Consumer Protection Act 1986 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 क्या हैं

What is Consumer Protection Act 1986 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 क्या हैं

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 क्या हैं कब बनाया गया है आज हम आपके साथ इस लेख के माध्यम से उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम से
सम्बंधित छोटी सी जानकारी आप लोगो तक पहुंचाने का छोटा सा प्रयास कर रहा हु जो की प्रत्येक उपभोक्ता को या प्रत्येक ग्राहक को लाभकारी जानकारी प्राप्त हो सके |
उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी,कालाबाजारी, मिलावट, अधिक मूल्य पर समान को देना, कम नापतोल, वारंटी कार्ड देने के बाद भी सर्विस नहीं देना तभा हर जगह पर ठगा जाना आदि समस्याओं के समाधान के लिए ‘उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986″ बनाया गया।

भारत में उपभोक्ता अधिकार Consumer Rights in India

  • सुरक्षा का अधिकार सुरक्षा का अधिकार का अर्थ है माल और सेवाओं के विपणन के खिलाफ सुरक्षा का अधिकार, जो जीवन और संपत्ति के लिए खतरनाक हैं।
  • सूचना का अधिकार
  • चुनने का अधिकार
  • सुने जाने का अधिकार
  • निवारण का अधिकार
  • उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत उपभोक्ताओं को वस्तु और सेवाओं से सम्बंधित, अनुचित व्यापर प्रथाओं और उपभोक्ताओं के शोषण के खिलाफ निवारण का अधिकार भी प्रदान करती है।
यदि कोई भी दुकानदार उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत प्रदान किये गए अधिकारों का और उपभोक्ताओं के हितों का हनन और शोषण करता है उसके खिलाफ उपभोक्ता स्वयं उभोक्ता न्यायालय में कानूनी कार्यवाही कर उचित न्याय प्राप्त कर सकता है। उपभोक्ता की शिकायतों के निवारण के लिए उपभोक्ता न्यायालयों का घटन किया गया है।
  1. जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम।
  2. राज्य उपवोक्त विवाद निवरण फोरम।
  3. राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निकरण फोरम।
20 लाख तक रकम वाले विवाद के निवारण की सुनवाई जिला उपभोक्ता न्यायालय में होती है।
20 लाख से अधिक 1 करोड़ तक रकम वाले विवाद के निवरण की सुनाई राज्य उपभोक्ता न्यायालय में होती है।
1 करोड़ से अधिक रकम वाले विवादों के निवारण की सुनवाई राष्ट्रीय उपभोक्ता न्यायालय में होती है।

 

उपभोक्ता की मुख्य समस्याएं क्या है What are the main problems of the consumer?

उपभोक्ता को कीमत और गुणवत्ता की तुलना करनी पड़ती है, विशेष रूप से जब उपभोक्ता अनाचार, बेईमान विक्रेताओं द्वारा शोषण, भ्रामक विज्ञापनों जैसी समस्याओं का सामना करते हैं, अतः प्रत्येक व्यक्ति के लिए समझदार उपभोक्ता बनना महत्वपूर्ण हो जाता है।

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साथियों इसी के साथ हम अपने लेख को समाप्त करते हैं हम आशा करते हैं हमारा यह एक आपको पसंद आया होगा तथा समझने योग्य होगा अर्थात Consumer Protection Act की जानकारी आप को पूर्ण रूप से हो गई होगी 

कानूनी सलाह लेने के लिए अथवा पंजीकृत करने के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरूरत होती है  इन सभी सवालों से जुड़ी सारी जानकारी इस लेख के माध्यम से हम आज आप तक पहुंचाने की पूरी कोशिश किए हैं

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