गया, चैक स्वामी ने स्वयं ही चेक hold कर दिया. और अब बोल रहा है अगर आपसे पैसे लिए जाये तो ले लो.
Sir please help. What can we do?
चेक राशि के संबंध मे कोई लिखित मे लेन देन की कोई रसीद है क्या आपके पास| ज्यादा जानकारी के लिए आप हमारी मेल आईडी पे संपर्क करो हमारे द्वारा आपसे जल्दी ही संपर्क किया जायगा
EMAIL-mylegaladvice099@gmail.com
Good information, but how much time to required to get check bounce money.
no time limit is in check bounce case
सर मैंने और मेरी पत्नी ने एक बैंक से लोन लिया था और बैंक में लोन लेते समय ब्लेंक चैक जमा किये थे अब बैंक वालों ने वो चैक बाउंस करा कर मामला कोर्ट में दें दिया है जबकि मैं बैंक को पूरा पैसा देने को तैयार हूँ हमें अभी कोर्ट से पहला नोटिस मिला है क्या हमें ज़मानत मिल जायेगा
notice konsa h court ka h kya notice ki copy dikhaye .jamanat to mil jaygi ..jayda jankari k liye ap humse sampark kar sakte hai
Email-mylegaladvice099@gmail.com
Sir maine capital trust naam ki company se loan liya tha. Lockdown time ek dusri company ki installments ke cheque bounce hone ki wajah se mere account me lgatar deduction ho rhi hai aur maine paisa account me deposit krwana bnd kr diya jis wajah se ab cheque to bounce ho rhe hain but mai UPI mode se har mhine payment kr rha hu. Ab court case ke sms aa rhe hain to kya kr skta hu please help.
apka cheque bounce krke kise ne court me case file kiya hai kya jayda jankari ke liye ap humse sampark kar sakte hai
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Hello sir,
Kya mein apna existing ni-act case civil mein shift kar sakta hu?
Sir namaskar mera sign kiya hua check kisi ke pas paunch gaya usne mujh par 2lakh ka case kar diya Jabki me is bande ko personally janta tak nahi meine bale karwa li ab me kaise apna bachav karu
sir ap ka check ka agar wo glat upyog liya ja rha hai to ap us bande ke khilaf fir report darj karwa sakte hai jayda jankari ke liye ap humse sampark kar sakte hai
Sir mera 2014-15 me सरकारी sarab ki dukan li thi jisme नुकसान होने की वजह से बीच me chod di thi jisme राजस्व हानि के तहत 17100000 का चेक बाउंस का कैश लगाया he or mera pass कोई चल अचल संपत्ति नहीं है तो मुझे आगे क्या करना पड़ेगा
मेरे अगेन्स्ट चेक बांउस का केश 2014 मे दर्ज किया था,चेक सीहोर(म.प्र)बैंक का था केश उसने अपने नेटिव ग्वालियर मे लगाया था,मेरे वकील ने बताया कि केश खारिज हो गया,क्योंकि केश वहीं लगाया जा सकता था जहाँ चेक बांउस हुआ है,एक रिस्पॉन्सिबल रिश्तेदार की सहायता से पैसा दे दिया गया,रिश्तेदार की डेथ होते ही उसने 2021 फिर से केश कर दिया।
cheak legane wale ka bank account jha hoga whi cheak legta hAI JAYDA JANKARI KE LIYE AP HUMSE SAMPARK KAR SAKTE HAI
पॉजिटिव पे सिस्टम के अंतर्गत अगर पार्टी चेक देती है वह उसकी सूचना बैंक को नहीं देती है और चेक रिटर्न होता है उसके अंतर्गत क्या करें क्या वह भी 138 ni act के अंतर्गत आएगा
jab cheak riturn hua to kis remark ke sath waps mila chek
दीपेंद्र जी एक व्यक्ति मुझसे दो दुकानों के अलॉटमेंट के लिए ₹160000 ले गया था परंतु दुकानें बनाने का केवल बहाना था दुकानें कहीं पर नहीं थी अंत में उसने पैसे वापस करने के लिए हामी भर ली कुछ दिनों पश्चात उसने ₹20000 का एक चेक का एक चेक आपने बंद खाते का दिया जिसको मैंने अदालत में मैं धोखाधड़ी करने तथा संपूर्ण धनराशि वापस करने का मुकदमा दायर किया अदालत ने चेक में लिखी धनराशि वापस करा कर अभियुक्त को 138 धारा से मुक्त कर दिया क्या मैं उस व्यक्ति के खिलाफ खिलाफ 420 की धारा का मुकदमा दोबारा दायर किया जा सकता है अगर किया जा सकता है तो किस अदालत में धन्यवाद
चेक की राशि मिल गई क्या आपको 138 के मुकदमे मे
Sir meny ak log sy 800000 rupay liye the or many unko blank check diya tha unhone 2000000 ki check bhar kar Baunsh kara diya or mukadma lika diya aur me kya karu sir
sir apse pas proff hai kya apne 800000 ka he chk diya tha or jayda jankari ke liye ap humse sampark kar sakte hai
यदि मैंने किसी चेक को स्टॉप पेमेंट बहुत पहले ही करवा रखा है और किसी माध्यम से वह चेक किसी गलत व्यक्ति को मिल गया हो और उसने वह चेक लगा दिया एवं बाउंस हो गया तो भी क्या मैं उत्तरदायी होऊंगा जिस चेक को मेंबहुत पहले ही स्टॉप करवा चुके हूँ।
cheak pe apke sing. hai kya
Sir
Agr अभियुक्त mar jaye to kya उसके son ko party bana sakte hain
Please btye agr hain to please send me rolling if available ezely
Sir Maine ek vyakti se 10 lac business ke liye liya usane mujhse 7%/ month ke hisab se agreement kiya. Lekin kuch time baad mera business barbad ho gya Maine use kuch cheque sign karke de rkha hai. Aur ab vah pressure bna ke jabardasti dusara agreement kra liya jisme usne 11 lac ka cheque mujhse le liya aur 3 months ka time diya hai. Please suggest Maine kya kru.
chk kitne amount ka lgaya hai court me or adhik jankari ke liye ap humse sampark kar sakte ho
Main use 550000 ab tak interest de chuka hu.
Contact no.
email ke madhayam se humse ap sampark kar sakte ho
Sir mera 2014-15 me सरकारी sarab ki dukan li thi jisme नुकसान होने की वजह से बीच me chod di thi jisme राजस्व हानि के तहत 17100000 का चेक बाउंस का कैश लगाया he or mera pass कोई चल अचल संपत्ति नहीं है तो मुझे आगे क्या करना पड़ेगा
चेक बाउंस केस मे आपके पास नोटिस या गया है क्या
Sir Maine ek party se property kharidi DlC amount ke alava different a amount bhi RtGs kar diya security Pete mere 2 check uske pass rehe gaye ab usne check bonce ka case kar diya court se samman mila hai Jo property mujhe sell ki us par kurki ki karvahi aur kai civil matter a lag a lag court mai pending hai aisie mai kaya Karu
kha ka mmla hai ye or case kis stage per hai
Hello sir , mai 138 N.I. act mai accused hu ye case 2015 se chal raha hai aur 1 year se likhit behas dakhil hai ye case notice bhejne k 14th days p hi court mai file kar diya gaya tha pr court ise dismiss nahi kar rahi hai koi rasta bataye sir
file dakhne se he kuch bta paunga baki 14 din me file nhi hota hai baki jayda jankari ke liye ap humse sampark kar skte hai
Email-mylegaladvice099@gmail.com
Sr m govt emlpoyee hu or bnk ne mere acc. Se check lgaker jyada rasi nikal li mne apne pase wapis acc me le liye aplication deker bnk ne 138 nit act me check baunce ka case kr diya ab na koi sammen aaya mere pass sidha hi jmanti varent aaya h jitni rasi unhone nikali h itni bnti bhi ni meri or jb m unko sb dene ko tyar hu to wo mujhse jyada pase le rhe h mera housing board me flate bare check tha ab kya kiya jaye plz help me
check kis karan diya tha apne or jayda jankari ke liye ap humse sampark kar sakte hai
Email-mylegaladvice099@gmail.com
Sir kya stop payment cheqe se bhi 138 act lagoo hota hai. Plz tell me
yes stop payment per cheqe 138 me lga diya jata hai
सर मैं एक चेक सिर्फ साईन कर के दिया था
जो एक बार बाउंस हुआ है उसके बाद मैं
चेक को इसटाप करा दिया में केस से बच
सकता हु
cheqe sing krke kyu diya tha apne amount panding tha kya
मुछको ब्याज पर मार्केट मे बांटने के लिए अमितदिया था १० पर्सेंट पर चार लाख कैस दिया था मूछको
२परसेनट कमिसन देता था उसी के बदले सिर्फ साईन करवा कर चेक लिया था मैं उसके बैंक खाते में दिया हु कोविड महामारी में पैसा टुटने से देना रुक गया तो ११लाख का बाउंस
करा दिया है केस करने लिए फोन पर ४लाख व ब्याज कि बात और किडनेप कि रिकॉर्ड है
देते समय एमाउनट पेंडिंग था चेक पर
Mere check ke muamle ko char saal ho gaye hain jab ki supreme court ka aadesh hai NI ACT. 138 ko 6 month main short out karen Rampur court main 4 saal ha gaye hain yeh mujhe samajh main nahi a raha hai
From
Mohd Jaseem
8057078600
kis stage pe chal rha hai case abhi
Very nice blog superb .Good initiative.
thanks sir
सर मेरा साईन करके दिया हुआ बलेक चेक 29/12/22को बाउनस कराया गया जिसको110000रु भर दिया
मै 30/12/22 को इसटोप करा दिया ओर अब 12/03 /22 से मुकदमे कि धमकि मिल रही है कोई नोटिस नहि मिलि है मे चेक देने के बदले 400000कैस लिया था ओर तिन लाख
वापसी एकाउंट मे दिया हु मै कैसे बचू कोई
उपाय है बातो कि रिकारडीग है मेरे पास
सर, हमारे वकील ने नोटिस में नोटिस प्राप्त होने के 15 दिन के अन्दर पैसा वापस करने की जगह नोटिस भेजने के दिन से 15 दिन में पैसा वापस करने की बात लिख दी है क्या अब हमारा केस कोर्ट में एडमिट होगा
court me case 15 din ke baad he file hota hai or ap uska reply kr de vakil ke madhmyam se kha ka mamla hai ye
Sir meine 20000 viyaz se liyath dely 200 rupiya bhrnath mene 6000 bhrtha uske baad me bhar nhi paaya balnk cake diytha cake baunce karvya he 140000 ki amunt daal kar baunce karvya he 4 saal se case cal rhae aur50000 samdhan ke mang rha he per muje kam se kam hapte me dene he sir halp me
kha ka mamla hai ye 140000 ke amunt ka koi proff diya hai kya usne
Sir mere ghar se blank signed cheque gum ho gaye the, jiski online NCR MAIN JULY 21 me kar di thi, Sept 21 ko cheque bank me submit karakar bounce karwa diya aur ab mujh par 138 ke teht case kar diya, main ye account bhi Feb 21 mein band karwa chuka hun, SIR KIYA HO SAKTA HA……
kha ka mamla hai ye cheque gum hone ki shikayet return me di thi kya
Kisi party ne hume 4 check diye hai kya sabi ka hum ek mukdma ker sakte hai ya aglag aglag kerna padega
ha sabhi pe kar sakte hai
Cheque bounce se related kuch jankari leni hai please contact larein
ap humari mail id pe jake humse legal advice le sakte hai or sampark bhi kr sakte hai
Sir, mane 1cheqe Kisi ko maal bhejne k lia dia tha. Par usne maal to bheja nahi Aur jan 23m bounce ka notice bheja tha. Uska mane Koi reply nahi dia. Ab Mujhe 5/4/23ko sms se pata chala ki usne court case kar dia hai. Cheque ka amount 100000/-hai
Wo notice m likh raha hai ki mane usse pase lone k roop m liya tha. Jabki mek c k d pasent hoo Aur mera Abhi kidney transplant 17/2/23hua hai
Is case m mujhe Kya kar na hoga
Please tell me sir
ap humse mail id pe sampark kar sakte hai sand me notice copy
सर जी ₹ १५००००० का चेक २०२० में दिया बैंक में जमा करने पर बॉन्स हो गया उस समय मैं समय सीमा ३० दिन के भीतर लीगल नोटिस नही कर पाया और मैं हमेशा उससे फोन पे / संपर्क में जुड़ा रहा इसका फायदा वह व्यक्ति मेरा खूब उठाया वह व्यक्ति कानून जनता था और मैं कानून में जाना नही चाहता था लेकिन मेरे पास अब कोई रास्ता नही कोट में जाने पर इंसाफ मिलेगा वो कैसे कृपया मार्ग दर्शन करें।
ap vasuli ka dawa kr sakte hai court me uske khilaf baki jayda jankari ke liye ap humse sampark kr sakte hai